लक्सरः इस वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण आज 26 दिसंबर के दिन पौष मास कृष्ण पक्ष अमावस्या, नक्षत्र मूल ,नक्षत्र स्वामी केतु और वृद्धि योग में सूर्य ग्रसित होंगे. ग्रहण से कंकण सूर्य ग्रहण जोकि केतु के नक्षत्र मूल में लगेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा.
बता दें लक्सर में साईं शनिधाम मंदिर के पुरोहित (ज्योतिषाचार्य) पंडित अवनीश शर्मा ने बताया कि धनु राशि में सूर्य ग्रहण से ग्रसित होंगे और साथ ही साथ धनु राशि में षष्ठ ग्रही योग बन रहा है जोकि अपने आपमें दुर्लभ है. धनु राशि में सूर्य के साथ चन्द्रमा ,बुध , गुरु, केतु और शनि ग्रसित होंगे. विशेष बात यह है कि राशि स्वामी बृहस्पति और नक्षत्र स्वामी केतु स्वयं सूर्य के साथ ग्रसित हो रहे है.
पंडित अवनीश शर्मा के अनुसार सूर्यग्रहण के दौरान मंदिरों में पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यों को वर्जित माना गया है. जानकारों के अनुसार खंडग्रास सूर्यग्रहण के चलते मंदिरों में पूजन और दर्शन एक दिन पहले ही रात को करीब आठ बजे से बंद हो जाएंगे. सूतक के दौरान मंदिर बंद रहेंगे, जो ग्रहण की समाप्ति के बाद खुलेंगे.
सूर्यग्रहण-गुरुवार यानी आज 26दिसंबर
- सुबह 8.17 से 10.57 बजे
- सूतक काल:- 25 दिसंबर को शाम 5.32 बजे से
- ग्रहण पर क्या करें-
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए.
- नुकीली चीज का प्रयोग न करें.
- कपड़े न सिलें अर्थात सुई का प्रयोग न करें.
- ग्रहण के दौरान चाकू का प्रयोग न करें.
- ग्रहण के बाद स्नान करें.
- ग्रहणकाल के दौरान या उसके मध्य समय में भोजन न करें.
- ग्रहण पश्चात दान अवश्य देना चाहिए और संतो,बड़ों और गुरु का आशीर्वाद लेना अनिवार्य होता है.
- ग्रहणकाल में वृद्ध, रोगी, नवजात शिशु, जल दवा भोजन न लेने के लिए बाध्य नहीं होता है वह सेवन कर सकते है.
- ग्रहण काल में निंदा से बचना चाहिए.
- ग्रहण काल में किसी भी प्रकार का लेनदेन, यात्रा, शुभ कार्य न करें. देव पूजन न करें. ग्रहण समय में सोने से बचे.
- ग्रहण काल में देव स्तुति, मंत्र जप करना चाहिए.