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कारगिल: कैसे मुश्किल हालात में फतह हुआ था टाइगर हिल, कंपनी कमांडर ने बताई दास्तां - kargil vijay diwas

कमांडर दिगंबर सिंह नेगी ने कारगिल युद्ध के दौरान वीरों की जांबाजी की शाैर्यगाथा ईटीवी भारत के साथ साझा की. उन्होंने बताया कि देश के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे ने पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाकर कारगिल की विजयगाथा लिखी गई.

दिगंबर सिंह नेगी
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Published : Jul 17, 2019, 12:19 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 1:40 PM IST

रुड़की: देश के दुश्मनों ने जब भी आंख उठाकर देखने का साहस किया, हमारे जाबांज सिपाहियों ने शौर्य और कुर्बानियों से उनके हर मंसूबों को विफल कर दिया. कारगिल युद्ध में देश के वीरों ने शौर्य की ऐसी इबारत लिखी कि सभी को उनके जज्बे को सलाम करना पड़ा. उसी कारगिल युद्ध की वीरगाथा को रुड़की के रहने वाले कमांडर दिगंबर सिंह नेगी ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.

भारतीय टीम के कमांडर दिगंबर सिंह नेगी ने बताया कि कारगिल युद्ध में विजय पाना काफी चुनौतीपूर्ण था. पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल होने के बावजूद देश के लिए मर मिटने के जज्बे में वो मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ते रहे और अंत में टाइगर हिल पर विजय पाकर तिरंगा फहराया गया.

कारगिल युद्ध में जांबाजी की कहानी.

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस: युद्ध लड़ चुके सैनिक की कहानी उन्हीं की जुबानी...

कारगिल में शामिल सैनिक दिगंबर सिंह नेगी ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से हम अपने मिशन पर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन पाकिस्तानी सैनिक इतनी ऊंचाई पर थे कि भारतीय सैनिकों बड़े ही आसानी से टारगेट कर सकते थे. बेहद ही खतरनाक ऊंचाई के साथ-साथ पथरीले रास्ते को पार करना भी हमारे लिए चुनौती थी लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे ने पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा कर कारगिल की विजय गाथा लिखी.

रुड़की: देश के दुश्मनों ने जब भी आंख उठाकर देखने का साहस किया, हमारे जाबांज सिपाहियों ने शौर्य और कुर्बानियों से उनके हर मंसूबों को विफल कर दिया. कारगिल युद्ध में देश के वीरों ने शौर्य की ऐसी इबारत लिखी कि सभी को उनके जज्बे को सलाम करना पड़ा. उसी कारगिल युद्ध की वीरगाथा को रुड़की के रहने वाले कमांडर दिगंबर सिंह नेगी ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.

भारतीय टीम के कमांडर दिगंबर सिंह नेगी ने बताया कि कारगिल युद्ध में विजय पाना काफी चुनौतीपूर्ण था. पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल होने के बावजूद देश के लिए मर मिटने के जज्बे में वो मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ते रहे और अंत में टाइगर हिल पर विजय पाकर तिरंगा फहराया गया.

कारगिल युद्ध में जांबाजी की कहानी.

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस: युद्ध लड़ चुके सैनिक की कहानी उन्हीं की जुबानी...

कारगिल में शामिल सैनिक दिगंबर सिंह नेगी ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से हम अपने मिशन पर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन पाकिस्तानी सैनिक इतनी ऊंचाई पर थे कि भारतीय सैनिकों बड़े ही आसानी से टारगेट कर सकते थे. बेहद ही खतरनाक ऊंचाई के साथ-साथ पथरीले रास्ते को पार करना भी हमारे लिए चुनौती थी लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे ने पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा कर कारगिल की विजय गाथा लिखी.

Intro:विजय गाथा की कहानी


Body:कारगिल युद्ध एक जीत की गाथा जिसने सभी भारतीय का सर फक्र से ऊंचा कर दिया कारगिल युद्ध जिसने पाकिस्तान को घुटने के बल टिका दिया था कारगिल युद्ध की उसी विजय गाथा को बता रहे हैं रूड़की के रहने वाले भारतीय सेना कारगिल युद्ध में टुकड़ी के कमांडर रहे दिगंबर सिंह नेगी कमांडर दिगंबर सिंह नेगी का कहना है कि कारगिल युद्ध में विजय पाना काफी चुनौती से भरा हुआ था लेकिन पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल होने के बावजूद देश के लिए मर मिटने के जज्बे में जब मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़े और टाइगर हिल पर हमने विजय पाकर तिरंगा फहराया था।

दरअसल आपको बता दें कि दिगंबर सिंह नेगी का कहना है कि बेहद ही योजना बध तरीके से हम अपने मिशन पर आगे बढ़ रहे थे लेकिन पाकिस्तानी सैनिक इतनी ऊंचाई पर थे कि हमें बड़े ही आसान से टारगेट कर सकते थे बेहद ही खतरनाक ऊंचाई के साथ साथ पथरीले रास्ते पार करना भी हमारे लिए चुनौती थी लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने के जज़्बे ने पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा कर कारगिल की विजय गाथा लिखी।

बाइट - दिगंबर सिंह नेगी ( कारगिल युद्ध में शामिल सैनिक, अपनी टीम के कमांडर)


Conclusion:
Last Updated : Jul 17, 2019, 1:40 PM IST
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