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लक्सरः समाज कल्याण विभाग का गजब कारनामा, शिक्षिका के खाते में डाली वृद्धावस्था पेंशन

समाज कल्याण विभाग ने नियम विरुद्ध तरीके से कार्य करते हुए एक निजी स्कूल की शिक्षिका के खाते में 24,400 रुपये वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर डाल दिए. मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी पर जुर्माना लगाया है.

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Published : Feb 26, 2020, 8:10 AM IST

Updated : Feb 26, 2020, 8:53 AM IST

समाज
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लक्सरः हरिद्वार जिले के लक्सर शहर में समाज कल्याण विभाग का नया गड़बड़झाला सामने आया है. विभाग ने सुल्तानपुर की अध्यापिका के खाते में बिना आवेदन के वृद्धावस्था पेंशन भेज दी थी. अध्यापिका ने पेंशन लौटाते हुए इसकी सूचना मांगी, पर उन्हें सूचना भी नहीं दी गई. ऐसे में राज्य सूचना आयोग ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पर 12.5 हजार का जुर्माना लगाया है.

बता दें लक्सर के सुल्तानपुर निवासी सचिन की पत्नी शालू गोयल एक निजी स्कूल में शिक्षिका रही हैं. बीते साल समाज कल्याण विभाग ने उनके खाते में 24,400 रुपये की धनराशि डाल दी. शालू ने जब विभाग से इस बाबत जानकारी ली, तो बताया गया कि धनराशि उनकी वृद्धावस्था पेंशन के आवेदन के बदले डाली गई है जबकि, शालू की उम्र अभी महज 30 साल है और उन्होंने पेंशन के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया था.

इस पर शालू ने विभाग को पेंशन की रकम लौटाकर आरटीआई के तहत अपने कथित आवेदन की सूचना मांगी लेकिन, विभाग ने उन्हें सूचना नहीं दी. वहीं, सूचना न मिलने पर अपीलीय अधिकारी में को इस मामले से अवगत कराया लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी.

इसके बाद शालू ने राज्य सूचना आयोग में शिकायत की. वहीं, आयोग ने सुनवाई के बाद विभाग के जिला समाज कल्याण अधिकारी को जानबूझकर सूचना न देने का दोषी मानते हुए उन पर अधिकतम 50 दिन के लिए 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 12.5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

यह भी पढ़ेंः ISBT और सिटी जंक्शन मॉल को नोटिस जारी, दोनों पर एक करोड़ 29 लाख रुपये की देनदारी

आयोग ने अपने आदेश में जिला समाज कल्याण कार्यालय में पेंशन के मामलों में भारी भ्रष्टाचार होने की संभावना भी जताई है. जिला समाज कल्याण अधिकारी को जुर्माने की रकम तीन माह के भीतर सरकारी खजाने में जमा करनी होगी. ऐसा न करने पर जुर्माने की रकम उनके वेतन में से काटकर सरकारी कोष में जमा कराने के आदेश जिलाधिकारी को दिए गए हैं.

लक्सरः हरिद्वार जिले के लक्सर शहर में समाज कल्याण विभाग का नया गड़बड़झाला सामने आया है. विभाग ने सुल्तानपुर की अध्यापिका के खाते में बिना आवेदन के वृद्धावस्था पेंशन भेज दी थी. अध्यापिका ने पेंशन लौटाते हुए इसकी सूचना मांगी, पर उन्हें सूचना भी नहीं दी गई. ऐसे में राज्य सूचना आयोग ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पर 12.5 हजार का जुर्माना लगाया है.

बता दें लक्सर के सुल्तानपुर निवासी सचिन की पत्नी शालू गोयल एक निजी स्कूल में शिक्षिका रही हैं. बीते साल समाज कल्याण विभाग ने उनके खाते में 24,400 रुपये की धनराशि डाल दी. शालू ने जब विभाग से इस बाबत जानकारी ली, तो बताया गया कि धनराशि उनकी वृद्धावस्था पेंशन के आवेदन के बदले डाली गई है जबकि, शालू की उम्र अभी महज 30 साल है और उन्होंने पेंशन के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया था.

इस पर शालू ने विभाग को पेंशन की रकम लौटाकर आरटीआई के तहत अपने कथित आवेदन की सूचना मांगी लेकिन, विभाग ने उन्हें सूचना नहीं दी. वहीं, सूचना न मिलने पर अपीलीय अधिकारी में को इस मामले से अवगत कराया लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी.

इसके बाद शालू ने राज्य सूचना आयोग में शिकायत की. वहीं, आयोग ने सुनवाई के बाद विभाग के जिला समाज कल्याण अधिकारी को जानबूझकर सूचना न देने का दोषी मानते हुए उन पर अधिकतम 50 दिन के लिए 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 12.5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

यह भी पढ़ेंः ISBT और सिटी जंक्शन मॉल को नोटिस जारी, दोनों पर एक करोड़ 29 लाख रुपये की देनदारी

आयोग ने अपने आदेश में जिला समाज कल्याण कार्यालय में पेंशन के मामलों में भारी भ्रष्टाचार होने की संभावना भी जताई है. जिला समाज कल्याण अधिकारी को जुर्माने की रकम तीन माह के भीतर सरकारी खजाने में जमा करनी होगी. ऐसा न करने पर जुर्माने की रकम उनके वेतन में से काटकर सरकारी कोष में जमा कराने के आदेश जिलाधिकारी को दिए गए हैं.

Last Updated : Feb 26, 2020, 8:53 AM IST
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