हरिद्वार: जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर और तुलसीमानस मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कुंभ मेला स्नान के बहिष्कार की चेतावनी दी है. स्वामी अर्जुनपुरी महाराज ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर उत्तराखंड सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार धर्मविरोधी कार्य कर रही है. सनातन संस्कृति को प्रभावित करने वाले आदेश लागू कर हिन्दू समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर प्रतिबंध लगाना न्यायसंगत नहीं है. पूर्व में भी कई धार्मिक आयोजनों पर सरकार ने रोक लगाई है.
स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कहा कि कोरोना से संबंधित आदेश व निर्देश राजनैतिक कार्यक्रमों पर भी लागू होने चाहिये. सरकार लगातार अपने चुनावी अभियान कोरोना काल में चला रही है. बिहार चुनाव में जमकर सोशल-डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई. कोरोना संक्रमण का भय दिखाकर धर्मनगरी व संतों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कुंभ निर्माण कार्य आधे अधूरे हैं, सड़कें टूटी हुई हैं, मठ मंदिरों के सौन्दर्यीकरण का काम अधर में लटका है.
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उन्होंने सरकार के निर्माण कार्यों पर तंज कसते हुए कहा कि भारत के इतिहास में महाकुंभ की तैयारियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं. व्यवस्थायें नहीं बन पा रही हैं. बाहर से आने वाले यात्री श्रद्धालुओं को कोरोना के नाम पर रोका जा रहा है. कई तरह की जांच के नाम पर यात्री श्रद्धालुओं को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने मांग की है कि सरकार महाकुंभ मेले की भव्यता व दिव्यता पर विशेष तौर पर फोकस करें. अखाड़ा परिषद के संत महापुरुषों से भी अपील करते हुए कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज के हस्तक्षेप कर कुंभ मेले की व्यवस्थाओं में सुधार कराना चाहिये.
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चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने आधे-अधूरे निर्माण कार्यों पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से कुंभ मेले के निर्माण कार्यों को लेकर विफल साबित हो रही है. केन्द्र व राज्यों की घोषणायें मात्र दिखावा साबित हो रही हैं. धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाना सनातन धर्म पर कुठाराघात है. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.