हरिद्वार: धर्म संसद के दूसरे दिन संत समाज ने हाल ही में सनातन धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) का अभिनंदन किया. संतों ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के ऊपर फूलों का वर्षा की. इस दौरान संतों ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का हर समय साथ देने का संकल्प किया.
हरिद्वार के वेद निकेतन धाम भूपतवाला में हिन्दू स्वाभिमान के तत्वाधान में धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार को धर्म संसद का दूसरा दिन था. धर्म संसद के दूसरे दिन जहां जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) का स्वागत किया गया तो वहीं साधु-संतों ने अपने विचार भी व्यक्त किए.
दूसरे दिन धर्म संसद की प्रस्तावना पर प्रकाश डालते महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि वेद की आज्ञा है कि सम्पूर्ण विश्व को आर्य बनाना हर आर्य का कर्तव्य है. आर्य बनाने का शुभारंभ किसी भी व्यक्ति से उसका अपधर्म छुड़ाकर किया जाता है. सर्वप्रथम कोई भी व्यक्ति अपना धर्म छोड़कर सनातन की शरण लेता है और उसके बाद उसके आर्य बनने का मार्ग प्रशस्त होता है. सनातन की सबसे बड़ी कुरीति जातिवाद है, जो किसी भी विधर्मी को सनातन में आने से रोक देता है. परंतु आज के युवा संत और सामाजिक कार्यकर्ता इस बुराई को समाप्त को करने के लिये कृत संकल्पित दिखाई दे रहे हैं. अब जातिवाद को छोड़कर मार्ग प्रशस्त हो रहा है.
उन्होंने कहा कि सनातन की ओर विश्व के वापस आने लगा है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण वसीम रिजवी का जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो जाना. यह तब सम्भव हुआ जब त्यागी समाज के युवाओं ने आगे बढ़कर ईरानी मूल के सैय्यद मुसलमान वसीम रिजवी को अपने समाज में भाई की तरह सम्मिलित किया और उनके साथ हर तरह का सम्बंध स्थापित करने का प्रण लिया. सब हिन्दुओं के हर समाज को आगे बढ़कर त्यागी समाज का अनुसरण करना है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रविन्द्र पुरी ने इस मुहिम का समर्थन करते हुए इसमें हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया.