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कलियुग के श्रवण कुमार: दिव्यांग मां को कांवड़ पर बैठाकर हरिद्वार पहुंचे दो भाई

कांवड़ यात्रा के दौरान दो कलियुग के श्रवण कुमार भी देखने को मिले जो अपने कंधों पर रखी कांवड़ में अपनी दिव्यांग मां को लेकर गंगा जल लेने कई किलोमीटर का रास्ता तय कर हरिद्वार पहुंचे. इन दोनों भाइयों का मां के प्रति असीम प्रेम देख हर कोई गदगद दिखा.

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कलियुग के श्रवण कुमार
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Published : Mar 1, 2022, 11:05 AM IST

हरिद्वार: कांवड़ यात्रा के दौरान आपने कांवड़ियों का उत्साह तो अक्सर देखा होगा. कोई पैदल चलता है तो कोई डीजे की धुन पर थिरकते दिखाई देते हैं. लेकिन आज के इस समय में ऐसे दो कलियुग के श्रवण कुमार भी देखने को मिले जो अपने कंधों पर रखी कांवड़ में अपनी दिव्यांग मां को लेकर गंगा जल लेने कई किलोमीटर का रास्ता तय कर हरिद्वार पहुंचे. इन दोनों भाइयों का मां के प्रति असीम प्रेम देख हर कोई गदगद दिखा.

कांवड़ मेले में लाखों लोग अपने कंधों पर कांवड़ लिए सड़कों पर दिन-रात नजर आ जाते हैं. कोई अपनी ही मस्ती में चूर होता है तो कोई भोले की भक्ति में लीन दिखाई देता है. जहां एक ओर आधुनिक दौर में रिश्तों की डोर कमजोर हो रही है और बच्चे बुजुर्ग माता-पिता को बोझ समझने लगते हैं, वहीं इसी बीच एक सुकून देने वाली तस्वीर सामने आई है. कांवड़ यात्रा के दौरान दो कलियुग के श्रवण कुमार भी देखने को मिले जो अपने कंधों पर रखी कांवड़ में अपनी दिव्यांग मां को लेकर गंगा जल लेने कई किलोमीटर का रास्ता तय कर हरिद्वार पहुंचे.
पढ़ें-6 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, महाशिवरात्रि पर पंचांग की गणना से हुई घोषणा

ये दोनों भाई बिजनौर के गांव से कांवड़ में अपनी मां को बैठाकर पैदल हरिद्वार आए. हर की पैड़ी से गंगा जल भरकर वापस अपने गांव के शिवालय के लिए पैदल ही गए.

हरिद्वार: कांवड़ यात्रा के दौरान आपने कांवड़ियों का उत्साह तो अक्सर देखा होगा. कोई पैदल चलता है तो कोई डीजे की धुन पर थिरकते दिखाई देते हैं. लेकिन आज के इस समय में ऐसे दो कलियुग के श्रवण कुमार भी देखने को मिले जो अपने कंधों पर रखी कांवड़ में अपनी दिव्यांग मां को लेकर गंगा जल लेने कई किलोमीटर का रास्ता तय कर हरिद्वार पहुंचे. इन दोनों भाइयों का मां के प्रति असीम प्रेम देख हर कोई गदगद दिखा.

कांवड़ मेले में लाखों लोग अपने कंधों पर कांवड़ लिए सड़कों पर दिन-रात नजर आ जाते हैं. कोई अपनी ही मस्ती में चूर होता है तो कोई भोले की भक्ति में लीन दिखाई देता है. जहां एक ओर आधुनिक दौर में रिश्तों की डोर कमजोर हो रही है और बच्चे बुजुर्ग माता-पिता को बोझ समझने लगते हैं, वहीं इसी बीच एक सुकून देने वाली तस्वीर सामने आई है. कांवड़ यात्रा के दौरान दो कलियुग के श्रवण कुमार भी देखने को मिले जो अपने कंधों पर रखी कांवड़ में अपनी दिव्यांग मां को लेकर गंगा जल लेने कई किलोमीटर का रास्ता तय कर हरिद्वार पहुंचे.
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ये दोनों भाई बिजनौर के गांव से कांवड़ में अपनी मां को बैठाकर पैदल हरिद्वार आए. हर की पैड़ी से गंगा जल भरकर वापस अपने गांव के शिवालय के लिए पैदल ही गए.

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