हरिद्वार: कोविड-19 महामारी के बाद देशभर में लगे लॉकडाउन के बाद होने वाले विवाह शादियों का स्वरूप ही बदल गया है. सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस के अनुसार शादी में सिर्फ 50 व्यक्तियों को ही सम्मिलित होने की परमिशन है. ऐसे में ज्यादातर लोग बड़े ही सादगी के साथ विवाह समारोह का आयोजन कर रहे हैं. जिसकी वजह से बिन बैंड बाजा बारात ही शादियां हो रही है. वहीं, बैंड बाजा कारोबार से जुड़े कोरोबारियों का बैंड बजा हुआ है. ये लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से लोगों की खुशियों में सम्मिलित होने वाले बैंड बाजा वालों को पर आर्थिक संकट मंडराया हुआ है. इसके साथ ही शादी ब्याह में अच्छी कमाई करने वाले बग्गी वाले के पास इन दिनों अपने घोड़े को चारा खिलाने तक के लिए पैसे नहीं है. बैंड मालिक शहनवाज का कहना है कि हमारे द्वारा हर साल बैंड कलाकारों का पहले ही ठेका कर लिया जाता है. जिसमें उनको पूरे साल की पेमेंट का लगभग 30 से 40 पर्सेंट एडवांस दे दिया जाता है, लेकिन इस बार ना तो कोई बुकिंग आ रही है और ना ही आने वाले समय में भी कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. वहीं, जो पहले बुकिंग पहले हुई थी, वह सब बुकिंग कैंसिल हो गई है. जिसके कारण व्यवसाय बिल्कुल ही ठप पड़ा हुआ है.
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ऐसे में हालात वेडिंग कारोबार से जुड़े लोगों के घर पर राशन तक के लाले पड़ गए हैं. इन लोगों की मांग है कि सरकार को हमारी तरफ भी ध्यान देना चाहिए और अपनी गाइडलाइंस में बदलाव करके कम से कम डेढ़ सौ आदमियों तक की परमिशन शादी में दे देनी चाहिए.
वहीं, बैंड मालिक समशेद का कहना है कि लगभग 4 महीने से अधिक हो गए हैं. ना तो कोई बुकिंग मिली है ना ही आगे मिलने की कोई संभावना है. अपने पल्ले से कर्मचारियों को पैसे देकर हालत खराब हो गई है. सुबह दुकान खोलकर शाम तक बस ऐसे ही खाली बैठे रहते हैं. हमारी सरकार से मांग है कि सरकार हमारे बारे में भी कुछ सोचें हम पूरी तरह से शादी या अन्य समारोह पर निर्भर हैं.