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50 रुपए लेकर देते थे कोरोना की फर्जी रिपोर्ट, दो युवक गिरफ्तार

बहुचर्चित हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा को भला कौन भूला होगा, इस फर्जीवाड़े में कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. अब हरिद्वार में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. यह फर्जीवाड़ा कोरोना निगेटिव और पॉजिटिव रिपोर्ट को लेकर है. जी हां, यहां एसडीएम ने दो युवकों को दबोचा है. जो मात्र ₹50 में कोरोना की फर्जी रिपोर्ट तैयार करते थे.

Kumbh Corona Testing Fraud
कोरोना की फर्जी रिपोर्ट
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Published : Sep 5, 2022, 7:18 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में कोविड की फर्जी रिपोर्ट को लेकर एक फर्जीवाड़ा सामने आया है. हरिद्वार सीएमओ की शिकायत पर एसडीएम ने सिडकुल क्षेत्र की एक दुकान पर छापेमारी कर इस गोरखधंधे का खुलासा किया. पुलिस ने मौके पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि, एसडीएम ने दोनों केंद्र को सील कर दिया. आरोपियों के खिलाफ अब सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है.

दरअसल, सिडकुल में नौकरी पाने वाले को अनिवार्य रूप से कोविड वैक्सीनेशन के दोनों सर्टिफिकेट जमा कराने होते हैं. ऐसे में हरिद्वार के सिडकुल में नौकरी करने के लिए पहुंच रहे कई लोगों के पास यह सर्टिफिकेट नहीं होता है. इसी मजबूरी का फायदा उठाकर कुछ लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का गोरखधंधा संचालित (Fake Covid Report in Haridwar) कर रहे हैं.

हरिद्वार सीएमओ कुमार खगेंद्र (Haridwar CMO Kumar Khagendra) को बीते 2 दिन पहले सूचना मिली थी कि सिडकुल स्थित केल्विन केयर के पास एक सेंटर संचालक पैसा लेकर कोविड 19 के फर्जी सर्टिफिकेट बना रहा है. इस सूचना के आधार पर सीएमओ ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) को दी.

वहीं, हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने इस मामले की जांच के लिए एसडीएम पूरन सिंह राणा को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ लगाया. सोमवार दोपहर बाद इस टीम ने अपना एक आदमी सिडकुल की दोनों केंद्रों पर भेज फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार कराई. जिसके बाद टीम को गोरखधंधा का पुख्ता सबूत मिला और दोनों दुकान संचालक मोनू शर्मा और सलमान को धर दबोचा.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Fake Covid Test: जांच में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे, इन अधिकारियों पर कार्रवाई तय!

एसडीएम पूरन सिंह (SDM Puran Singh Rana) खुद मौके पर पहुंचे और पूरी जानकारी जुटाई. दोनों को सिडकुल पुलिस के हवाले कर दिया. थानाध्यक्ष सिडकुल प्रमोद उनियाल ने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से दोनों आरोपियों के खिलाफ फर्जी कोविड रिपोर्ट पैसे लेकर बनाने की तहरीर दी गई है. जिसके आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है.

50 रुपए में बना देते थे कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट: एक लैपटॉप और प्रिंटर के जरिए कोरना रिपोर्ट तैयार की थी. यहां पर कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव (Fake Corona Positive And Negative Report) दोनों रिपोर्ट हाथों हाथ मिल जाता था. जिसके एवज में आपको मात्र 50 रुपए देने होते थे. यहां से तैयार की गई फर्जी रिपोर्ट कहीं पर भी आसानी से काम आ जाती थी, क्योंकि कोई भी इन रिपोर्टों को क्रॉस चेक नहीं करता था.

