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Insurance Policy Fraud: इंश्योरेंस पाॅलिसी में हेराफेरी का मामला, दो आरोपियों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार - stf arrested two memberof fake insurance gang

उत्तराखंड एसटीएफ ने हेराफेरी कर वाहनों का फर्जी तरीके इंश्योरेंस बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में कार्रवाई करते हुए एसटीएफ टीम ने रुड़की से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से सैंकड़ों वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस दस्तावेज बरामद हुए हैं.

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Published : Feb 24, 2023, 9:59 PM IST

देहरादून: एसटीएफ ने वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में एसटीएफ की टीम ने रुड़की आरटीओ कार्यालय के सामने एक निजी कार्यालय में छापेमारी की. इस दौरान एसटीएफ ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. मौके से सैकड़ों वाहनों के इंश्योरेंस पॉलिसी बरामद हुई है. आरोप है कि दोनों आरोपी चौपहिया वाहनों को दुपहिया वाहन दिखाकर इंश्योरेंस पॉलिसी में हेराफेरी करने का काम करते थे.

एसटीएफ को सूचना मिली थी की एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो व्यावसायिक वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस और पॉल्यूशन कार्ड बनाकर पैसे कमाता है. जिसकी वजह से राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. टीम ने मामले की जांच की गई तो सूचना सही पाई गई, जिस पर टीम ने रुड़की आरटीओ कार्यालय के सामने एक शख्स के निजी कार्यालय में छापेमारी की. मौके से एसटीएफ की टीम ने आरोपी अब्दुल कादिर और कबीर को पकड़ा. साथ ही कार्यालय में लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बारीकी से खंगाला गया, जिनमें सैकड़ों वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस बनाए जाने के दस्तावेज प्राप्त हुए.
ये भी पढ़ें: Haridwar Fraud Case: मुस्लिम फंड के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी, 15 दिन से कार्यालय बंद और संचालक फरार

एसटीएफ टीम ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की. आरोपियों ने कहा उत्तराखंड में उनके द्वारा ही इस तरह का गिरोह संचालित किया जा रहा है. इस गिरोह में करीब 8 से 10 लोग हैं, जो उत्तराखंड के कई हिस्सों में कमर्शियल वाहनों का फर्जी इंश्योरेंस बना रहे हैं. आरोपियों ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों का इंश्योरेंस 25 हजार से 30 हजार रुपये तक होता है, जिसे ये लोग फर्जी तरीके से इंश्योरेंस तैयार कर मात्र 5 से 7 हजार रुपये में वाहन स्वामियों को उपलब्ध कराते हैं.ये भी पढ़ें: Haridwar Fraud Case: मुस्लिम फंड के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी, 15 दिन से कार्यालय बंद और संचालक फरार

एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने कहा मामले की जांच में सैकड़ों वाहनों के इंश्योरेंस पॉलिसी मिला. जिनका मिलान संबंधित कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी से किया गया तो सभी वाहनों के इंश्योरेंस फर्जी पाए गए. गिरोह के सदस्य चौपहिया वाहनों को दोपहिया वाहन बताकर उसकी इंश्योरेंस पाॅलिसी को बड़े चालाकी से संबंधित कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी में दर्ज कराते थे. उसके बाद दोपहिया वाहन में चारपहिया वाहन का नंबर दर्ज कराकर पॉलिसी को एडिट कर दिया जाता था.

एसटीएफ टीम ने गिरोह के कार्यालय के सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में ले लिया है. साथ ही फर्जी इंश्योरेंस संबंधित दस्तावेज प्राप्त होने पर दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना सिविल लाइन रुड़की में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. गिरोह के 6 सदस्यों की तलाश जारी है.

देहरादून: एसटीएफ ने वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में एसटीएफ की टीम ने रुड़की आरटीओ कार्यालय के सामने एक निजी कार्यालय में छापेमारी की. इस दौरान एसटीएफ ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. मौके से सैकड़ों वाहनों के इंश्योरेंस पॉलिसी बरामद हुई है. आरोप है कि दोनों आरोपी चौपहिया वाहनों को दुपहिया वाहन दिखाकर इंश्योरेंस पॉलिसी में हेराफेरी करने का काम करते थे.

एसटीएफ को सूचना मिली थी की एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो व्यावसायिक वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस और पॉल्यूशन कार्ड बनाकर पैसे कमाता है. जिसकी वजह से राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. टीम ने मामले की जांच की गई तो सूचना सही पाई गई, जिस पर टीम ने रुड़की आरटीओ कार्यालय के सामने एक शख्स के निजी कार्यालय में छापेमारी की. मौके से एसटीएफ की टीम ने आरोपी अब्दुल कादिर और कबीर को पकड़ा. साथ ही कार्यालय में लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बारीकी से खंगाला गया, जिनमें सैकड़ों वाहनों के फर्जी इंश्योरेंस बनाए जाने के दस्तावेज प्राप्त हुए.
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एसटीएफ टीम ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की. आरोपियों ने कहा उत्तराखंड में उनके द्वारा ही इस तरह का गिरोह संचालित किया जा रहा है. इस गिरोह में करीब 8 से 10 लोग हैं, जो उत्तराखंड के कई हिस्सों में कमर्शियल वाहनों का फर्जी इंश्योरेंस बना रहे हैं. आरोपियों ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों का इंश्योरेंस 25 हजार से 30 हजार रुपये तक होता है, जिसे ये लोग फर्जी तरीके से इंश्योरेंस तैयार कर मात्र 5 से 7 हजार रुपये में वाहन स्वामियों को उपलब्ध कराते हैं.ये भी पढ़ें: Haridwar Fraud Case: मुस्लिम फंड के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी, 15 दिन से कार्यालय बंद और संचालक फरार

एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने कहा मामले की जांच में सैकड़ों वाहनों के इंश्योरेंस पॉलिसी मिला. जिनका मिलान संबंधित कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी से किया गया तो सभी वाहनों के इंश्योरेंस फर्जी पाए गए. गिरोह के सदस्य चौपहिया वाहनों को दोपहिया वाहन बताकर उसकी इंश्योरेंस पाॅलिसी को बड़े चालाकी से संबंधित कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी में दर्ज कराते थे. उसके बाद दोपहिया वाहन में चारपहिया वाहन का नंबर दर्ज कराकर पॉलिसी को एडिट कर दिया जाता था.

एसटीएफ टीम ने गिरोह के कार्यालय के सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में ले लिया है. साथ ही फर्जी इंश्योरेंस संबंधित दस्तावेज प्राप्त होने पर दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना सिविल लाइन रुड़की में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. गिरोह के 6 सदस्यों की तलाश जारी है.

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