लक्सर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को चार साल पूरे हो गए हैं. मंगलवार शाम लक्सर के युवाओं और स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. नगर के ओवरब्रिज से शुरू किए गए इस कैंडल मार्च में बड़ी संख्या स्थानीय युवा और स्थानीय निवासी शामिल हुए. पूरे नगर में भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे देशभक्ति नारों के साथ कैंडल मार्च निकाला गया.
पुलवामा में 44 जवान हुए थे शहीद: इस दौरान यात्रा निकाल रहे लोगों ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 44 वीर जवानों ने अपनी शहादत दे दी थी. देश की रक्षा में उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. कैंडल मार्च निकालकर उन्होंने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. वो वीर शहीदों के परिवारों को भी नमन करते हैं कि उन्होंने ऐसे वीर सपूत देश को दिए.
पुलवामा के शहीदों की याद में कैंडल मार्च: इसके साथ ही लोगों ने पुलवामा अटैक के तुरंत बाद आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए पीएम मोदी की सराहना भी की. वहीं युवाओं ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भविष्य में कभी देश पर जान न्यौछावर करने का मौका मिलेगा तो पीछे नहीं हटेंगे. हम उन शहीदों को नमन करते हैं. कैंडल मार्च लक्सर हरिद्वार रोड ओवरब्रिज से शुरू होकर मेन बाजार मोहल्ला सिमली से होते हुए गोवर्धनपुर रोड होते हुए हरिद्वार रोड पर संपन्न हुआ.
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उत्तराखंड के चार जांबाज हुए थे शहीद: 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के दो जांबाज शहीद हो गए थे. राजधानी देहरादून निवासी मोहनलाल रतूड़ी और ऊधम सिंह नगर जिले के वीरेंद्र सिंह ने देश के लिए शहीदत दी थी. पुलवामा आतंकी अटैक के बाद सेना ने एनकाउंटर अभियान चलाया था. आतंकियों के एनकाउंटर के दौरान उत्तराखंड के दो मेजर शहीद हुए थे. मेजर विभूति ढौंडियाल और मेजर चित्रेश बिष्ट ने देश के लिए जान दी थी. इस तरह उत्तराखंड के चार जांबाज देश के लिए शहीद हो गए थे.