हरिद्वार: श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण में पंच परमेश्वरों द्वारा महंत रघुमुनि, मुकामी दामोदर दास ओर मुकामी दर्शन दास को अखाड़े के नियमों के विपरीत आचरण करने के आरोप में अखाड़े से निकाल दिया गया है. इसके बाद अब बड़ा उदासीन अखाड़े से जुड़े एवं अन्य अखाड़ों के वरिष्ठ संतों ने नगर विधायक पर निकाले गए तीनों आरोपी संतों को संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाया है. संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र और वीडियो संदेश में संतों ने नगर विधायक पर तमाम आरोप लगाए हैं.
संतों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र: श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र में अखाड़े की भूमि और संपत्तियों पर टेढ़ी नजर रखने का आरोप लगाया है. संतों का आरोप है कि इसी कारण ही राजनीतिक संरक्षण वाले तीन संतों को अखाड़े के पंचपरमेश्वरों द्वारा अखाड़े से बाहर किया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्थानीय विधायक और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अपने बयान जारी किए हैं. संतों की चेतावनी है कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो 2024 में बीजेपी को उनकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
संतों ने स्थानीय विधायक पर लगाया आरोप: साधु संतों का कहना है कि स्थानीय विधायक अखाड़े के द्वारा निकाले गए संतों को संरक्षण दे रहे हैं. हमारे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख दिया गया है. हम स्थानीय विधायक को चेतावनी देना चाह रहे हैं कि वह अखाड़े की राजनीति में ना पड़ें, अन्यथा इसका परिणाम भुगतने को तैयार रहें.
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मदन कौशिक ने क्या कहा: जब ईटीवी भारत ने हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक से इस विषय पर बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा सभी संतों का सम्मान किया जाता है. हमारे लिए सभी संत पूजनीय हैं. जो आरोप मेरे ऊपर लग रहे हैं, यह सब बेबुनियाद, बिना तथ्य के सब बातें की जा रही हैं.