ETV Bharat / state

JUN कुलपति शांतिश्री के बयान पर भड़के साधु संत, तत्काल बर्खास्त करने की मांग, आंदोलन की भी दी चेतावनी

जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी अपने एक बयान के कारण हिंदू संगठनों और साधु संतों के निशाना पर आ गई है. साधु संतों ने चेतावनी दी है कि यदि शांतिश्री धुलिपुड़ी को तत्काल बर्खास्त नहीं किया गया तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

Swami Anand Swaroop
Swami Anand Swaroop
author img

By

Published : Aug 24, 2022, 11:17 AM IST

हरिद्वार: जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी (JNU Vice Chancellor Shantishree Dhulipudi) ने हाल में हिंदू देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान दिया हैं (Shantishree Dhulipudi controversial statement), जिसको लेकर वो हिंदू संगठनों और साधु-संतों के निशाने पर आ गई हैं. शांतिश्री धुलिपुड़ी के विवादित बयान (controversial statement on hindu god) पर साधु संतों की प्रतिक्रिया आ रही (Swami Anand Swaroop reacts) हैं. काली सेना संस्थापक और शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि शांतिश्री धुलिपुड़ी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, जिस वजह से वो इस तरह के बयान दे रही है.

आनंद स्वरूप ने कहा कि शांतिश्री धुलिपुड़ी ने हिंदू देवी देवताओं को लेकर जिस तरह का बयान दिया हैं, वो घोर आपत्तिजनक है. उनकी बुद्धि काम नहीं कर रही हैं. आनंद स्वरूप ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने तत्काल शांतिश्री धुलिपुड़ी को जेएनयू के कुलपति पर से बर्खास्त नहीं किया तो वो बड़ा आदोलन करेंगे.

JUN कुलपति शांतिश्री के बयान पर भड़के साधु संत
पढ़ें- JNU में पहली बार महिला कुलपति, प्रोफेसर शांतिश्री पंडित की नियुक्ति

आनंद स्वरूप ने कहा कि अंबेडकर और संविधान की आड़ में शांतिश्री धुलिपुड़ी लगातार हिंदू देवी देवताओं का अपमान कर रही है. शांतिश्री धुलिपुड़ी जैसे पढ़े लिखे लोगों की बुद्धि जब भ्रष्ट हो जाती है तो वो इसी तरह से देव निंदा करते है. सरकार को शांतिश्री धुलिपुड़ी के खिलाफ तत्काल देवनिंदा या फिर धार्मिक भवना को भड़काने का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं तो वे सड़कों पर उतरेंगे और इस महिला का विरोध करेंगे.

शांतिश्री धुलिपुड़ी का बयान: दरअसल, जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी ने सोमवार को डॉक्टर बीआर अंबेडकर व्याख्यान श्रृंखला में अंबेडकर के विचार जेंडर जस्टिस डिकोडिंद द यूनिफार्म सिविल कोड व्याख्यान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं, इसीलिए कोई भी महिला यह दवा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्माण या कुछ और है. उनहोंने कहा कि कोई भी भगवान ब्राह्माण नहीं. भगवान शिव एससी या एसटी होने चाहिए क्योंकि वो शमशान में बैठते है.

हरिद्वार: जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी (JNU Vice Chancellor Shantishree Dhulipudi) ने हाल में हिंदू देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान दिया हैं (Shantishree Dhulipudi controversial statement), जिसको लेकर वो हिंदू संगठनों और साधु-संतों के निशाने पर आ गई हैं. शांतिश्री धुलिपुड़ी के विवादित बयान (controversial statement on hindu god) पर साधु संतों की प्रतिक्रिया आ रही (Swami Anand Swaroop reacts) हैं. काली सेना संस्थापक और शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि शांतिश्री धुलिपुड़ी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, जिस वजह से वो इस तरह के बयान दे रही है.

आनंद स्वरूप ने कहा कि शांतिश्री धुलिपुड़ी ने हिंदू देवी देवताओं को लेकर जिस तरह का बयान दिया हैं, वो घोर आपत्तिजनक है. उनकी बुद्धि काम नहीं कर रही हैं. आनंद स्वरूप ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने तत्काल शांतिश्री धुलिपुड़ी को जेएनयू के कुलपति पर से बर्खास्त नहीं किया तो वो बड़ा आदोलन करेंगे.

JUN कुलपति शांतिश्री के बयान पर भड़के साधु संत
पढ़ें- JNU में पहली बार महिला कुलपति, प्रोफेसर शांतिश्री पंडित की नियुक्ति

आनंद स्वरूप ने कहा कि अंबेडकर और संविधान की आड़ में शांतिश्री धुलिपुड़ी लगातार हिंदू देवी देवताओं का अपमान कर रही है. शांतिश्री धुलिपुड़ी जैसे पढ़े लिखे लोगों की बुद्धि जब भ्रष्ट हो जाती है तो वो इसी तरह से देव निंदा करते है. सरकार को शांतिश्री धुलिपुड़ी के खिलाफ तत्काल देवनिंदा या फिर धार्मिक भवना को भड़काने का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं तो वे सड़कों पर उतरेंगे और इस महिला का विरोध करेंगे.

शांतिश्री धुलिपुड़ी का बयान: दरअसल, जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी ने सोमवार को डॉक्टर बीआर अंबेडकर व्याख्यान श्रृंखला में अंबेडकर के विचार जेंडर जस्टिस डिकोडिंद द यूनिफार्म सिविल कोड व्याख्यान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं, इसीलिए कोई भी महिला यह दवा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्माण या कुछ और है. उनहोंने कहा कि कोई भी भगवान ब्राह्माण नहीं. भगवान शिव एससी या एसटी होने चाहिए क्योंकि वो शमशान में बैठते है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.