हरिद्वारः निरंजनी अखाड़े के निष्कासित महामंडलेश्वर स्वामी पुण्यानन्द गिरी के खिलाफ ब्राह्मण समाज ने मोर्चा खोल दिया है. ब्राह्मण समाज द्वारा लगातार स्वामी पुण्यानन्द गिरी का विरोध किया जा रहा है. ब्राह्मण समाज ने स्वामी पुण्यानन्द गिरी के खिलाफ अलग-अलग थानों में तहरीर भी दी है. ब्राह्मण समाज का आक्रोश स्वामी पुण्यानन्द गिरी द्वारा अपनी कथा में ब्राह्मणों को गधे ओर घोड़े के मिश्रण से उत्पन्न टट्टू के समान बताए जाने से उत्पन्न हुआ है.
सोमवार को सैकड़ों की तादाद में ब्राह्मण स्वामी अच्युतानंद महाराज के नेतृत्व में एकत्र हुए और स्वामी पुण्यानन्द गिरी के खिलाफ रोष जताया. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में स्वामी पुण्यानन्द गिरी को माफ नहीं किया जाएगा. पुण्यानन्द गिरी को सख्त से सख्त सजा दिलवाकर रहेंगे. स्वामी अच्युतानंद महाराज ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को यह हक नहीं है कि वह ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहे. उन्होंने स्वामी पुण्यानन्द गिरी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की.
बता दें कि पुण्यानन्द गिरी ने 23 अगस्त को हरिद्वार स्थित अपने आश्रम में कथा की थी. आरोप है कि इस कथा के दौरान पुण्यानन्द गिरी की जुबान फिसल गई. पुण्यानन्द गिरी पर कथा के दौरान ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने का आरोप है. इसके खिलाफ ब्राह्मणों ने प्रदर्शन करते हुए कनखल पुलिस को तहरीर भी दी है.
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ब्राह्मण समाज का यह भी कहना है कि स्वामी पुण्यानन्द गिरी एक तथाकथित संत हैं. बताया जाता है कि पुण्यानन्द गिरी नेपाल मूल के हैं. इन्हें काफी विवादास्पद व्यक्ति बताया जाता है. इसी कारण निरंजनी अखाड़े ने पुण्यानन्द गिरी को अपने अखाड़े से बर्खास्त कर दिया था. पुण्यानन्द कथा के माध्यम से धर्म का प्रचार करने का दावा करते हैं. हालांकि जिस तरह से पुण्यानन्द गिरी ने ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी की है, उससे उनके धर्म प्रचार के दावे पर संदेह पैदा होता है. हरिद्वार के बैरागी कैंप में पुण्यानन्द गिरी का आश्रम स्थित है.
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