हरिद्वारः उत्तराखंड सरकार द्वारा मदरसों को मॉर्डनाइजेशन किए जाने और उनमें अन्य स्कूलों की तरह से ही शिक्षा की व्यवस्था किए जाने का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (AKHIL BHARTIYA AKHADA PARISHAD) ने स्वागत किया है. अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज (Shri Mahant Ravindra Puri Maharaj) ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि मदरसों में मजहबी, कट्टरवाद की शिक्षा ना दी जाए. बल्कि वहां डॉक्टर अथवा अफसर बनाने की शिक्षा दी जाए जो आगे चलकर मुस्लिम भाइयों के काम आएगी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों को लेकर जो निर्णय लिए जा रहे हैं, वह बहुत जरूरी हैं. उनका मानना है कि मदरसों में सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के तहत शिक्षा दी जाए. जिससे हमारे मुसलमान भाई आगे चलकर अच्छे अधिकारी, अफसर बने. वहां मजहब विशेष की तालीम के साथ कट्टरवादी की तालीम ना दी जाए.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार का मदरसों को लेकर जो नया कानून पास हो रहा है, हम सब इनके साथ हैं. यह सराहनीय कार्य है. सरकार को हम संत समाज की ओर से साधुवाद, आशीर्वाद और धन्यवाद देते हैं कि आपने अच्छा प्रस्ताव पारित किया है. उन्होंने आगे कहा कि आपने देखा होगा कि जब भी मजहबी तालीम दी जाती है, तो श्रद्धा जैसी घटनाएं होती है.
वहीं, उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले मदरसों में नवीनीकरण पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी सहमति जताई है. उत्तराखंड सरकार के मदरसों को एनसीईआरटी से जोड़ने के लिए संतों ने उनका स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि देशभर के कई मदरसों में अनैतिक कार्य किए जा रहे हैं, जिसके लिए सरकार नैतिक कार्य कर रही है.