हरिद्वारः गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को भगवान शिव के प्रकोप से जोड़ा है. संस्था के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द का कहना है कि कोरोना का बढ़ता प्रकोप भगवान शिव का प्रकोप है.
स्वामी शिवानंद ने सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा है कि गंगा जो भगवान की जटाओं से निकल रही, उसका दोहन करते हुए शिव की जटाओं के समान गंगा के पत्थरों को निकाल कर तोड़ा जा रहा है. खनन किया जा रहा है. भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी शिव की नगरी काशी में विकास के नाम पर तोड़फोड़ से भी भगवान शिव क्रोधित हैं. भगवान शिव काशी के किसी एक शिवलिंग में नहीं काशी के कण-कण में व्याप्त हैं. जिसे विकास के नाम पर रौंदा जा रहा है. जिसका परिणाम कोरोना महामारी के रूप में देखा जा रहा है.
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शिवानंद ने कहा कि जो गंगा के विरोधी हैं, उन पर कोरोना महामारी का कुछ ज्यादा ही प्रभाव पड़ रहा है. जो गंगा और शिव के भक्त हैं, उन्हें कोरोना का इतना प्रभाव नहीं पड़ रहा है.