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पिरान कलियर में झंडा कुसाई की रस्म के साथ हुआ उर्स का आगाज, सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात - Preparations for Urs in Piran kaliyar

इस बार कोविड-19 के चलते मात्र 11 अकीदतमंदों का जत्था ही अपने वाहनों से झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचा. जहां दरगाह नायब सज्जादा नशीन अली शाह मियां समेत अन्य सूफियों ने जत्थे का स्वागत किया. आज मुख्य द्वार पर झंड़ा कुसाई (फहराना) की रश्म के बाद उर्स का आगाज हुआ.

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पिरान कलियर में झंड़ा कुसाई का रश्न के साथ हुआ उर्स का आगाज
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Published : Oct 17, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Oct 17, 2020, 9:31 PM IST

रुड़की: सूफी-संतों की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के सालाना उर्स को लेकर हर साल झंडा परचम कुसाई की रस्म को अंजाम दिया जाता है. इस झंडे को बरेली शरीफ से एक पैदल जत्था पिरान कलियर लेकर पहुंचता है. इस बार कोविड-19 के चलते मात्र 11 अकीदतमंदों का जत्था ही अपने वाहनों से झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचा. जहां दरगाह नायब सज्जादा नशीन अली शाह मियां समेत अन्य सूफियों ने जत्थे का स्वागत किया.

पिरान कलियर में झंड़ा कुसाई का रश्न के साथ हुआ उर्स का आगाज

दरगाह नायब सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी ने जत्थे का फूल मालाओं से स्वागत किया. इसके बाद अकीदतमंद दरगाह साबिर पाक के मुख्य द्वार पहुंचे. नायब सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी ने बताया कि हर साल बरेली शरीफ से झंडा लेकर अकीदतमंदों का जत्था पिरान कलियर आता है. जिसके बाद दरगाह के मुख्य द्वार पर झंड़ा कुसाई (फहराना) की रश्म अदा की जाती है. जिसके साथ ही उर्स का आगाज हो जाता है. आज देर शाम झंडा कुसाई की रश्म को अंजाम दिया गया.

पढ़ें- पंतनगर कृषि वैज्ञानिकों ने इजाद की नई मशीन, अब पराली जलाने का झंझट खत्म

कैसे होता है उर्स का आगाज

दरअसल, उर्स की शुरुआत मेहंदी डोरी की रश्म के साथ होती है. चांद दिखाई देने पर मेहंदी डोरी की रश्म को अदा किया जाता है. जिसके बाद उर्स का आगाज होता है. उसमें छोटी रोशनी, बड़ी रोशनी, कुल शरीफ, गुसल शरीफ आदि रश्मों को अदा किया जाता है. जिसमें दूर दराज से भारी संख्या में जायरीन (श्रद्धालु) आते हैं.

पढ़ें- कोरोनाकाल में पुलिस की फजीहत करा देंगी ये तस्वीरें, कैमरे में कैद सबूत

क्या हैं सुरक्षा के इंतजाम

वहीं उर्स के मद्देनजर बात अगर सुरक्षा व्यवस्था की करें तो पुलिस प्रशासन ने भी इसके लिए कमर कस ली है. पुलिस ब्रीफिंग कर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां आने वाले जायरीनों की निगरानी की जा सके. इसके साथ ही कोविड-19 के नियमों का पालन कराने के लिए भी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है. लोगों को जागरूक करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात.


पढ़ें- जल्द विधानसभा में फहराया जाएगा 101 फीट ऊंचा तिरंगा, तैयारियां पूरी


उर्स को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं. वॉच टॉवर से लेकर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाता है जहां से व्यवस्थाएं बनाई जा सके. इस बार पुलिस ने ऐसे 10 स्थानों को चिन्हित किया है जहां से पुलिस उर्स के दौरान जागरुक कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएगी. इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से बैरियर लगाए गए हैं ताकि व्यवस्था सुचारू रहे.

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एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि उर्स के दौरान जांच करने वाली मेडिकल टीमों को भी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो. उन्होंने बताया लगातार अपील की जा रही है कि आने वाले जायरीन कोविड-19 के नियमों का पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें, खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें.

रुड़की: सूफी-संतों की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के सालाना उर्स को लेकर हर साल झंडा परचम कुसाई की रस्म को अंजाम दिया जाता है. इस झंडे को बरेली शरीफ से एक पैदल जत्था पिरान कलियर लेकर पहुंचता है. इस बार कोविड-19 के चलते मात्र 11 अकीदतमंदों का जत्था ही अपने वाहनों से झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचा. जहां दरगाह नायब सज्जादा नशीन अली शाह मियां समेत अन्य सूफियों ने जत्थे का स्वागत किया.

पिरान कलियर में झंड़ा कुसाई का रश्न के साथ हुआ उर्स का आगाज

दरगाह नायब सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी ने जत्थे का फूल मालाओं से स्वागत किया. इसके बाद अकीदतमंद दरगाह साबिर पाक के मुख्य द्वार पहुंचे. नायब सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी ने बताया कि हर साल बरेली शरीफ से झंडा लेकर अकीदतमंदों का जत्था पिरान कलियर आता है. जिसके बाद दरगाह के मुख्य द्वार पर झंड़ा कुसाई (फहराना) की रश्म अदा की जाती है. जिसके साथ ही उर्स का आगाज हो जाता है. आज देर शाम झंडा कुसाई की रश्म को अंजाम दिया गया.

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कैसे होता है उर्स का आगाज

दरअसल, उर्स की शुरुआत मेहंदी डोरी की रश्म के साथ होती है. चांद दिखाई देने पर मेहंदी डोरी की रश्म को अदा किया जाता है. जिसके बाद उर्स का आगाज होता है. उसमें छोटी रोशनी, बड़ी रोशनी, कुल शरीफ, गुसल शरीफ आदि रश्मों को अदा किया जाता है. जिसमें दूर दराज से भारी संख्या में जायरीन (श्रद्धालु) आते हैं.

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क्या हैं सुरक्षा के इंतजाम

वहीं उर्स के मद्देनजर बात अगर सुरक्षा व्यवस्था की करें तो पुलिस प्रशासन ने भी इसके लिए कमर कस ली है. पुलिस ब्रीफिंग कर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां आने वाले जायरीनों की निगरानी की जा सके. इसके साथ ही कोविड-19 के नियमों का पालन कराने के लिए भी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है. लोगों को जागरूक करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात.


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उर्स को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं. वॉच टॉवर से लेकर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाता है जहां से व्यवस्थाएं बनाई जा सके. इस बार पुलिस ने ऐसे 10 स्थानों को चिन्हित किया है जहां से पुलिस उर्स के दौरान जागरुक कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएगी. इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से बैरियर लगाए गए हैं ताकि व्यवस्था सुचारू रहे.

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एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि उर्स के दौरान जांच करने वाली मेडिकल टीमों को भी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो. उन्होंने बताया लगातार अपील की जा रही है कि आने वाले जायरीन कोविड-19 के नियमों का पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें, खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें.

Last Updated : Oct 17, 2020, 9:31 PM IST
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