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कुंभ व्यवस्थाओं को लेकर संत समाज ने जताई नाराजगी, बैरागी कैंप क्षेत्र पहुंचे मेलाधिकारी

कुंभ मेले में सभी तरह के अखाड़ों की छावनी में मूलभूत सुविधाएं मेला प्रशासन द्वारा दी जाती हैं. मगर, इस बार मेला प्रशासन द्वारा अखाड़ों की छावनी में अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं दी गई है. जिससे संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है.

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छावनियों में अपने स्तर से मूलभूत सुविधाएं जुटा रहे अखाड़ों
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Published : Jan 20, 2021, 5:22 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेला शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, मगर अभी भी कुंभ के कई कार्य अधूरे पड़े हैं. इसे लेकर लगातार अखाड़ा परिषद द्वारा नाराजगी दर्ज कराई जा रही है. साथ ही अखाड़ों में की जाने वाली व्यवस्था से भी संत समाज नाराज नजर आ रहा है. कुंभ मेले में अखाड़ों के लिए लगने वाली छावनी में मेला प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई हैं. जिसके कारण संतों में आक्रोश है. अखाड़ों द्वारा छावनी का कार्य अलग से करवाया जा रहा है.

कुंभ मेले में सभी अखाड़ों द्वारा छावनियां बनाई जाती हैं. जिसमें उनके अखाड़ों के साधु संत निवास करते हैं. बड़ी संख्या में साधु-संत छावनी में रहते हैं. सभी तरह के अखाड़ों की छावनी में मूलभूत सुविधाएं मेला प्रशासन द्वारा दी जाती हैं. मगर इस बार मेला प्रशासन द्वारा अखाड़ों की छावनी में अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं दी गई है. जिससे संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. बड़े अखाड़े के श्री महंत महेश्वरदास का कहना है कि अखाड़ों द्वारा छावनियों में पूरी तैयारियां की जा रही हैं. सभी आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की जा रही है. साथ ही अखाड़ों की धर्म ध्वजा लगने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है.

छावनियों में अपने स्तर से मूलभूत सुविधाएं जुटा रहे अखाड़ों

पढ़ें- अज्ञात शवों का कब्रगाह बन रहा है नैनीताल जनपद, महज इतनों की हुई शिनाख्त

छावनियों में देवताओं की स्थापना की जाएगी, मगर यह सभी तैयारी अखाड़े खुद से ही कर रहे हैं. मेला प्रशासन का इसमें कोई भी सहयोग अखाड़ों को नहीं मिला है. ऐसा लगता है कि मेला प्रशासन मेला कराने के मूड में ही नहीं है. उन्होंने कहा यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है क्योंकि मेला प्रशासन द्वारा ना तो कोई यात्री निवास बनाए गए हैं, न ही पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है. यह सभी व्यवस्था अखाड़े अपने स्तर पर ही कर रहे हैं.

पढ़ें- आज उत्तराखंड पहुंचेगी 92,500 कोरोना वैक्सीन डोज, विशेष विमान से लाया जाएगा जौलीग्रांट एयरपोर्ट
पहले यह व्यवस्था सभी मेला प्रशासन द्वारा की जाती थी. हमारे द्वारा अधिकारियों को व्यवस्था करने को कहा जाता है तो उनका रटा रटाया ही जवाब होता है कि हमें ऊपर से कोई आदेश नहीं मिला है. ऐसी स्थिति रही तो हम विचार कर रहें हैं कि केंद्र सरकार तक इन बातों को पहुंचाया जाये.

छावनियों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंते दीपक रावत

छावनियों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंते दीपक रावत

वहीं, संत समाज की नाराजगी के बाद कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत आज बैरागी कैंप क्षेत्र पहुंचे. जहां उन्होंने बैरागी तीनों अखाड़ों की छावनी के लिए होने वाली जरूरी व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया. कुम्भ मेलाधिकारी के इस निरीक्षण के दौरान तीनो बैरागी अखाड़ों के सन्त प्रतिनिधियों के साथ पीडब्ल्यूडी, विद्युत, जल संस्थान, एचआरडीए विभाग और अन्य कई संबंधित विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. इस दौरान कुम्भ मेलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बिजली, पानी, शौचालय जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए.

