हरिद्वारः बहादराबाद के चकबंदी कार्यालय में तैनात लेखपाल को विजिलेंस की टीम ने एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है. लेखपाल का नाम वीरेंद्र कुमार बताया जा रहा है. लेखपाल ग्रामीण से किसी कार्य को कराने के लिए एक लाख की रिश्वत की मांग रहा था. जिसके बाद ग्रामीण ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की. वहीं, ग्रामीण की शिकायत पर विजिलेंस ने मौके पर पहुंचकर लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा लिया.
पुलिस अधीक्षक विजिलेंस रेनू लोहनी ने बताया रुड़की निवासी मोहम्मद युसूफ पुत्र नूर हसन में विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें पीड़ित का आरोप था कि उसकी वसीयत की जमीन को खरीद कर किसी और को बेच दी गई थी. जिसका विवाद एडीएम कोर्ट में चल रहा था. आरोप है कि लेखपाल वीरेंद्र कुमार ने शिकायतकर्ता को धमकाते हुए बताया कि एडीएम कोर्ट में मुकदमा पुलिस में दर्ज कराने के आदेश हो गए हैं. इसे बचाने के लिए लेखपाल ने एक लाख की डिमांड की.
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वहीं, शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने टीम का गठन किया और आरोपी लेखपाल वीरेंद्र कुमार को विजिलेंस ने बहादराबाद से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. जिसके बाद आरोपी के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान सेंटर देहरादून में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. गौर हो कि उत्तराखंड के कई जगहों से रिश्वतखोरी के मामले सामने आ चुके हैं. इससे पहले विकासनर में भी विजिलेंस की टीम ने एक पटवारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद हल्द्वानी में भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पकड़े गए.
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