हरिद्वार: अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य और भाई अंकित आर्य को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसके साथ ही अंकित आर्य को आयोग के पद से भी हटा दिया गया है. हरिद्वार स्थित विनोद आर्य के घर पर भी अधिकारियों की टीम पहुंची, अधिकारियों ने विनोद आर्य के घर के सामने नपाई की. विनोद आर्य के घर पहुंचने वाली टीम में राजस्व, विकास प्राधिकरण और नगर निगम की टीम शामिल थी.
विनोद आर्य ने पार्टी से निकाले जाने पर कहा कि उन्होंने एक ही पहले ही पार्टी से और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था ताकि जांच प्रभावित न हो. विनोद आर्य ने कहा कि प्रशासन जो भी कार्रवाई करना चाहता है. वह पूरी तरह से सहयोग करेंगे. इसी के साथ ही विनोद विनोद आर्य ने कहा कि जो भी सच है, वह सबके सामने आना चाहिए. बेटी अंकिता को इंसाफ मिलना चाहिए.
वहीं, पुलकित आर्य के चाल-चलन पर बोलते हुए विनोद आर्य ने बताया कि उसके खिलाफ जो बातें फैलाई जा रही हैं, वो गलत हैं. वो अपने व्यवसाय को बढ़ाने में ही लगा रहता था और वह काफी समय से इसी के चलते घर से भी अलग था. प्रदेशभर में साथ वो भी चाहते हैं कि अंकिता तो इंसाफ मिले और पुलकित का सच भी सामने आए. जांच में अगर वो दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई के लिए तैयार हैं.
अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder) के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (main accused Pulkit Arya) के अब नए-नए कारनामे सामने आ रहे (Ankita Bhandari latest News) हैं. पुलकित आर्य का विवादों से पुराना नाता रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में पुलकित आर्य के करीबियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलकित आर्य के करीबियों की मानें तो वो साइको किस्म का व्यक्ति है. उसके अंदर किसी का भी डर नहीं है.
पुलकित आर्य का राजनीति बैकग्राउंड: पुलकित आर्य राजनीतिक परिवार से आता है. पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य बीजेपी सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे हैं. वहीं पुलकित आर्य का बड़ा भाई अंकित आर्य उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में पिछड़ा आयोग को उपाध्यक्ष था, जिसे सरकार और पार्टी ने बाहर कर दिया है.
लग्जरी गाड़ियों का शौकीन: पुलकित आर्य के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. उसके दोस्त बताते हैं कि पुलकित आर्य को लग्जरी गाड़ियों का शौक है. पुलकित के दोस्तों की मानें तो वो अक्सर उसे गलत कामों के लिए रोका करते थे, लेकिन वो उनकी कभी नहीं सुनता था. घर वाले उसकी इन हरकतों से वाकिफ थे, लेकिन उसके गुस्से के आगे सब बेबस थे.