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स्वामी शिवानंद ने CM त्रिवेंद्र को दी चुनौती, कहा- हरिद्वार में गंगा जल पीकर दिखाएं

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Published : Dec 24, 2019, 7:05 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 7:31 PM IST

स्वामी शिवानंद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ये चुनौती उनके उस बयान पर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा जल पवित्र और पीने लायक शुद्ध है.

haridwar
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और स्वामी शिवानंद

हरिद्वार: मां गंगा की स्वच्छता को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनौती दी है कि यदि उनके मुताबिक गंगा का जल पवित्र और शुद्ध है तो वे हरिद्वार में उसे पीकर दिखाएं. शिवानंद की ये प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के उस बयान पर थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा जल पवित्र और पीने लायक शुद्ध है.

दरअसल, मातृ सदन हरिद्वार में साध्वी पद्मावती बीते 15 दिसंबर से गंगा की निर्मलता और अविरलता समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी गुरुकुल विश्वविद्यालय हरिद्वार के कार्यक्रम में हिस्ला लेने आए थे. तभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से साध्वी पद्मावती के धरने को लेकर सवाल किया था. तब मुख्यमंत्री ने साध्वी पद्मावती के तप को निरर्थक बताते हुए कहा था कि गंगा जल पवित्र और पीने योग्य है.

स्वामी शिवानंद ने CM त्रिवेंद्र को दी चुनौती

पढ़ें- 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम: CM त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा पवित्र और अविरल है. इसके लिए किसी साधु-संत को अनशन करने की आवश्यकता नहीं है. उत्तराखंड की धरती अनशन के लिए नहीं है. यहां साधु को अनशन नहीं बल्कि पूजा-पाठ करनी चाहिए.

मुख्यमंत्री के इस बयान पर स्वामी शिवानंद ने मंगलवार को पटलवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार गंगा की स्वछता के लिए कुछ नहीं कर रही हैं. यदि मुख्यमंत्री गंगा जल को इतना ही पवित्र मानते है तो वे हरिद्वार में आकर बोतल का पानी क्यों पीते है, उन्हें गंगा जल पीना चाहिए.

पढ़ें- उत्तराखंड: हनोल स्थित महासू देवता मंदिर में रात्रि जागरण से दूर हो जाते हैं कष्ट

वहीं गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए मातृ सदन में अनशन कर रहीं शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती ने कहा कि जबतक सरकार गंगा की स्वछता से जुड़ी उनकी छह मांगों को पूरा नहीं करती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.

हरिद्वार: मां गंगा की स्वच्छता को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनौती दी है कि यदि उनके मुताबिक गंगा का जल पवित्र और शुद्ध है तो वे हरिद्वार में उसे पीकर दिखाएं. शिवानंद की ये प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के उस बयान पर थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा जल पवित्र और पीने लायक शुद्ध है.

दरअसल, मातृ सदन हरिद्वार में साध्वी पद्मावती बीते 15 दिसंबर से गंगा की निर्मलता और अविरलता समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी गुरुकुल विश्वविद्यालय हरिद्वार के कार्यक्रम में हिस्ला लेने आए थे. तभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से साध्वी पद्मावती के धरने को लेकर सवाल किया था. तब मुख्यमंत्री ने साध्वी पद्मावती के तप को निरर्थक बताते हुए कहा था कि गंगा जल पवित्र और पीने योग्य है.

स्वामी शिवानंद ने CM त्रिवेंद्र को दी चुनौती

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मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा पवित्र और अविरल है. इसके लिए किसी साधु-संत को अनशन करने की आवश्यकता नहीं है. उत्तराखंड की धरती अनशन के लिए नहीं है. यहां साधु को अनशन नहीं बल्कि पूजा-पाठ करनी चाहिए.

मुख्यमंत्री के इस बयान पर स्वामी शिवानंद ने मंगलवार को पटलवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार गंगा की स्वछता के लिए कुछ नहीं कर रही हैं. यदि मुख्यमंत्री गंगा जल को इतना ही पवित्र मानते है तो वे हरिद्वार में आकर बोतल का पानी क्यों पीते है, उन्हें गंगा जल पीना चाहिए.

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वहीं गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए मातृ सदन में अनशन कर रहीं शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती ने कहा कि जबतक सरकार गंगा की स्वछता से जुड़ी उनकी छह मांगों को पूरा नहीं करती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.

Intro:एंकर :- धर्मनगरी हरिद्वार में गँगा जल को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। जहाँ एक ओर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में अपने बयान में गँगा जल को पवित्र और पीने लायक शुद्ध बताया है तो वहीँ गंगा की अवरिलता के लिए अनशन करने वाली मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने सीएम पर पलटवार करते हुए उन्हें गँगा जल पीने की चुनौती दे डाली है। गँगा की निर्मलता और अविरलता के लिए 6 सूत्रीय माँगो को लेकर हरिद्वार के मातृ सदन आश्रम मे साध्वी पद्मावती पिछली 15 दिसंबर से अनशन पर है।Body:vo 1  सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार गुरुकुल विश्विद्यालय में एक बयान में गँगा जल को पवित्र और पीने योग्य बताते हुए साध्वी के तप को निर्रथक बताया। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में गँगा पवित्र और अविरल है इनके लिए किसी साधु संत को अनशन करने की आवश्यकता नही है। उत्तराखंड की धरती अनशन के लिए नही है, यहाँ साधुओं को अनशन नही पूजा पाठ करना चाहिए। वही सीएम के इस बयान पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष शिवानंद पलटवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार गँगा स्वछता के लिए कुछ नही कर रही है, यदि मुख्यमंत्री गंगाजल को इतना ही पवित्र मानते है तो वो वो हरिद्वार में आकर बोतल का पानी क्यो पीते है उन्हें गंगा जल पीना चाहिए ।

vo 2- इस बार मातृ सदन से पहली बार एक साध्वी ने 15 दिसंबर से अनशन शुरू किया है। स्वामी शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती  अनशन पर दस सिन हो चुके  है। साध्वी पद्मावती का साफ़ कहना है कि यदि सरकार गँगा स्वछता से जुडी उनकी इन छह माँगो पूरा नहीं करती तो वो शरीर त्याग देंगी लेकिन अनशन नहीं त्यागेंगी, मातृ सदन का त्याग का ये सिलसिला जारी रहेगा।   Conclusion:बाइट 1 :- त्रिवेंद्र सिंह रावत, सीएम, उत्तराखंड
बाइट 2  :- स्वामी शिवानंद, परमाध्यक्ष, मातृ सदन
बाइट 3:- साध्वी पद्मावती, अनशन कारी।  
Last Updated : Dec 24, 2019, 7:31 PM IST

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