हरिद्वारः बैरागी अखाड़ों की तीनों अणियों को मेला प्रशासन की ओर से जमीन आवंटन किए जाने के बाद संन्यासियों के साथ अखाड़ों ने भी जमीन मुहैया कराने की मांग की है. इस संबंध में संन्यासी अखाड़ों के संतों ने मेला अधिकारी दीपक रावत और कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल के साथ बैठक की. जिसके बाद संन्यासी अखाड़े गौरी शंकर द्वीप पहुंचे. जहां उन्होंने संन्यासी अखाड़ों को मिलने वाली जमीन का अवलोकन किया.
बैरागी संतों और संन्यासी अखाड़ों का टकराव एक बार फिर देखने को मिल रहा है. बैरागी अखाड़ों की तीनों अणियों के संतों को मेला प्रशासन की भूमि आवंटन का कार्य शुरू कर दिया गया है. जिसके बाद अब संन्यासी अखाड़े भी कुंभ में संन्यासियों के लिए जमीन आवंटन की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज संन्यासी अखाड़ों के संत मेला अधिकारी और आईजी कुंभ से मिले. जिसके बाद सभी संन्यासी संत गौरी शंकर द्वीप पहुंचे. जहां जूना अखाड़े ने अन्नक्षेत्र कैंप प्रारंभ किया.
इस मौके पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि जब मेला प्रशासन बैरागियों को भूमि आवंटन का कार्य कर रहा है तो पूर्व के कुंभों की भांति संन्यासी अखाड़ों को भूमि के आवंटन में क्या दिक्कत हैं? उन्होंने कहा कि जिस तरह से बैरागी संतों को भूमि आवंटन के बाद कुंभ की भव्यता दिखनी शुरू हो गई है, उसी प्रकार संन्यासी अखाड़ों के संतों की ओर से भी भूमि आवंटन के बाद गौरीशंकर द्वीप में भव्यता देखने को मिलेगी.
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वहीं, जूना अखाड़े के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि पिछले 300 वर्षों से गौरीशंकर द्वीप संन्यासी अखाड़ा को कुंभ के दौरान शिविर बनाने के लिए दी जाती रही है. इस बार भी संन्यासी अखाड़े केवल यही मांग कर रहे हैं कि उन्हें यह जमीन आवंटित की जाए.
संन्यासियों की जमीन आवंटन की मांग पर मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि संन्यासी-संतों से बात हुई है, उच्च अधिकारियों से वार्ता चल रही है. जमीन भी देखी जा रही है. हालांकि, जमीन कितनी है इसके अनुसार ही जमीन का आवंटन किया जा सकेगा.