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रुड़की: पहचान छिपा रह रही 50 हजार की इनामी महिला गिरफ्तार, बच्चों के यौन उत्पीड़न मामले में यूपी STF ने पकड़ा

यूपी के बस्ती जिला स्थित कुटीर आश्रम में बाबा दयानंद उर्फ सचिदानंद को यौन शोषण के लिए बच्चियों को भेजने वाली इनामी आरोपी प्रमिला को यूपी एसटीएफ ने रुड़की से गिरफ्तार किया है.

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पाखंडी बाबा की सहायिका को यूपी STF ने रुड़की से दबोचा
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Published : Jan 26, 2022, 10:00 PM IST

रुड़की: उत्तर प्रदेश एसटीएफ टीम ने दबिश देकर 50 हजार रुपए की इनामी महिला को रुड़की से गिरफ्तार किया है. महिला पिछले कई वर्षो से नाम बदलकर रुड़की में एक नेता के प्रतिनिधि के घर में रह रही थी. महिला पर बच्चियों और महिलाओं को झांसे में लेकर यौन शोषण करवाने का आरोप है. वहीं, मामले का मुख्य आरोपी बाबा दयानंद उर्फ सचिदानंद को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

जानकारी अनुसार 17 दिसंबर 2017 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला स्थित कुटीर आश्रम की कुछ साध्वियों ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद उनके मां-बाप के पास जाता था और कहता था कि बच्ची हमें दे दो. यह मेरी बच्ची है, पूजा-पाठ करेगी और बच्ची को कृष्ण भगवान का दर्शन होगा. बाबा माता-पिता से 8 वर्ष से 12 वर्ष के बच्चियों को ले लेता था और बच्चियों के मां-बाप से 100 रुपये के स्टांप पर एग्रीमेंट करवाता था कि यह मेरी बेटी है और इस बच्ची पर अब मेरी हक नहीं रहेगा.

बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद बच्चियों को ले जाकर आश्रम पर पूजा पाठ करवाता था. कुछ दिन बीत जाने के बाद छोटी-छोटी बच्चियों के साथ जबरन शारीरिक शोषण करता था. जब बच्चियां विरोध करती थी तो उनको मारा पीटा जाता था और धमकी दी जाती थी. वहीं, आश्रम मे पहले से रह रही साध्वी बाबा को बच्चियों का शारीरिक शोषण करने में सहयोग करती थी.

इतना ही नहीं बाबा सच्चिदानंद के साथ जो बाबा रहते थे, वे लोग भी बच्चियों का रेप करते थे. जब पुलिस ने बाबा की गिरफ्तारी के प्रयास किया तो बाबा फरार हो गया था. पुलिस ने उसके ऊपर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. जिसे 2021 में पुलिस ने मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया था. बाबा की सहायिका के रूप में प्रमिला उर्फ पारुल गोयल पुत्री सुनील गोयल निवासी रघुवीर गंज हापुड़ उत्तर प्रदेश कार्य करती थी.

ये भी पढ़ें: रुड़की पुलिस ने फॉर्च्यूनर कार से बरामद किए 3 लाख, नियमों के उल्लंघन पर कांग्रेस प्रत्याशी पर मुकदमा

आरोप है कि महिला छोटी बच्चियों को यौन शोषण के लिए बाबा के पास भेजती थी. साथ ही बच्चियों को किसी को ना बताने की बात कहकर धमकाती थी. बाबा की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रमिला उर्फ पारुल फरार थी. उसके ऊपर भी 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. वहीं, लखनऊ एसटीएफ उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई थी.

