हरिद्वार: केंद्र और राज्य सरकार एक तरफ तो भव्य और दिव्य कुंभ आयोजित करने की बात कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर सरकार यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एसओपी कर जारी कर उनकी संख्या सीमित करना चाह रही है. जिससे हरिद्वार के संत में आक्रोश है. संत समाज लगातार इसका विरोध कर रहा है. अब संतों ने इसे लेकर सरकार को आंदोलन तक कि चेतावनी दे डाली है.
धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ शुरू होने जा रहा है. जिसे लेकर तैयारियां भी हो रही हैं. हालांकि इस बार हरिद्वार का कुंभ कोरोना के चलते 4 माह के स्थान पर मात्र 1 माह तक ही सीमित हो चला है. मगर सरकार इस कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने की बात कर रही है. वहीं, कोरोना के चलते एसओपी जारी कर कुंभ में आने वाले यात्रियों की संख्या सीमित करने के साथ-साथ कुंभ के आयोजन को भी सीमित करने का सरकार मन बना रही है. इसका हरिद्वार के संतों ने विरोध शुरू कर दिया है. आज हरिद्वार में आयोजित एक संत सम्मेलन में आये बड़ा उदासीन अखाड़ा के महंत परमेश्वर दास ने कहा कि सरकार का मन कुंभ मेला आयोजित करने का दिखाई नहीं दे रहा है.
पढ़ें- EXCLUSIVE: ड्रोन से टनल का जियोग्राफिकल मैपिंग कर रहा NDRF, मिलेगी जिंदा लोगों की जानकारी
संत सम्मेलन में आये स्वामी यतींद्रानंद महाराज के अनुसार देश भर के 90 प्रतिशत संतों के पास हरिद्वार में अपने आश्रम नहीं हैं. इसलिए उन्हें कुंभ पर्व के दौरान हरिद्वार में टेंट लगाकर रहना पड़ता है. मगर अभी तक राज्य सरकार ने मेले की अधिसूचना तक जारी नहीं की है. ऐसे में कुंभ कब शुरू होगा, सरकार स्पष्ट तक नहीं कर रही. संतों ने कहा कि कुंभ के नाम पर केवल कुछ सड़कों के निर्माण के अलावा रंगाई-पुताई का काम हुआ है. जिससे पता चलता है कि कुंभ के लिए सरकार कितनी गंभीर है.