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ये हठयोगी बाबा 12 साल तक रहेंगे खड़े, पढ़िए कैसी है इनकी गाड़ी

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Published : Mar 8, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 5:56 PM IST

समाज कल्याण व विश्व शांति के लिए साधु-संत अपने शरीर को तपाकर हठयोग करते हैं. इसके लिए सभी साधुओं के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं. आज ईटीवी भारत आपको एक ऐसे ही साधु से मिलाने जा रहा है, जो तकरीबन एक साल से खड़े हैं.

khandeshwar baba juna akhada
khandeshwar baba juna akhada

हरिद्वारः धर्मनगरी में अखाड़ों द्वारा महाकुंभ प्रारंभ कर दिया गया है. वहीं, कुंभ की शोभा माने जाने वाले साधु-संतों ने भी हरिद्वार की ओर रुख करना प्रारंभ कर दिया है. महाकुंभ में साधु-संत ही कुंभ का मुख्य आकर्षण का केंद्र रहते हैं. वहीं इन्हीं साधु-संतों द्वारा समाज कल्याण व विश्व शांति के लिए हठ योग किया जाता है, जिसमें वह अपने शरीर को तपाकर हठयोग करते हैं. सभी साधुओं के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं. वहीं, आज ईटीवी भारत आपको एक ऐसे ही साधु से मिलाने जा रहा है, जो तकरीबन एक साल से खड़े हैं. यहां तक कि इन्होंने अपनी गाड़ी भी मॉडिफाई करवा कर इस तरह बनवा रखी है कि वह गाड़ी भी खड़े होकर ही चलाते हैं.

ये हठयोगी बाबा 12 साल तक रहेंगे खड़े.

बता दें कि जूना अखाड़े के खंडेश्वरी बाबा ने समाज कल्याण व विश्व शांति के लिए एक ऐसा हठयोग शुरू कर रखा है, जिसे आप सोच कर भी घबरा जाएंगे. खंडेश्वरी बाबा पूरे दिन खड़े रहते हैं और इन्हें इस तरह खड़े हुए 1 साल से अधिक हो गया है. यहां तक कि खंडेश्वरी बाबा सोते भी खड़े होकर ही हैं. खंडेश्वरी बाबा बताते हैं कि उन्होंने पहले 7 साल लगातार खड़े रहकर तपस्या की है, लेकिन कुछ कारणों से उनके गुरु ने उन्हें आदेश किया था कि वह अब यह तपस्या समाप्त कर दें. लेकिन उसके बावजूद उनका मन नहीं माना और उन्होंने फिर से यह तपस्या प्रारंभ कर दी. अब उनका संकल्प है कि वह इस तपस्या को 12 साल तक करेंगे.

ये भी पढ़ेंः महिला दिवस पर अखाड़ा परिषद ने किया बड़ा ऐलान, पढ़िए पूरी खबर

खंडेश्वरी बाबा ने अपनी तपस्या के बारे में बताते हुए कहा कि शुरू में तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्हें कमर में शुरू में काफी दर्द रहा. इसके बावजूद उन्होंने अपनी तपस्या की ओर ध्यान देते हुए उस दर्द को नजरअंदाज किया. वहीं, अब उन्हें इसकी आदत हो गई है. साथ ही खंडेश्वरी बाबा ने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया कि वह आम भोजन ही ग्रहण करते हैं. जब उन्हें आराम करना होता है, तो वह झूले का सहारा लेकर आराम करते हैं.

अपनी गाड़ी को लेकर खंडेश्वरी बाबा ने बताया कि उन्हें कई बार इमरजेंसी में कहीं जाना होता था, तो ड्राइवर नहीं मिलता था. इसीलिए उन्होंने अपनी गाड़ी को इस तरह बनवाया है कि वह खड़े होकर गाड़ी चला लें. अब उन्हें गाड़ी चलाने के लिए किसी ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होती है.

हरिद्वारः धर्मनगरी में अखाड़ों द्वारा महाकुंभ प्रारंभ कर दिया गया है. वहीं, कुंभ की शोभा माने जाने वाले साधु-संतों ने भी हरिद्वार की ओर रुख करना प्रारंभ कर दिया है. महाकुंभ में साधु-संत ही कुंभ का मुख्य आकर्षण का केंद्र रहते हैं. वहीं इन्हीं साधु-संतों द्वारा समाज कल्याण व विश्व शांति के लिए हठ योग किया जाता है, जिसमें वह अपने शरीर को तपाकर हठयोग करते हैं. सभी साधुओं के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं. वहीं, आज ईटीवी भारत आपको एक ऐसे ही साधु से मिलाने जा रहा है, जो तकरीबन एक साल से खड़े हैं. यहां तक कि इन्होंने अपनी गाड़ी भी मॉडिफाई करवा कर इस तरह बनवा रखी है कि वह गाड़ी भी खड़े होकर ही चलाते हैं.

ये हठयोगी बाबा 12 साल तक रहेंगे खड़े.

बता दें कि जूना अखाड़े के खंडेश्वरी बाबा ने समाज कल्याण व विश्व शांति के लिए एक ऐसा हठयोग शुरू कर रखा है, जिसे आप सोच कर भी घबरा जाएंगे. खंडेश्वरी बाबा पूरे दिन खड़े रहते हैं और इन्हें इस तरह खड़े हुए 1 साल से अधिक हो गया है. यहां तक कि खंडेश्वरी बाबा सोते भी खड़े होकर ही हैं. खंडेश्वरी बाबा बताते हैं कि उन्होंने पहले 7 साल लगातार खड़े रहकर तपस्या की है, लेकिन कुछ कारणों से उनके गुरु ने उन्हें आदेश किया था कि वह अब यह तपस्या समाप्त कर दें. लेकिन उसके बावजूद उनका मन नहीं माना और उन्होंने फिर से यह तपस्या प्रारंभ कर दी. अब उनका संकल्प है कि वह इस तपस्या को 12 साल तक करेंगे.

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खंडेश्वरी बाबा ने अपनी तपस्या के बारे में बताते हुए कहा कि शुरू में तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्हें कमर में शुरू में काफी दर्द रहा. इसके बावजूद उन्होंने अपनी तपस्या की ओर ध्यान देते हुए उस दर्द को नजरअंदाज किया. वहीं, अब उन्हें इसकी आदत हो गई है. साथ ही खंडेश्वरी बाबा ने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया कि वह आम भोजन ही ग्रहण करते हैं. जब उन्हें आराम करना होता है, तो वह झूले का सहारा लेकर आराम करते हैं.

अपनी गाड़ी को लेकर खंडेश्वरी बाबा ने बताया कि उन्हें कई बार इमरजेंसी में कहीं जाना होता था, तो ड्राइवर नहीं मिलता था. इसीलिए उन्होंने अपनी गाड़ी को इस तरह बनवाया है कि वह खड़े होकर गाड़ी चला लें. अब उन्हें गाड़ी चलाने के लिए किसी ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होती है.

Last Updated : Mar 8, 2021, 5:56 PM IST
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