हरिद्वारः 11 मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व पर कुंभ का पहला शाही स्नान होने जा रहा है. विशेष नक्षत्रों में पड़ रहे इस महाशिवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है. इस समय कुंभ चल रहा है और ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद जिन 4 जगहों पर अमृत की बूंदें गिरी थी उनमें से एक हरिद्वार भी है. जहां हर 12 साल में कुंभ का आयोजन किया जाता है.
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महाशिवरात्रि के शाही स्नान को लेकर संन्यासियों के सतों, अखाड़ों के साथ मेला प्रशासन और जिला प्रशासन की बैठक हो चुकी है. अखाड़ों के स्नानों का समय तय हो चुका है. कुंभ पर्व पर संत शाही स्नान को बड़ी शान और शौकत के साथ जाते हैं. शाही स्नान पर संतों का कहना है कि राजा-महाराजाओं के समय राज्य का शासक संत महात्माओं का स्वागत बड़ी शान और शौकत के साथ किया करते थे. कुंभ के दौरान राजा-महाराजा, साधु-संतों को बड़ी राजशाही ठाट-बाट के साथ स्नान के लिए ले जाया करते थे. तभी से यह प्रथा चली आ रही है. इन चार प्रमुख स्थानों को शाही स्नान कहा जाता है. जिसमें प्रमुखता से संत स्नान करते हैं.