देहरादून/लक्सर: बसेड़ी खादर गांव में डेंगू ने कहर(Dengue in Basedi Khadar village) बरपाया हुआ है. शुक्रवार को गांव में डेंगू से पीड़ित दो और ग्रामीणों की मौत होने से हड़कंप मचा गया. मृतकों के नाम बाबलेश पत्नी मुकेश पाल और खातून पत्नी हामिद है. ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक गांव में डेंगू से नौ लोगो की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर रहा है. जिन दो लोगो की मौत हुई है वो पिछले कई दिनों से डेंगू से पीड़ित थे.
फिलहाल, गांव में जनप्रतिनिधियों द्वारा फॉगिंग कराई जा रही है, मगर फिर भी गांव में डेंगू ने अपने पैर पसार रहा है. स्वास्थ्य विभाग गांव में डेंगू फैलने की बात तो कह रहा है लेकिन डेंगू से ही ग्रामीणों की मौतें हुई है, इस बात से इंकार कर रहा है. लक्सर सीएचसी में तैनात चिकित्सक डॉ नलिन असवाल ने बताया बसेड़ी खादर गांव में लगातार कैंप लगातार बुखार से पीड़ित ग्रामीणों की जांच कराई जा रही है. जागरूकता की कमी से गांव में अभी भी जलभराव की स्तिथि बनी हुई है. जिसके कारण गांव के लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया जल्द ही गांव में टीम भेजकर ऑडिट कराया जाएगा. किन कारणों से मौतें हुई है इसकी भी जांच कराई जाएगी.
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मौसम में ठंडक के कारण डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों में कमी: देहरादून के सीएमओ डॉ मनोज उप्रेती का कहना है कि लंबे समय से मौसम सूखा रहा है. इससे मच्छरों की ब्रीडिंग वाले पॉइंट्स सूख गए हैं. ऐसे में मौसम में तापमान गिरने के कारण मच्छर इन एक्टिव हो गए हैं. जिससे डेंगू के मामलों में कमी आ रही है. देहरादून के जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी सुभाष जोशी के अनुसार इस वर्ष देहरादून जिले में 1409 डेंगू के मामले सामने आए, जबकि चिकनगुनिया के 423 मामले पाए गए. उन्होंने बताया मौसम में ठंडक होने डेंगू के मामलों में कमी देखने को मिली है.
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स्वास्थ्य विभाग के कम्युनिटी हेल्थ वर्कर देहरादून जिले में 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों की गैर संक्रामक रोगों की निशुल्क स्क्रीनिंग कर रहा है. कम्युनिटी हेल्थ वर्कर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ब्रेस्ट और ओरल कैंसर जैसी बीमारियों की बारीकी से जांच कर रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मियों को ऐसे केस मिलते हैं और उन्हें किसी बीमारी को लेकर संदेह होता है तो ऐसे मरीजों को उचित सलाह देते हुए इलाज के लिए अस्पताल रेफर किया जा रहा है. देहरादून के सीएमओ डाक्टर उप्रेती ने कहा कि इन प्रयासों से यदि जनता को स्क्रीन कर लेते हैं तो कई बीमारियां पकड़ में आ जाती हैं. विशेषकर महिलाओं में यदि ब्रेस्ट कैंसर कि शिकायत पाई जा रही है तो उन्हें सही समय पर इलाज के लिए प्रेरित किया जा रहा है.