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सावन में उत्तराखंड के इस मंदिर में विराजमान रहते हैं भगवान शिव, जलाभिषेक करने से पूरी होती है मनोकामना

आज सावन का दूसरा सोमवार है. वहीं शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. वहीं दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने कि लिए तड़के सुबह से ही लाइन में खड़े दिखाई दिए.

दक्ष प्रजापति के मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता
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Published : Jul 29, 2019, 12:17 PM IST

हरिद्वार: आज सावन का दूसरा सोमवार है. इस अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार के मंदिर और गंगा घाट बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहे हैं. वहीं दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने कि लिए तड़के सुबह से ही लाइन में खड़े दिखाई दिए. श्रद्धालु मानते हैं कि सावन माह में दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है.

गौर हो कि आज सावन का दूसरा सोमवार है. वहीं शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. वहीं दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने कि लिए तड़के सुबह से ही लाइन में खड़े दिखाई दिए. ये सिलसिला आगे भी जारी रहा. दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. जब मंदिर के कपाट खुले तो उनका उत्साह देखने लायक था. भक्तों की मानें तो सावन महीने में भगवान शंकर कनखल में ही विराजमान रहते हैं और उनका जलाभिषेक करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर का अपना अलग ही महत्व है. जहां अपने अराध्य को जल चढ़ाने श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं.

दक्ष प्रजापति के मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

मान्यता ये भी है कि सावन के महीने में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी और पूरे सावन भर भोलेनाथ अपनी ससुराल कनखल यानी दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में विराजमान होकर सृष्टि का संचालन करते हैं. अगर सावन के महीने में कोई भी मनुष्य भगवान शंकर का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करता है, तो उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

हरिद्वार: आज सावन का दूसरा सोमवार है. इस अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार के मंदिर और गंगा घाट बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहे हैं. वहीं दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने कि लिए तड़के सुबह से ही लाइन में खड़े दिखाई दिए. श्रद्धालु मानते हैं कि सावन माह में दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है.

गौर हो कि आज सावन का दूसरा सोमवार है. वहीं शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. वहीं दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने कि लिए तड़के सुबह से ही लाइन में खड़े दिखाई दिए. ये सिलसिला आगे भी जारी रहा. दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. जब मंदिर के कपाट खुले तो उनका उत्साह देखने लायक था. भक्तों की मानें तो सावन महीने में भगवान शंकर कनखल में ही विराजमान रहते हैं और उनका जलाभिषेक करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर का अपना अलग ही महत्व है. जहां अपने अराध्य को जल चढ़ाने श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं.

दक्ष प्रजापति के मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

मान्यता ये भी है कि सावन के महीने में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी और पूरे सावन भर भोलेनाथ अपनी ससुराल कनखल यानी दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में विराजमान होकर सृष्टि का संचालन करते हैं. अगर सावन के महीने में कोई भी मनुष्य भगवान शंकर का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करता है, तो उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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आजा सावन का दूसरा सोमवार बम बम भोले जय भोलेनाथ जय शिव शंकर जैसे नारों से हरिद्वार गूंज रहा है शिव शंकर की ससुराल दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में शिव भक्त शिव का जलाभिषेक करने आधी रात से ही दक्ष मंदिर में पहुंच गए थे और लंबी लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थी बड़े बुजुर्ग महिला बच्चे सभी शंकर को मनाने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां पर पहुंचे हुए हैं यह मान्यता है कि सावन के एक महा शिव अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्ष प्रजापति में ही रहते हैं और इस दौरान जो भी यहां पर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करता है उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है


Body:भोले के भक्तों ने भगवान शंकर का जलाभिषेक करने की इतनी ललक है कि वे रात से ही दक्ष प्रजापति महादेव पहुंच गए थे सभी लाइन लगाकर मंदिर खुलने का इंतजार करने लगे और जब मंदिर के कपाट खुले तो इनका उत्साह देखने लायक ही था भक्तों की माने तो सावन में भगवान शंकर कनखल में ही विराजमान है और इस दौरान भगवान शंकर का जलाभिषेक करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है शिव भक्तों का मानना है कि आज सावन का दूसरा सोमवार है दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में भोले नाथ का विधि विधान से अभिषेक किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है

बाइट-- श्रद्धालु

दक्ष प्रजापति मंदिर का अलग ही महत्व है क्योंकि महादेव सावन के एक महीना यहीं विराजमान रहते हैं और यहीं से सृष्टि का संचालन करते हैं दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर के महंत विश्वेश्वर
पूरी का कहना है कि पूरे साल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में महादेव के भक्तों की भीड़ लगी रहती है मगर सावन में विशेष तौर पर भक्त शिव का जलाभिषेक करने आते हैं और भगवान शिव सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं दक्ष मंदिर में इसलिए आते हैं क्योंकि भगवान शंकर की सुसराल है और सावन के एक महीने भगवान शिव यही निवास करते हैं और जो भी भक्त यहां आता है वह कभी खाली हाथ नहीं जाता

बाइट--महंत विश्वेश्वर-- दक्ष प्रजापति मंदिर


Conclusion:ऐसी मान्यता है कि सावन मास में ही माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी और सावन मास में भोलेनाथ अपनी ससुराल कनखल यानी दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में रहते हैं और यदि इस महा कोई भी भगवान शंकर का जलाभिषेक या पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और सावन में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व माना जाता है
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