वहीं, लखनऊ एसटीएफ को सूचना मिली थी कि महिला रुड़की के गीतांजलि विहार कॉलोनी में नाम बदलकर रह रही है. जिसने यहां एक जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि से शादी की हुई थी. एसटीएफ ने गंगनहर पुलिस को साथ लेते हुए 50 हजार रुपए की इनामी महिला को गिरफ्तार किया और महिला को लखनऊ एसटीएफ अपने साथ ले गई. मामले में कोतवाली प्रभारी ऐश्वर्य पाल ने बताया कि एसटीएफ की टीम लखनऊ से पहुंची थी, जिसके बाद गंगनहर कोतवाली के कॉन्स्टेबल हरि सिंह की मदद से महिला को गिरफ्तार किया गया है.

रुड़की: उत्तर प्रदेश एसटीएफ टीम ने दबिश देकर 50 हजार रुपए की इनामी महिला को रुड़की से गिरफ्तार किया है. महिला पिछले कई वर्षो से नाम बदलकर रुड़की में एक नेता के प्रतिनिधि के घर में रह रही थी. महिला पर बच्चियों और महिलाओं को झांसे में लेकर यौन शोषण करवाने का आरोप है. वहीं, मामले का मुख्य आरोपी बाबा दयानंद उर्फ सचिदानंद को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

जानकारी अनुसार 17 दिसंबर 2017 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला स्थित कुटीर आश्रम की कुछ साध्वियों ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद उनके मां-बाप के पास जाता था और कहता था कि बच्ची हमें दे दो. यह मेरी बच्ची है, पूजा-पाठ करेगी और बच्ची को कृष्ण भगवान का दर्शन होगा. बाबा माता-पिता से 8 वर्ष से 12 वर्ष के बच्चियों को ले लेता था और बच्चियों के मां-बाप से 100 रुपये के स्टांप पर एग्रीमेंट करवाता था कि यह मेरी बेटी है और इस बच्ची पर अब मेरी हक नहीं रहेगा.

बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद बच्चियों को ले जाकर आश्रम पर पूजा पाठ करवाता था. कुछ दिन बीत जाने के बाद छोटी-छोटी बच्चियों के साथ जबरन शारीरिक शोषण करता था. जब बच्चियां विरोध करती थी तो उनको मारा पीटा जाता था और धमकी दी जाती थी. वहीं, आश्रम मे पहले से रह रही साध्वी बाबा को बच्चियों का शारीरिक शोषण करने में सहयोग करती थी.

इतना ही नहीं बाबा सच्चिदानंद के साथ जो बाबा रहते थे, वे लोग भी बच्चियों का रेप करते थे. जब पुलिस ने बाबा की गिरफ्तारी के प्रयास किया तो बाबा फरार हो गया था. पुलिस ने उसके ऊपर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. जिसे 2021 में पुलिस ने मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया था. बाबा की सहायिका के रूप में प्रमिला उर्फ पारुल गोयल पुत्री सुनील गोयल निवासी रघुवीर गंज हापुड़ उत्तर प्रदेश कार्य करती थी.

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आरोप है कि महिला छोटी बच्चियों को यौन शोषण के लिए बाबा के पास भेजती थी. साथ ही बच्चियों को किसी को ना बताने की बात कहकर धमकाती थी. बाबा की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रमिला उर्फ पारुल फरार थी. उसके ऊपर भी 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. वहीं, लखनऊ एसटीएफ उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई थी.

वहीं, लखनऊ एसटीएफ को सूचना मिली थी कि महिला रुड़की के गीतांजलि विहार कॉलोनी में नाम बदलकर रह रही है. जिसने यहां एक जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि से शादी की हुई थी. एसटीएफ ने गंगनहर पुलिस को साथ लेते हुए 50 हजार रुपए की इनामी महिला को गिरफ्तार किया और महिला को लखनऊ एसटीएफ अपने साथ ले गई. मामले में कोतवाली प्रभारी ऐश्वर्य पाल ने बताया कि एसटीएफ की टीम लखनऊ से पहुंची थी, जिसके बाद गंगनहर कोतवाली के कॉन्स्टेबल हरि सिंह की मदद से महिला को गिरफ्तार किया गया है.

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