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साम्प्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल, मुस्लिम तैयार कर रहे कांवड़ - कांवड़ यात्रा पर खास रिपोर्ट

धर्मनगरी में मुस्लिम परिवार हिंदू के पवित्र कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़ तैयार कर रहे हैं. ये परिवार इस कांवड़ को बनाकर हिंंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दे रहे हैं.

मुस्लिम परिवार बनाते कांवड़.
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Published : Jul 19, 2019, 9:17 AM IST

हरिद्वार: प्रदेश में कांवड़ यात्रा में करोड़ों शिवभक्त धर्मनगरी में गंगा जल लेने के लिए आते हैं. वहीं, इस कांवड़ यात्रा में हिंदू-मुस्लिम एकता का भी संगम देखने को मिलता है. धर्मनगरी में रहने वाले मुस्लिम परिवार कई महीनों की मेहनत से कांवड़ को बनाने का काम करते हैं. कांवड़ बनाने के काम में परिवार के बुजुर्ग से लेकर महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहते हैं. साथ ही ये कांवड़ मेला हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का भी संदेश देता है.

कांवड़ मेले में आपसी भाईचारे की बड़ी मिसाल देखने को मिलती है. कांवड़ियों के कंधों पर आप जिन सजी कांवड़ों को देखते हैं, उसको बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग बनाते हैं. पिछले कई दशकों से 25 से ज्यादा मुस्लिम परिवार हरिद्वार में कांवड़ बनाने का काम कर रहे हैं.

मुस्लिम परिवार बनाते कांवड़.

कांवड़ बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि कांवड़ भाईचारे का नाम है और इनको कांवरियों की सेवा का मौका मिलता है. इस काम को उनकी कई पीढ़ियां करती आई हैं. मुस्लिम समाज के इन कारीगरों के अनुसार, इससे न केवल उनका रोजगार चलता है, बल्कि कांवड़ बनाना उनके लिए बड़े पुण्य का काम है.

ये भी पढ़ें: ट्रैकिंग के लिए सरकार बना सकती है नीति, हादसों को लेकर सजग हुई सरकार

मुस्लिम परिवारों द्वारा कांवड़ बनाने की इस पहल को कांवड़ियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है. कांवड़ियों का कहना है कि मुस्लिम परिवार द्वारा बनाई जा रही कांवड़ से एक संदेश जाता है कि हिंदू-मुस्लिम दोनों भाई हैं. कांवड़ बनाना मुसलमानों की अपनी एक श्रद्धा है. मुसलमानों की इस पहल से उन लोगों को भी संदेश जाएगा जो हिंदू-मुस्लिम को आपस में लड़ाने का काम करते हैं.

हरिद्वार: प्रदेश में कांवड़ यात्रा में करोड़ों शिवभक्त धर्मनगरी में गंगा जल लेने के लिए आते हैं. वहीं, इस कांवड़ यात्रा में हिंदू-मुस्लिम एकता का भी संगम देखने को मिलता है. धर्मनगरी में रहने वाले मुस्लिम परिवार कई महीनों की मेहनत से कांवड़ को बनाने का काम करते हैं. कांवड़ बनाने के काम में परिवार के बुजुर्ग से लेकर महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहते हैं. साथ ही ये कांवड़ मेला हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का भी संदेश देता है.

कांवड़ मेले में आपसी भाईचारे की बड़ी मिसाल देखने को मिलती है. कांवड़ियों के कंधों पर आप जिन सजी कांवड़ों को देखते हैं, उसको बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग बनाते हैं. पिछले कई दशकों से 25 से ज्यादा मुस्लिम परिवार हरिद्वार में कांवड़ बनाने का काम कर रहे हैं.

मुस्लिम परिवार बनाते कांवड़.

कांवड़ बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि कांवड़ भाईचारे का नाम है और इनको कांवरियों की सेवा का मौका मिलता है. इस काम को उनकी कई पीढ़ियां करती आई हैं. मुस्लिम समाज के इन कारीगरों के अनुसार, इससे न केवल उनका रोजगार चलता है, बल्कि कांवड़ बनाना उनके लिए बड़े पुण्य का काम है.

