हरिद्वार: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) द्वारा लिखित पुस्तक मोहम्मद से फैला विवाद थमने का नाम नही ले रहा है. एक ओर जहां पुस्तक का तमाम मुस्लिम संगठन उग्र विरोध कर रहे हैं, तो वहीं शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद (Shankaracharya Swami Swaroopanand) ने वसीम रिजवी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि वसीम रिजवी ने अपनी पुस्तक में जो लिखा है, वो सही लिखा है. भारत के मुसलमानों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा है कि वसीम रिजवी ने पुस्तक में सत्य बताते हुए यह कहा है कि सत्य के लिए ही जीना और सत्य के लिए मर जाना है, यह सनातन धर्म की पहचान है. मोहम्मद पुस्तक में जो वसीम रिजवी ने जो लिखा है वह काबिले तारीफ है. साथ ही उन्होंने देश भर के मुसलमानों से यह आह्वान किया की मोहम्मद पुस्तक को एक बार पढ़ें. उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने वसीम रिजवी के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराएं हैं, उनको मुकदमे वापस लेने चाहिए. साथ ही उत्तराखंड सरकार से भी उन्होंने निवेदन किया कि जल्द से जल्द वसीम रिजवी पर दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए.
बता दें, वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में 16 नवंबर को मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले को लेकर हरिद्वार और ज्वालापुर कोतवाली में तीन अलग-अलग तहरीरें दी गई थीं. एक तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. बाकी तहरीरों को भी उसी मुकदमे में शामिल किया जाएगा. बता दें, रिजवी की पुस्तक का विमोचन 4 नवंबर को गाजियाबाद और 12 नवंबर को हरिद्वार में किया गया था.
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मुकदमा दर्ज होने की वजह: वसीम रिजवी ने बीते शुक्रवार को स्वामी यति नरसिंहानंद, स्वामी दर्शन भारती आदि के साथ हरिद्वार वे प्रेस क्लब में 'मोहम्मद' नाम की पुस्तक का विमोचन किया था. आरोप है कि वसीम रिजवी और स्वामी यति नरसिंहानंद ने मंच से भड़काऊ और आपत्तिजनक भाषण दिए, जिसकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी बढ़ गई है. मामले को लेकर रविवार को राशिद अली निवासी कस्साबान और भारतीय पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष दिलशाद अली की ओर से तहरीर दी गई. तहरीर में वसीम रिजवी, यति नरसिंहानंद, दर्शन भारती, प्रबोधनंद गिरि, अधीर कौशिक व प्रेस क्लब अध्यक्ष और महामंत्री पर आरोप लगाए गए थे. इनमें दिलशाद की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
मुस्लिम समाज का आरोप: मुस्लिम समाज के लोगों का आरोप है कि हरिद्वार प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया गया, वो नाकाबिले बर्दाश्त है. इसे किसी भी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता है. हम सर्वधर्म समभाव पर यकीन रखते हैं और सभी धर्मों के महापुरुषों का सम्मान करते हैं, लेकिन जिस तरीके से प्रेस क्लब जैसे सार्वजनिक मंच का प्रयोग कर शहर का माहौल का खराब करने का प्रयास किया गया, वो एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. पुलिस-प्रशासन को इसमें कार्रवाई करनी चाहिए. जिन्होंने भी आपत्तिजनक बयान दिए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही भविष्य में ऐसे कार्यक्रम ना हों, इसके लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरुरत है.
स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने किया था समर्थन: पुस्तक के विमोचन के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा था कि सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में आज वसीम भाई का स्वागत करके मैं गौरवान्वित महसूस करता हूं, जितनी भी बातें आज तक मैंने कही हैं वो वसीम भाई ने सही सिद्ध कर दी हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम के गहन अध्ययन के बाद वसीम रिजवी ने मुहम्मद के जीवन पर ये पुस्तक लिखी है.