हरिद्वार: गंगा को अविरलता व निर्मलता के लिए लड़ाई लड़ने वाली संस्था मातृ सदन के आश्रम में दोमुंहा सांप दिखाई दिया. जिसे देख आश्रम में अफरा- तफरी का माहौल हो गया. बता दें कि यह सांप दुर्लभ प्रजाति का होता है, जोकि काफी मुश्किल से ही देखने को मिलता है. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में करोड़ों में आंकी जाती है.
मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद का कहना है आश्रम में आय दिन वन्यजीव दिखाई देते रहते हैं. यहां वन्यजीवों का दिखना कोई नई बात नहीं है, लेकिन आज पहली बार यहां पर यह सांप दिखाई दिया है. जिसे अब सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है.
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वही, रेंजर डीपी नौटियाल का कहना है कि मातृ सदन क्षेत्र जंगल से जुड़ा हुआ है. जिसके कारण आए दिन वन्यजीव यहां दिखाई देते रहते हैं. सांप का इस क्षेत्र में देखना कोई नई बात नहीं है और इस समय मॉनसून सीजन भी चल रहा है. जिस कारण सांप अपने बिलों से बाहर निकल कर आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम को मौके पर भेजकर सांप को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
बता दें कि दोमुंहा सांप का वैज्ञानिक नाम रेड सेंड बोआ स्नेक है. राजस्थान के मरूस्थीय इलाकों में बहुतायत में यह सांप पाया जाता है. इस सांप से जुड़े कुछ रूढ़िवादिता के चलते बहुत बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी होती है. अंतरराष्ट्रीय डिमांड के चलते इस सांप की विदेशों में करोड़ रुपए कीमत में बेचा जाता है.