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मुस्लिम परिवारों द्वारा कांवड़ बनाने की इस पहल को कांवड़ियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है. कांवड़ियों का कहना है कि मुस्लिम परिवार द्वारा बनाई जा रही कांवड़ से एक संदेश जाता है कि हिंदू-मुस्लिम दोनों भाई हैं. कांवड़ बनाना मुसलमानों की अपनी एक श्रद्धा है. मुसलमानों की इस पहल से उन लोगों को भी संदेश जाएगा जो हिंदू-मुस्लिम को आपस में लड़ाने का काम करते हैं.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है कावड़ यात्रा इस कावड़ यात्रा में करोड़ों की संख्या में शिवभक्त कांवड़िए हरिद्वार गंगा जल लेने आते हैं और जिस कावड़ को भोले के भक्त अपने कांधे पर लेकर जाते हैं उसको हरिद्वार में रहने वाले मुस्लिम परिवार कई महीनों की मेहनत से बनाते हैं कावड़ को मेले से पहले ही मुस्लिम समाज तैयार करने में लग जाता है कावड़ बनाने के काम में परिवार में बुजुर्ग से लेकर महिलाएं और बच्चे भी दिन-रात शामिल रहते हैं इन मुस्लिम परिवारों के बच्चों को बचपन से ही कावड़ बनाने की प्रेरणा इनको अपने परिवार से विरासत में मिलती है इसलिए कावड़ मेला एकता और भाईचारे का भी संदेश देता है देखिए धर्म नगरी हरिद्वार से ईटीवी भारत पर आपसी भाईचारे की मिसाल का संदेश दे रही हमारी यह खास रिपोर्ट


Body:धर्म के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकने के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे लेकिन हरिद्वार कांवड़ मेले में आपसी भाईचारे की बड़ी मिसाल देखी जा सकती है कावड़ियों के कंधों पर आप जिन सजी कांवड़ों को देखते हैं उसको बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग बना कर भेजते हैं पिछले कई दशकों से 25 से ज्यादा मुस्लिम परिवार हरिद्वार में कांवड़ बना रहे इन कारीगरों का कहना है कि कावड़ भाईचारे का नाम है और इनको कांवरियों की सेवा का मौका मिलता है इनका कहना है कि इस काम मे हमारी कई पीढ़ियां करती आई है मुस्लिम समाज के इन कारीगरों के अनुसार इससे ना केवल उनका रोजगार चलता है बल्कि कावड़ बनाना उनके लिए बड़े शबाब का काम है इनका कहना है कावड़ बनाने मैं हमारे परिवार के बच्चों से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग तक लगे रहते हैं कावड़ को बनाने के लिए हम कई महीने पहले से ही तैयारी कर लेते है

बाइट-- कारीगर कावड़ बनाने वाले

मुस्लिम परिवारों द्वारा कावड़ बनाने की इस पहल को हरिद्वार आने वाले कावड़िया भी काफी सराहा रहे हैं कावड़ियों का कहना है कि मुस्लिम परिवार द्वारा बनाई जा रही कावड़ से एक संदेश जाता है कि हिंदू मुस्लिम दोनों भाई है कावड़ बनाना मुसलमानों की भी अपनी एक श्रद्धा है यह बहुत ही अच्छा काम है मुसलमानों द्वारा इस पहल से उन लोगों को भी संदेश जाएगा जो हिंदू मुस्लिम को आपस में लड़ाने का काम करते हैं हमें भी काफी अच्छा लग रहा है कि जिस कावड़ को हम अपने कांधे पर लेकर जा रहे हैं वह मुस्लिम भाइयों द्वारा बनाई गई है

बाइट--कावड़िया


Conclusion:शिवभक्त कावड़िए जिस कांवड़ में गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की और वापस जाते हैं उस कावड़ को मुस्लिम समाज के लोग महीनों पहले से बनाना शुरू कर देते हैं मुस्लिम समाज की यह पहल एकता भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश कर रही है तो वहीं यह मिसाल ऐसे लोगों के लिए सबक भी है जो निजी स्वार्थ के चलते हिंदू मुस्लिम को आपस में लड़ाने का काम करते हैं ईटीवी भारत भी अपील करता है कि जिस तरह से हरिद्वार कावड़ मेला हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक बन रहा है वैसे ही पूरे देश में हिंदू मुस्लिम एकजुट होकर रहें जिससे उन लोगों को संदेश दिया जा सके जो हिंदू मुस्लिम को आपस में लड़ाने का काम करते हैं
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