हरिद्वार: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पतंजलि योगपीठ पहुंचीं. स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने राज्यपाल का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर और शॉल उढ़ाकर किया. रामदेव ने राज्यपाल को पतंजलि अनुसंधान केंद्र ले जाकर, योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधानों के बारे में विस्तृत रूप में बताया.
रामदेव ने राज्यपाल को बताया कि हमने इस अनुसंधान केंद्र में अश्वगंधा पुष्प से प्राकृतिक न्यूट्रिशन बनाने का कार्य किया है. यह कार्य आज से पहले किसी भी स्वदेशी संस्था द्वारा नहीं किया गया. अन्य पद्धति द्वारा न्यूट्रिशन का निर्माण किया जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. यह कई बीमारियों को जन्म देने का कार्य करता है. पतंजलि राष्ट्र को सर्वोपरि समझते हुए देशहित में औषधियों का निर्माण करता है.
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वहीं, आचार्य बालकृष्ण ने राज्यपाल आनंदीबेन को पतंजलि द्वारा निर्मित दुर्लभ जड़ी-बूटियों की नर्सरी से अवगत करवाया. साथ ही दुर्लभ जड़ी बूटियों के बारे में राज्यपाल को विस्तृत रूप से समझाया. बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि कैसे योग व आयुर्वेद के माध्यम से बड़ी से बड़ी बीमारियो का सफल इलाज कर रहा है. इसका उदाहरण पतंजलि ने कोरोना काल मे सिद्ध करके दिखाया है. जब समूर्ण विश्व कोरोना से परेशान था, उसकी दवाई की खोज में लगा हुआ था. तब भारत की स्वदेशी संस्था पतंजलि ने कोरोना की दवाई का निर्माण करके देश का मान एवं सम्मान बढ़ाने का कार्य किया. पतंजलि की कोरोनिल ने देश के लाखों रोगियों की जान बचाने का कार्य किया है.
उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन ने पतंजलि द्वारा किए जा रहे कार्यों की काफी सराहना की. उन्होंने कहा भारत की स्वदेशी कंपनी पतंजलि देश के लिए महान कार्य कर रही है. इन कार्यों से देश की अर्थव्यवस्था को विकास की गति मिली ही रही है. साथ ही साथ आयुर्वेद पद्धति से इलाज करके मानव सेवा का भी पूज्य कार्य पतंजलि द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा मैं चाहती हूं कि पतंजलि सदैव देशहित के लिए ऐसे ही कार्य करता रहे. राज्यपाल ने आयुर्वेद अनुसंधान केंद्र के डॉक्टर अनुराग वाष्णे व उनकी टीम को बधाई दी. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों से मानव सेवा का कार्य हो रहा है.