रडार पर कई और केंद्र: सिडकुल में ऐसी रिपोर्ट तैयार करने की वाली यह केवल 2 दुकानें ही नहीं है, बल्कि शहर में कई ऐसी दुकानें हैं. जहां पर ज्यादा पैसा लेकर ऐसी फर्जी रिपोर्ट आसानी से तैयार हो जाती है, लेकिन अभी तक पुलिस प्रशासन का इस ओर शायद कोई ध्यान नहीं गया है. ऐसा तब है, जब हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान कोरोना टेस्ट (Fake Covid Test Report Haridwar Kumbh) को लेकर बड़ा घोटाला सामने आ चुका है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में कोविड की फर्जी रिपोर्ट को लेकर एक फर्जीवाड़ा सामने आया है. हरिद्वार सीएमओ की शिकायत पर एसडीएम ने सिडकुल क्षेत्र की एक दुकान पर छापेमारी कर इस गोरखधंधे का खुलासा किया. पुलिस ने मौके पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि, एसडीएम ने दोनों केंद्र को सील कर दिया. आरोपियों के खिलाफ अब सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है.

दरअसल, सिडकुल में नौकरी पाने वाले को अनिवार्य रूप से कोविड वैक्सीनेशन के दोनों सर्टिफिकेट जमा कराने होते हैं. ऐसे में हरिद्वार के सिडकुल में नौकरी करने के लिए पहुंच रहे कई लोगों के पास यह सर्टिफिकेट नहीं होता है. इसी मजबूरी का फायदा उठाकर कुछ लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का गोरखधंधा संचालित (Fake Covid Report in Haridwar) कर रहे हैं.

हरिद्वार सीएमओ कुमार खगेंद्र (Haridwar CMO Kumar Khagendra) को बीते 2 दिन पहले सूचना मिली थी कि सिडकुल स्थित केल्विन केयर के पास एक सेंटर संचालक पैसा लेकर कोविड 19 के फर्जी सर्टिफिकेट बना रहा है. इस सूचना के आधार पर सीएमओ ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) को दी.

वहीं, हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने इस मामले की जांच के लिए एसडीएम पूरन सिंह राणा को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ लगाया. सोमवार दोपहर बाद इस टीम ने अपना एक आदमी सिडकुल की दोनों केंद्रों पर भेज फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार कराई. जिसके बाद टीम को गोरखधंधा का पुख्ता सबूत मिला और दोनों दुकान संचालक मोनू शर्मा और सलमान को धर दबोचा.

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एसडीएम पूरन सिंह (SDM Puran Singh Rana) खुद मौके पर पहुंचे और पूरी जानकारी जुटाई. दोनों को सिडकुल पुलिस के हवाले कर दिया. थानाध्यक्ष सिडकुल प्रमोद उनियाल ने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से दोनों आरोपियों के खिलाफ फर्जी कोविड रिपोर्ट पैसे लेकर बनाने की तहरीर दी गई है. जिसके आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है.

50 रुपए में बना देते थे कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट: एक लैपटॉप और प्रिंटर के जरिए कोरना रिपोर्ट तैयार की थी. यहां पर कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव (Fake Corona Positive And Negative Report) दोनों रिपोर्ट हाथों हाथ मिल जाता था. जिसके एवज में आपको मात्र 50 रुपए देने होते थे. यहां से तैयार की गई फर्जी रिपोर्ट कहीं पर भी आसानी से काम आ जाती थी, क्योंकि कोई भी इन रिपोर्टों को क्रॉस चेक नहीं करता था.

रडार पर कई और केंद्र: सिडकुल में ऐसी रिपोर्ट तैयार करने की वाली यह केवल 2 दुकानें ही नहीं है, बल्कि शहर में कई ऐसी दुकानें हैं. जहां पर ज्यादा पैसा लेकर ऐसी फर्जी रिपोर्ट आसानी से तैयार हो जाती है, लेकिन अभी तक पुलिस प्रशासन का इस ओर शायद कोई ध्यान नहीं गया है. ऐसा तब है, जब हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान कोरोना टेस्ट (Fake Covid Test Report Haridwar Kumbh) को लेकर बड़ा घोटाला सामने आ चुका है.

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