लक्सर: हरिद्वार के लक्सर तहसील क्षेत्र अंतर्गत गांव मोहम्मदपुर के ग्रामीणों का आरोप है कि मोहम्मदपुर बुजुर्ग बहुउद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति में एआर ने नियुक्त सचिव को चार्ज नहीं दिया है. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि सिंडिकेट ने अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर रहा है. साथ ही समिति में लगभग 20 लाख के गबन के आरोपी सचिव को बचाया जा रहा है. शायद समिति को एक और बड़े गबन का इंतजार है. ग्रामीणों का कहना है कि सिंडिकेट अब उच्चाधिकारियों को ये अहसास कराना चाहता है कि समिति को विभाग नहीं सिंडिकेट चला रहा है.
नाराज ग्रामीणों का कहना है कि समिति सभापति के अनुरोध पर जिला सहायक निबंधक मान सिंह ने कैडर सचिव दिलावर सिंह को 2 सितंबर को समिति प्रबंध निदेशक के पद पर नियुक्त किया था आदेशित किया, कि समिति प्रबंधनिदेशक और समिति कर्मचारी अमृता, समिति प्रबंध निदेशक पद के दायित्वों का निर्वहन करना सुनिश्चित करें. एआर के इस आदेश के बाद नव नियुक्त सचिव को समिति में ज्वाइन किए 1 महीना हो जाने के बाद भी आज तक उन्हें चार्ज नहीं मिल सका है. इस संबंध में समिति सभापति ने बताया कि हमारे द्वारा कई बार कहे जाने के बावजूद भी समिति प्रबंध निदेशक अमृता ने चार्ज नहीं दिया. इसी संबंध में संबंधित अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है. लेकिन अमृता चार्ज देने को राजी ही नहीं है.
ये भी पढ़ें: देहरादून: बद्रीपुर में मां-बेटी पर चाकू से हमला, महिला की हालत नाजुक
वहीं, ग्रामीणों ने मांग की है कि नव नियुक्त सचिव को चार्ज दिलाकर गबन की जांच कराई जाए. इस संबंध में मोहम्मदपुर बुजुर्ग बहुउद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति की लेखाकार अमृता का कहना है कि वो समिति के डायरेक्टर की बिना अनुमति के चार्ज नहीं छोड़ सकतीं. उनका कहना है कि मेरे ऊपर जो 20 रुपए लाख के गबन का आरोप लगाया जा हा है वो सरासर झूठा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी दशा में चार्ज नहीं देंगी. उधर, ग्रामीणों का कहना है कि प्रकरण का सभी विभागीय उच्चाधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में ये बात किसी भारी गड़बड़ी की ओर इशारा करती है.
ये भी पढ़ें: ODF गांव की गजब तस्वीर, अब भी 12 परिवारों को शौचालय का इंतजार
वहीं, इस मामले की उपजिलाधिकारी पूरन सिंह राणा का कहना है कि पूरे प्रकरण का उन्हें शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है. नियुक्त सचिव को अभी तक चार्ज नहीं दिया गया है. साथ ही समिति द्वारा गलत तरीके से भुगतान का मामला सामने आया है. उन्होंने बताया कि प्रकरण के वास्तविकता की जांच के लिए एक कमेटी बीडीओ, नायब तहसीलदार और सचिव की बनाई गई है. ये टीम वास्तविकता से रूबरू कराएगी. जांच के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई हो पाएगी.