हरिद्वार: उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है. उत्तराखंड के कई जिलों में मंगलवार शाम को हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और गन्ने की फसल को हुआ है. खेतों में पानी भरने की वजह से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई.
फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. हरिद्वार के किसानों ने अब शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. हालांकि हरिद्वार जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल का मूल्यांकन किया जाए.
बता दें कि हरिद्वार में मंगलवार देर शाम को जोरदार बारिश हुई थी. इस बारिश में फेरूपुर, कटारपुर, पंजनहेडी, मिस्सरपुर, घीसूपुरा और बहादरपुर जट समेत कई गांवों में किसानों की फसल बर्बाद हो गई.
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किसानों का कहना है कि रात में हुई जबरदस्त ओलावृष्टि के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई है. सरकार को किसान की बदहाली का संज्ञान लेना चाहिए ताकि किसान को कुछ सहायता मिल सके. इस ओलावृष्टि में गेहूं के साथ पशुओं को चारा भी बर्बाद हो गया है.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी महंत त्रिकालदर्शी शिवमपुरी महाराज ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से किसानों की मदद करने की अपील की है. महाराज ने कहा कि बेमौसम हुई बारिश की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को खत्म कर दिया है.
इस बारे में जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर का कहना है कि ओलावृष्टि की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं. इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बर्बाद फसल का मूल्यांकन कर बुधवार शाम तक रिपोर्ट प्रशासन को दी जाए. ताकि जल्द ही प्रधानमंत्री योजना के तहत किसानों को बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिया जा सके.
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जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि कल ओलावृष्टि होने की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं इसको लेकर सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. किसानों की फसल बर्बाद होने का मूल्यांकन किया जाए और आज शाम तक जितनी भी किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं उसकी रिपोर्ट दी जाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री योजना के तहत किसानों की फसल बर्बाद होने पर उचित मुआवजा दिया जाएगा.