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हरिद्वार जहरीली शराब कांड का HC ने लिया स्वत: संज्ञान, सरकार को दिया ये आदेश - हरिद्वार जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा

हरिद्वार जहरीली शराब कांड में अभीतक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. हाईकोर्ट ने 9 मौतों का संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने के आदेश पारित किए हैं.

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Published : Sep 14, 2022, 9:21 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने हरिद्वार में जहरीली शराब से 9 मौतों का संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने के आदेश पारित किए हैं. कोर्ट ने आबकारी सचिव को दस दिन के भीतर आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी से मुख्यालय भेजे गए पवन कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें तबादला आदेश को चुनौती दी गई थी.

पढ़ें- जहरीली शराब कांड के बाद प्रभा शंकर मिश्रा हरिद्वार के नए जिला आबकारी अधिकारी नियुक्त

याचिका में कहा गया था कि उन्होंने जून 2020 में जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार का पद संभाला था. पवन कुमार ने कहा कि पद पर रहते रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया था. लेकिन राजनीतिक दबाव में विभाग में 19 दिसंबर 2021 को उनका जिला आबकारी अधिकारी पद से तबादला कर मुख्यालय भेज दिया और ऊधम सिंह नगर के जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को हरिद्वार का जिला आबकारी अधिकारी बना दिया गया.

याचिकाकर्ता के अनुसार बिना किसी आधार के उनका तबादला तीन साल से पहले कर दिया गया. उन्होंने तबादला रद करने की प्रार्थना की थी. कोर्ट ने पवन कुमार को तो किसी तरह की राहत नहीं दी. लेकिन, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाल ही में हरिद्वार में जहरीली शराब से 9 मौतों का संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से हरिद्वार से हटाने के आदेश सरकार को दिए, साथ ही सचिव आबकारी को दस दिन के भीतर आदेश क्रियान्वयन संबंधी दस्तावेज कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार में तैनाती के योग्य नहीं हैं.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने हरिद्वार में जहरीली शराब से 9 मौतों का संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने के आदेश पारित किए हैं. कोर्ट ने आबकारी सचिव को दस दिन के भीतर आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में हरिद्वार के जिला आबकारी अधिकारी से मुख्यालय भेजे गए पवन कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें तबादला आदेश को चुनौती दी गई थी.

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याचिका में कहा गया था कि उन्होंने जून 2020 में जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार का पद संभाला था. पवन कुमार ने कहा कि पद पर रहते रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया था. लेकिन राजनीतिक दबाव में विभाग में 19 दिसंबर 2021 को उनका जिला आबकारी अधिकारी पद से तबादला कर मुख्यालय भेज दिया और ऊधम सिंह नगर के जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को हरिद्वार का जिला आबकारी अधिकारी बना दिया गया.

याचिकाकर्ता के अनुसार बिना किसी आधार के उनका तबादला तीन साल से पहले कर दिया गया. उन्होंने तबादला रद करने की प्रार्थना की थी. कोर्ट ने पवन कुमार को तो किसी तरह की राहत नहीं दी. लेकिन, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाल ही में हरिद्वार में जहरीली शराब से 9 मौतों का संज्ञान लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से हरिद्वार से हटाने के आदेश सरकार को दिए, साथ ही सचिव आबकारी को दस दिन के भीतर आदेश क्रियान्वयन संबंधी दस्तावेज कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार में तैनाती के योग्य नहीं हैं.

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