हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार को वैसे तो हरी का द्वार कहा जाता है, लेकिन यहां पर माता के तीन प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें से पहला माया देवी शक्ति पीठ, दूसरा चंडी देवी और तीसरा मनसा देवी, जो 52 शक्ति पीठों में से एक है. तीनों मंदिरों का संबंध पौराणिक काल से है.

शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित मां मनसा देवी का मंदिर: हरिद्वार शहर के करीब तीन किमी दूर शिवालिक की पहाड़ियों पर बिल्ल पर्वत के ऊपर मां मनसा देवी का मंदिर है. मनसा देवी के इस मंदिर को बिल्वा तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है. मनसा देवी हरिद्वार के पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है.

नवरात्रों में लगती है भक्तों की भीड़: मां मनसा देवी को संर्पों की देवी भी कहा जाता है. श्रद्धालु यहां दूर-दूर से अपनी मुराद लेकर आते है. वैसे तो यहां साल भर भक्तों को ताता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में यहां विशेष आयोजन किया है और बड़ी संख्या में भक्त माता मनसा देवी के दर्शन करने आते है.

मां मनसा देवी की महिमा: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां मानसा देवी को भगवान शिव की पुत्री हैं. माता मनसा देवी को ऋषि कश्यप और देवी कद्रु की पुत्री भी कहा जाता है. इसके अलावा मां मानसा देवी को नाग वासुकी की बहन भी बताया जाता है. वासुकी जी भगवान शिव के गले का नाम है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां मनसा देवी की शादी जगत्कारू ऋषि से हुई थी.

सर्प और कमल पर विराजमान मनसा देवी: माता मनसा देवी को सर्पों और कमल पर विराजमान दिखाया गया है. मान्यता को अनुसार माता मनसा देवी की रक्षा में सात नाग हमेशा विघमान रहते हैं.
पढ़ें- खतरे में हैं हरिद्वार की रक्षक मां चंडी और मनसा देवी की पहाड़ियां, बड़ी आबादी होगी प्रभावित, भू वैज्ञानिक चिंतित
मंदिर परिसर में लगे पेड़ की महिमा: लोक कथाओं के अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से माता मनसा देवी के दर पर आता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. माता मनसा देवी मंदिर परिसर में एक पेड़ है, जिसको लेकर कहा जाता है कि जो भी भक्त मनोकामना पूरी करने के लिए मनसा देवी के प्रार्थना करता है, उसे माता मनसा देवी मंदिर में लगे पेड़ की शाखाओं पर धागे बांधते है और जब उस भक्त की मुराद पूरी हो जाती है तो भक्त को धागा खोलने के लिए दोबारा मंदिर आना होता है.

कैसे पहुंचे मनसा देवी मंदिर: माता मनसा देवी मंदिर जाने के लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार पहुंचाना होगा. हरिद्वार आप देश के किसी भी कौने से सड़क और रेल मार्ग से आसानी से पहुंच सकते है. दिल्ली से हरिद्वार की दूरी करीब 250 किमी है. यदि आप फ्लाइड से आना चाहते है तो सबसे नजदीक का एयरपोर्ट देहरादून का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट है. जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से हरिद्वार की दूरी करीब 35 किमी है. हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की दूरी करीब तीन किमी है, जहां आप रोपवे और पैदल मार्ग दोनों से जा सकते है.