हरिद्वार: मां गंगा की स्वच्छता को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनौती दी है कि यदि उनके मुताबिक गंगा का जल पवित्र और शुद्ध है तो वे हरिद्वार में उसे पीकर दिखाएं. शिवानंद की ये प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के उस बयान पर थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा जल पवित्र और पीने लायक शुद्ध है.
दरअसल, मातृ सदन हरिद्वार में साध्वी पद्मावती बीते 15 दिसंबर से गंगा की निर्मलता और अविरलता समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी गुरुकुल विश्वविद्यालय हरिद्वार के कार्यक्रम में हिस्ला लेने आए थे. तभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से साध्वी पद्मावती के धरने को लेकर सवाल किया था. तब मुख्यमंत्री ने साध्वी पद्मावती के तप को निरर्थक बताते हुए कहा था कि गंगा जल पवित्र और पीने योग्य है.
पढ़ें- 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम: CM त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा पवित्र और अविरल है. इसके लिए किसी साधु-संत को अनशन करने की आवश्यकता नहीं है. उत्तराखंड की धरती अनशन के लिए नहीं है. यहां साधु को अनशन नहीं बल्कि पूजा-पाठ करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री के इस बयान पर स्वामी शिवानंद ने मंगलवार को पटलवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार गंगा की स्वछता के लिए कुछ नहीं कर रही हैं. यदि मुख्यमंत्री गंगा जल को इतना ही पवित्र मानते है तो वे हरिद्वार में आकर बोतल का पानी क्यों पीते है, उन्हें गंगा जल पीना चाहिए.
पढ़ें- उत्तराखंड: हनोल स्थित महासू देवता मंदिर में रात्रि जागरण से दूर हो जाते हैं कष्ट
वहीं गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए मातृ सदन में अनशन कर रहीं शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती ने कहा कि जबतक सरकार गंगा की स्वछता से जुड़ी उनकी छह मांगों को पूरा नहीं करती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.