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हरिद्वार: ऑनलाइन बिक रहा गंगाजल, संतों ने जताई नाराजगी

ऑनलाइन गंगाजल को लेकर हरिद्वार के संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि जो गंगाजल ऑनलाइन बिक रहा है, वह गंगाजल है भी की नहीं. यह बड़ा सवाल है. ऐसे में संतों ने गंगाजल के व्यवसायीकरण पर भी नाराजगी जताई है.

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Published : Sep 12, 2020, 9:34 PM IST

Haridwar Online Gangajal
हरिद्वार ऑनलाइन गंगाजल

हरिद्वार: विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार की हरकी पैड़ी का गंगाजल इन दिनों ऑनलाइन बिक रहा है, जिसकी खबर तो सबको है, मगर यह कौन लोग बेच रहे हैं, इसकी जानकारी शायद किसी को नहीं हैं. वास्तव में ऑनलाइन बिक रहा गंगाजल असली गंगाजल है भी या नहीं, इस मामले में भी किसी को कोई सही जानकारी नहीं है.

ऑनलाइन बिक रहा गंगाजल.

दरअसल, भारत सरकार इन दिनों ऑनलाइन गंगाजल का पूरे देश में वितरण कर रही है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ से बात की तो उन्होंने बताया कि कई वेबसाइट के माध्यम से गंगाजल को ऑनलाइन बेचा जा रहा है. इसके लिए उन्होंने कई पत्राचार भी किए हैं, लेकिन इसका जवाब अभी तक नहीं आया है. उन्होंने कहा कि क्या वास्तव में ऑनलाइन बिक रहा जल गंगाजल है या नहीं, यह जांच का विषय है. गंगा सभा इस पर कार्रवाई करेगी.

वहीं, गंगा की निर्मलता और अविरलता की लड़ाई लड़ रही संस्था मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद का कहना है कि यह शर्म की बात है जो मां गंगा के जल को भी ऑनलाइन बेचा जा रहा है और प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है. इन सरकारों ने धन के लालच में गंगाजल तक को नहीं छोड़ा.

गंगा के लिए सेवा कर रही संस्था बीइंग भागीरथ के संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि उन्होंने कई संस्थाओं को इस ऑनलाइन बिक रहे गंगाजल के स्क्रीनशॉट साझा किए थे. उन संस्थाओं ने उन्हें आश्वासन भी दिया था कि जल्द वह इस पर कार्रवाई करेंगे लेकिन काफी समय बीत गया, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वो प्रयास करेंगे कि जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी जांच कराएं.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: मेला क्षेत्र में 18 अस्थायी पुलों का होगा निर्माण

उधर, पर्यावरण के लिए कार्य कर रहे समाजसेवी जेपी बडोनी का कहना है कि गंगाजल को बेचने का कार्य सबसे पहले सरकार ने किया था, जोकि विफल साबित हुआ. लेकिन कुछ संस्थाएं अभी भी हैं जो इस कार्य को कर रही हैं. उसके लिए सरकार ने कोई मानक तय नहीं किए हैं. उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण बोर्ड को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि आखिर वो कौन लोग हैं जो गंगाजल ऑनलाइन बेच रहे हैं.

हरिद्वार: विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार की हरकी पैड़ी का गंगाजल इन दिनों ऑनलाइन बिक रहा है, जिसकी खबर तो सबको है, मगर यह कौन लोग बेच रहे हैं, इसकी जानकारी शायद किसी को नहीं हैं. वास्तव में ऑनलाइन बिक रहा गंगाजल असली गंगाजल है भी या नहीं, इस मामले में भी किसी को कोई सही जानकारी नहीं है.

ऑनलाइन बिक रहा गंगाजल.

दरअसल, भारत सरकार इन दिनों ऑनलाइन गंगाजल का पूरे देश में वितरण कर रही है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ से बात की तो उन्होंने बताया कि कई वेबसाइट के माध्यम से गंगाजल को ऑनलाइन बेचा जा रहा है. इसके लिए उन्होंने कई पत्राचार भी किए हैं, लेकिन इसका जवाब अभी तक नहीं आया है. उन्होंने कहा कि क्या वास्तव में ऑनलाइन बिक रहा जल गंगाजल है या नहीं, यह जांच का विषय है. गंगा सभा इस पर कार्रवाई करेगी.

वहीं, गंगा की निर्मलता और अविरलता की लड़ाई लड़ रही संस्था मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद का कहना है कि यह शर्म की बात है जो मां गंगा के जल को भी ऑनलाइन बेचा जा रहा है और प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है. इन सरकारों ने धन के लालच में गंगाजल तक को नहीं छोड़ा.

गंगा के लिए सेवा कर रही संस्था बीइंग भागीरथ के संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि उन्होंने कई संस्थाओं को इस ऑनलाइन बिक रहे गंगाजल के स्क्रीनशॉट साझा किए थे. उन संस्थाओं ने उन्हें आश्वासन भी दिया था कि जल्द वह इस पर कार्रवाई करेंगे लेकिन काफी समय बीत गया, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वो प्रयास करेंगे कि जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी जांच कराएं.

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उधर, पर्यावरण के लिए कार्य कर रहे समाजसेवी जेपी बडोनी का कहना है कि गंगाजल को बेचने का कार्य सबसे पहले सरकार ने किया था, जोकि विफल साबित हुआ. लेकिन कुछ संस्थाएं अभी भी हैं जो इस कार्य को कर रही हैं. उसके लिए सरकार ने कोई मानक तय नहीं किए हैं. उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण बोर्ड को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि आखिर वो कौन लोग हैं जो गंगाजल ऑनलाइन बेच रहे हैं.

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