हरिद्वार: सोशल मीडिया के माध्यम से टूल किट बनाकर हरिद्वार कुंभ 2021 को दुष्प्रचारित करने वालों पर योग गुरु बाबा रामदेव ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है. बाबा रामदेव ने कहा कि टूलकिट के जरिए कुंभ मेल और हिंदुत्व को बदनाम करना एक राजनीतिक और सांस्कृतिक साजिश है, यह एक अपराध है.
बाबा रामदेव ने कहा कि मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि ऐसा करके लोग राजनीति कर सकते हैं, लेकिन हिंदुओं को अपमानित नहीं कर सकते है. आपको देश माफ नहीं करेगा. मैं लोगों से ऐसी ताकतों के बॉयकॉट और विरोध करने की अपील करता हूं. बाबा रामदेव ने कहा कि कांग्रेस की ओर से टूलकिट का इस्तेमाल किया जाना निंदाजनक है.
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने की निंदा
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने इस बात की पूरे संत समाज की ओर से निंदा की है. उन्होंने कुंभ को लेकर चलाये जा रहे इस दुष्प्रचार को हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश बताया है.
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही समाज के एक हिस्से और खासकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने कुंभ को एक विलेन की तरह पेश किया जा रहा है. यह माना जाने लगा है कि कोरोना के प्रसार का केंद्र कुंभ ही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं.
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर संतों द्वारा बहुत जल्दी ही कुंभ समाप्ति की घोषणा कर कुंभ के स्वरूप को प्रतीकात्मक कर दिया गया था. फिर कुंभ कैसे कोरोना संक्रमण का कारण बन सकता है?. 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में सबसे ज्यादा 32.37 लाख श्रद्धालु उमड़ने का दावा किया जाता है. इसके 20 दिनों बाद 31 मार्च को प्रदेश में केवल 293 पाजिटिव केस दर्ज किए गए, जबकि हरिद्वार में इनकी संख्या 70 थी.
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पिछले दिनों के मुकाबले कोई बड़ा उछाल नहीं दिखा. सरकारी आंकड़ों में अगर रिकवरी रेट की बात की जाए तो यह उस दिन 94.94 फीसदी था. संक्रांति के बाद से ही उमड़ने वाली भीड़ के बावजूद अगर मार्च तक ग्राउंड जीरो ही प्रभावित नहीं था तो फिर कुंभ कैसे विलेन हो गया.