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बैरागी कैम्प क्षेत्र में निरीक्षण करने पहुंचे मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि बैरागी कैम्प में प्रशासन द्वारा पारंपरिक रूप से व्यवस्था की जाती है वह सभी व्यवस्था इस बार भी की जायेगी. पेयजल, बिजली, शौचालय सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. यहां पर जमीन थोड़ी उबड़ खाबड़ है. उसे भी समतल किया जाएगा.

हरिद्वार: कुंभ मेला शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, मगर अभी भी कुंभ के कई कार्य अधूरे पड़े हैं. इसे लेकर लगातार अखाड़ा परिषद द्वारा नाराजगी दर्ज कराई जा रही है. साथ ही अखाड़ों में की जाने वाली व्यवस्था से भी संत समाज नाराज नजर आ रहा है. कुंभ मेले में अखाड़ों के लिए लगने वाली छावनी में मेला प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई हैं. जिसके कारण संतों में आक्रोश है. अखाड़ों द्वारा छावनी का कार्य अलग से करवाया जा रहा है.

कुंभ मेले में सभी अखाड़ों द्वारा छावनियां बनाई जाती हैं. जिसमें उनके अखाड़ों के साधु संत निवास करते हैं. बड़ी संख्या में साधु-संत छावनी में रहते हैं. सभी तरह के अखाड़ों की छावनी में मूलभूत सुविधाएं मेला प्रशासन द्वारा दी जाती हैं. मगर इस बार मेला प्रशासन द्वारा अखाड़ों की छावनी में अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं दी गई है. जिससे संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. बड़े अखाड़े के श्री महंत महेश्वरदास का कहना है कि अखाड़ों द्वारा छावनियों में पूरी तैयारियां की जा रही हैं. सभी आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की जा रही है. साथ ही अखाड़ों की धर्म ध्वजा लगने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है.

छावनियों में अपने स्तर से मूलभूत सुविधाएं जुटा रहे अखाड़ों

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छावनियों में देवताओं की स्थापना की जाएगी, मगर यह सभी तैयारी अखाड़े खुद से ही कर रहे हैं. मेला प्रशासन का इसमें कोई भी सहयोग अखाड़ों को नहीं मिला है. ऐसा लगता है कि मेला प्रशासन मेला कराने के मूड में ही नहीं है. उन्होंने कहा यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है क्योंकि मेला प्रशासन द्वारा ना तो कोई यात्री निवास बनाए गए हैं, न ही पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है. यह सभी व्यवस्था अखाड़े अपने स्तर पर ही कर रहे हैं.

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पहले यह व्यवस्था सभी मेला प्रशासन द्वारा की जाती थी. हमारे द्वारा अधिकारियों को व्यवस्था करने को कहा जाता है तो उनका रटा रटाया ही जवाब होता है कि हमें ऊपर से कोई आदेश नहीं मिला है. ऐसी स्थिति रही तो हम विचार कर रहें हैं कि केंद्र सरकार तक इन बातों को पहुंचाया जाये.

छावनियों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंते दीपक रावत

छावनियों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंते दीपक रावत

वहीं, संत समाज की नाराजगी के बाद कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत आज बैरागी कैंप क्षेत्र पहुंचे. जहां उन्होंने बैरागी तीनों अखाड़ों की छावनी के लिए होने वाली जरूरी व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया. कुम्भ मेलाधिकारी के इस निरीक्षण के दौरान तीनो बैरागी अखाड़ों के सन्त प्रतिनिधियों के साथ पीडब्ल्यूडी, विद्युत, जल संस्थान, एचआरडीए विभाग और अन्य कई संबंधित विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. इस दौरान कुम्भ मेलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बिजली, पानी, शौचालय जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए.

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बैरागी कैम्प क्षेत्र में निरीक्षण करने पहुंचे मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि बैरागी कैम्प में प्रशासन द्वारा पारंपरिक रूप से व्यवस्था की जाती है वह सभी व्यवस्था इस बार भी की जायेगी. पेयजल, बिजली, शौचालय सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. यहां पर जमीन थोड़ी उबड़ खाबड़ है. उसे भी समतल किया जाएगा.

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