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भ्रष्ट डीएफओ किशनचंद को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार, सीएम ने दिए सीधी कार्रवाई के आदेश - हरिद्वार न्यूज

राजाजी नेशनल पार्क के पूर्व उपनिदेशक व वर्तमान में प्रभागीय वनाधिकारी जोशीमठ किशन चंद को भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है.

किशनचंद
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Published : Aug 22, 2019, 4:17 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 7:09 PM IST

हरिद्वारः भ्रष्टाचार के मामले में राज्य के एक बड़े नौकरशाह पर बड़ी कार्रवाई हुई है. तत्कालीन डीएफओ और वर्तमान में जोशीमठ के डीएफओ किशनचंद को केंद्रीय विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार राजाजी नेशनल पार्क के पूर्व उपनिदेशक व वर्तमान में प्रभागीय वनाधिकारी जोशीमठ किशन चंद की विजिलेंस जांच के बाद अब उनके खिलाफ मुख्यमंत्री ने सीधी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

1 साल से केंद्रीय विजिलेंस टीम इस दिशा में प्रयासरत थी. किशनचंद के खिलाफ अभी तक जांच में विजिलेंस को 18 लॉकर मिले हैं. बताया जा रहा है कि किशन चंद अकूत संपत्ति के मालिक हैं. किशन चंद हरिद्वार की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री के पति हैं. वे कई मंत्रियों विधायकों और अधिकारियों के करीबी थे.

इससे पहले 16 अगस्त को उनके आवास पर छापा मारा गया, लेकिन वे पुलिस से बच निकले. बताया जा रहा है कि किशनचंद ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. 2001 से लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त किशन चंद पर पूरी तरह से कानूनी शिकंजा कस गया है.

किशन चंद पर भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त काफी लंबी है. वर्ष 2001 से उन पर भ्रष्टाचार के कई मामले हैं. जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम के पद पर रुद्रप्रयाग रहे मगर ड्यूटी पर एक दिन भी नहीं गए.

उन्होंने किसी तरह उप निदेशक राजाजी नेशनल पार्क की जिम्मेदारी संभाली, जबकि वे इस पद के योग्य नहीं थे. इस पद का दायित्व आईएफएस ही संभाल सकता है और किशनचंद प्रोन्नति पर डीएफओ बने हैं. तब रुद्रप्रयाग के डीएम ने उन्हें करीब 100 नोटिस भेजे, लेकिन एक भी जवाब नहीं दिया.

तब डीएम ने मुख्य वन संरक्षक को इसकी रिपेार्ट भेजी और उनके निलंबन की संस्तुति भी की. इसके साथ ही इनकी विजलेंस जांच भी शुरू हुई. आय से अधिक संपति की जांच की गई और पता चला कि किशनचंद ने आय से अधिक धन संपदा जोड़ी है. किशनचंद के तमाम मामले हरीश रावत सरकार में दबा दिए गए थे.

यह भी पढ़ेंः फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर गिरेगी गाज, शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश

बताया जाता है कि तब वे हरीश रावत के बेहद करीब रहे और भ्रष्टाचार की सीमाएं लांघते रहे. हरीश रावत की विदाई के साथ ही किशन चंद की विजिलेंस जांच में तेजी आई.

मुख्यमंत्री ने इसी माह विजिलेंस जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद किशन चंद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए. दूसरी ओर इसकी भनक लगते ही किशन चंद हाई कोर्ट पहुंच गए और उन्होंने गिरफ्तारी रोकने के लिए कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी, लेकिन उनका कोई भी दांव पेंच नहीं चला. केंद्रीय विजिलेंस उन्हें गिरफ्तार कर उन्हें अपने साथ दिल्ली ले गई है.

हरिद्वारः भ्रष्टाचार के मामले में राज्य के एक बड़े नौकरशाह पर बड़ी कार्रवाई हुई है. तत्कालीन डीएफओ और वर्तमान में जोशीमठ के डीएफओ किशनचंद को केंद्रीय विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार राजाजी नेशनल पार्क के पूर्व उपनिदेशक व वर्तमान में प्रभागीय वनाधिकारी जोशीमठ किशन चंद की विजिलेंस जांच के बाद अब उनके खिलाफ मुख्यमंत्री ने सीधी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

1 साल से केंद्रीय विजिलेंस टीम इस दिशा में प्रयासरत थी. किशनचंद के खिलाफ अभी तक जांच में विजिलेंस को 18 लॉकर मिले हैं. बताया जा रहा है कि किशन चंद अकूत संपत्ति के मालिक हैं. किशन चंद हरिद्वार की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री के पति हैं. वे कई मंत्रियों विधायकों और अधिकारियों के करीबी थे.

इससे पहले 16 अगस्त को उनके आवास पर छापा मारा गया, लेकिन वे पुलिस से बच निकले. बताया जा रहा है कि किशनचंद ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. 2001 से लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त किशन चंद पर पूरी तरह से कानूनी शिकंजा कस गया है.

किशन चंद पर भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त काफी लंबी है. वर्ष 2001 से उन पर भ्रष्टाचार के कई मामले हैं. जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम के पद पर रुद्रप्रयाग रहे मगर ड्यूटी पर एक दिन भी नहीं गए.

उन्होंने किसी तरह उप निदेशक राजाजी नेशनल पार्क की जिम्मेदारी संभाली, जबकि वे इस पद के योग्य नहीं थे. इस पद का दायित्व आईएफएस ही संभाल सकता है और किशनचंद प्रोन्नति पर डीएफओ बने हैं. तब रुद्रप्रयाग के डीएम ने उन्हें करीब 100 नोटिस भेजे, लेकिन एक भी जवाब नहीं दिया.

तब डीएम ने मुख्य वन संरक्षक को इसकी रिपेार्ट भेजी और उनके निलंबन की संस्तुति भी की. इसके साथ ही इनकी विजलेंस जांच भी शुरू हुई. आय से अधिक संपति की जांच की गई और पता चला कि किशनचंद ने आय से अधिक धन संपदा जोड़ी है. किशनचंद के तमाम मामले हरीश रावत सरकार में दबा दिए गए थे.

यह भी पढ़ेंः फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर गिरेगी गाज, शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश

बताया जाता है कि तब वे हरीश रावत के बेहद करीब रहे और भ्रष्टाचार की सीमाएं लांघते रहे. हरीश रावत की विदाई के साथ ही किशन चंद की विजिलेंस जांच में तेजी आई.

मुख्यमंत्री ने इसी माह विजिलेंस जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद किशन चंद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए. दूसरी ओर इसकी भनक लगते ही किशन चंद हाई कोर्ट पहुंच गए और उन्होंने गिरफ्तारी रोकने के लिए कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी, लेकिन उनका कोई भी दांव पेंच नहीं चला. केंद्रीय विजिलेंस उन्हें गिरफ्तार कर उन्हें अपने साथ दिल्ली ले गई है.

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Last Updated : Aug 22, 2019, 7:09 PM IST
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