रुड़कीः शहर में एक स्कूल बस के बिजली के खंभे से टकरा गई. जिसके बाद वहां अफरा तफरी मच गई. जानकारी के अनुसार मंगलौर में ग्रीन हिल्स एकेडमी की बस 33 हजार केवी लाइन के पोल से टकरा गई. इस हादसे में करीब आधा दर्जन बच्चों को चोटें आईं हैं. बताया जा रहा है कि बस का स्टेयरिंग फेल हो जाने के कारण यह हादसा हुआ. दूसरी ओर परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
घटना के बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई. स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका उपचार किया गया. फिलहाल किसी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है. घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने स्कूल परिसर में जमकर तोड़फोड़ की.
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जानकारी के अनुसार रुड़की क्षेत्र के ग्रीन हिल्स ग्लोबल एकेडमी की बस बीती शाम स्कूली बच्चों को लेकर छुट्टी के बाद घर छोड़ने जा रही थी कि झबरेड़ा के नजदीक अचानक बस का स्टेरिंग फेल हो गया और तेज रफ्तार बस सीधा बिजली के पोल से टकरा गयी जिससे बस में सवार आधा दर्जन बच्चों को चोंटे आयीं. ड्राइवर बस छोड़कर मौके से फरार हो गया. सभी बच्चों को इलाज के लिए रूड़की के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया.
वहीं, हादसे की खबर मिलने के बाद आक्रोशित अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर लाठी डंडों से स्कूल में जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान स्कूल का पूरा स्टाफ अभिभावकों के गुस्से को देखकर फरार हो गया. स्कूल में तोड़फोड़ की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गयी. जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों के खिलाफ और अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही की तहरीर मंगलौर कोतवाली में दी है.
बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब ग्रीन हिल्स एकेडमी की लापरवाही सामने आयी हो. 2 सप्ताह पहले भी स्कूली बच्चों से भरी बस ड्राइवर की लापरवाही के चलते मंगलौर गुड़ मंडी के नजदीक दूसरे वाहन से टकरा गई थी जिसमें आधा दर्जन से अधिक बच्चों को हल्की-फुल्की चोटें आईं थीं,
लेकिन इसके बावजूद स्कूल प्रशासन की आंखें नहीं खुली और उसी ड्राइवर के हाथों में एक बार फिर बस का स्टेरिंग थमा दिया जिसका पुलिस ने एआरटीओ रुड़की को लाइसेंस निरस्त करने का लेटर भेजा था.
शनिवार का दिन बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता था, अगर 33 हजार केवी की लाइन बस को छू जाती तो दर्जनों बच्चे मौत की आगोश में समा सकते थे.
वहीं, अपनी कमी को छुपाने के लिए उल्टा स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों के गुस्से की वीडियो पुलिस को उपलब्ध करा दी. अभिभावकों पर स्कूल एसोशिएशन को साथ लेकर मंगलौर पुलिस पर कार्रवाई के लिए दबाव बना रहा है, वहीं ज़्यादातर स्कूलों में संचालित बसों की फिटनेस नहीं है जो कभी भी स्कूली बच्चों के लिए खतरनाक बन सकती है.
राज्य में पिछले कुछ समय से स्कूल बसों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. अभिभावकों का कहना है स्कूल प्रबंधन इस मामले में गंभीर नहीं हैं. प्रबंधन स्कूल बसों को लेकर तय किए गए मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं. कुछ समय पहले टिहरी में स्कूल बस के खाई में गिर जाने से 9 मासूमों की मौत हो गई थी. इस मामले में चालक की लापरवाही सामने आई थी. इस घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था.