हरिद्वार: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त के विशेष दिशा-निर्देश पर बुधवार को प्रदेश के चार जिलों में छापेमारी की कार्रवाई की. ऐसे में हरिद्वार में उपयुक्त के निर्देशन में चार स्थानों पर बड़ी इकाइयों में छापेमारी को अंजाम दिया गया. छापेमारी में तीन इकाइयां ऑयल निर्माताओं की हैं, जबकि एक इकाई मसाले बनाने का काम करती हैं.
इकाइयों में गड़बड़ी पाए जाने पर जहां 350 लीटर तेल को मौके पर नष्ट कर दिया गया. वहीं, खराब तेल के आठ सैंपल लेकर इन्हें नोटिस जारी किया गया. इसके अलावा मसाला बनाने वाली कंपनी से मसालों के दो सैंपल लेकर नोटिस भी दिया गया है. विभाग की अचानक हुई इस कारवाई से तीनों प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, बीते काफी समय से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को सूचना मिल रही थी कि पूरे प्रदेश में खाद्य तेल व मसालों में जमकर मिलावट की जा रही है. इस सूचना के आधार पर गुरुवार को प्रदेश के चार जिलों में विभाग की विशेष टीमों ने एक साथ छापेमारी को अंजाम दिया.
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हरिद्वार में विभाग के डिप्टी कमिश्नर राजेंद्र सिंह कठैत के निर्देश में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने हरिद्वार की कुल चार बड़ी उत्पादन इकाइयों पर छापेमारी की. इस छापेमारी में खाद्य तेल बनाने वाली तीन इकाइयों की जांच की गई तो तीनों जगह मानकों का उल्लंघन होता पाया गया, जिसके बाद टीम ने तीनों इकाइयों से जब्त 360 लीटर खाद्य तेल को मौके पर ही नष्ट कराया, जबकि छह सैंपल लिये गए हैं. इन सभी सैंपल को जांच के लिए भेजा जा रहा है. तीनों इकाइयों को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है. साथ ही टीम ने मसाला निर्माता कंपनी से भी मसाले के दो सैंपल भरे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी: डिप्टी कमिश्नर राजेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि आयुक्त डॉ. पंकज कुमार पांडे के निर्देश पर हरिद्वार की चार निर्माण इकाइयों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कुल आठ नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है. टीम द्वारा इकाइयों में धारा 32 के अंतर्गत सुधारात्मक कार्य करने हेतु नोटिस भी जारी किया गया है. यदि दिए गए नोटिस इनके द्वारा पालन नहीं किया गया तो इनका फूड लाइसेंस निरस्त किया जाएगा. इस दौरान 360 लीटर खाद्य तेल को मौके पर ही नष्ट किया गया है.