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बॉलीवुड में चल रहे नशे के कारोबार पर साधु-संत आक्रोशित, कार्रवाई की उठाई मांग - haridwar sadhus on bollywood drugs scandal

कई फिल्मी कलाकारों के नाम ड्रग्स के मामले में आने से हरिद्वार के संत समाज में आक्रोश है. संतों ने इन कलाकारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

haridwar sadhus on bollywood drugs scandal
संतों ने की नशे का कारोबार खत्म करने की मांग.
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Published : Sep 26, 2020, 4:25 PM IST

हरिद्वार: फिल्मी कलाकार सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में कई फिल्मी कलाकारों का नाम ड्रग्स एंगल से भी जोड़कर देखा जा रहा है. कई फिल्मी कलाकारों को एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने समन भी भेजा है. नशे के कारोबार को लेकर अब धर्मनगरी हरिद्वार के कई अखाड़ों के साधु संतों ने नशे का सेवन करने वाले फिल्मी कलाकार, ड्रग्स माफिया और अंडरवर्ल्ड के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

संतों ने की नशे का कारोबार खत्म करने की मांग.

हरिद्वार स्थित प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के अध्यक्ष महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज का कहना है कि नशा भी कोरोना महामारी की तरह एक वैश्विक महामारी है. एक बहुत बड़ा नेटवर्क पूरे विश्व में नशे को लेकर कार्य करता है. मुंबई तो केवल इसका एक उदाहरण मात्र है. पूरे भारतवर्ष में एक बड़ा रैकेट है, जो इस नशे का कारोबार करता है. नशे के कारोबार में कई बड़े-बड़े लोग संलिप्त है अगर सरकार की इच्छाशक्ति है तो कई लोगों के नाम उजागर हो जाएंगे. नशे में पड़कर हमारी आने वाली पीढ़ियां नष्ट हो रही हैं. फिल्मी कलाकार पर्दे पर तो बुराई को खत्म करने का रोल करते हैं मगर इन कलाकारों का व्यक्तिगत जीवन प्रेरणा लेने लायक नहीं है.

यह भी पढे़ं-पुलिस की चेतावनी, सोशल मीडिया चैलेंज हो सकता है घातक

जूना अखाड़े के महंत रविंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि नशे को लेकर जिस तरह की गतिविधियां फिल्म उद्योग में चल रही हैं ,वह फिल्म उद्योग के लिए भारी पड़ सकती है. इस तरह कि नशे की गतिविधियों को फिल्म उद्योग से पूरी तरह समाप्त कर देना चाहिए. युवा पीढ़ी केवल पैसे कमाने और ऐशोआराम के लिए फिल्म उद्योग की तरफ रुख कर रही है. ड्रग माफिया अंडरवर्ल्ड के लोग युवा पीढ़ी को फिल्म उद्योग में सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचने देते है. जो भी फिल्मी कलाकार नशे का सेवन करते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर शास्त्री का कहना है कि फिल्म उद्योग और फिल्मी कलाकार एक दर्पण की तरह है. ये लोग जो भी कार्य करते हैं. उससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है. इन कलाकारों को देखकर युवा पीढ़ी ने अपना जीवन बर्बाद कर दिया है. फिल्म उद्योग और फिल्मी कलाकारों को देखकर युवा पीढ़ी नशे की तरफ आकर्षित हो रही है.

हरिद्वार: फिल्मी कलाकार सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में कई फिल्मी कलाकारों का नाम ड्रग्स एंगल से भी जोड़कर देखा जा रहा है. कई फिल्मी कलाकारों को एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने समन भी भेजा है. नशे के कारोबार को लेकर अब धर्मनगरी हरिद्वार के कई अखाड़ों के साधु संतों ने नशे का सेवन करने वाले फिल्मी कलाकार, ड्रग्स माफिया और अंडरवर्ल्ड के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

संतों ने की नशे का कारोबार खत्म करने की मांग.

हरिद्वार स्थित प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के अध्यक्ष महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज का कहना है कि नशा भी कोरोना महामारी की तरह एक वैश्विक महामारी है. एक बहुत बड़ा नेटवर्क पूरे विश्व में नशे को लेकर कार्य करता है. मुंबई तो केवल इसका एक उदाहरण मात्र है. पूरे भारतवर्ष में एक बड़ा रैकेट है, जो इस नशे का कारोबार करता है. नशे के कारोबार में कई बड़े-बड़े लोग संलिप्त है अगर सरकार की इच्छाशक्ति है तो कई लोगों के नाम उजागर हो जाएंगे. नशे में पड़कर हमारी आने वाली पीढ़ियां नष्ट हो रही हैं. फिल्मी कलाकार पर्दे पर तो बुराई को खत्म करने का रोल करते हैं मगर इन कलाकारों का व्यक्तिगत जीवन प्रेरणा लेने लायक नहीं है.

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जूना अखाड़े के महंत रविंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि नशे को लेकर जिस तरह की गतिविधियां फिल्म उद्योग में चल रही हैं ,वह फिल्म उद्योग के लिए भारी पड़ सकती है. इस तरह कि नशे की गतिविधियों को फिल्म उद्योग से पूरी तरह समाप्त कर देना चाहिए. युवा पीढ़ी केवल पैसे कमाने और ऐशोआराम के लिए फिल्म उद्योग की तरफ रुख कर रही है. ड्रग माफिया अंडरवर्ल्ड के लोग युवा पीढ़ी को फिल्म उद्योग में सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचने देते है. जो भी फिल्मी कलाकार नशे का सेवन करते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर शास्त्री का कहना है कि फिल्म उद्योग और फिल्मी कलाकार एक दर्पण की तरह है. ये लोग जो भी कार्य करते हैं. उससे लोगों का जीवन प्रभावित होता है. इन कलाकारों को देखकर युवा पीढ़ी ने अपना जीवन बर्बाद कर दिया है. फिल्म उद्योग और फिल्मी कलाकारों को देखकर युवा पीढ़ी नशे की तरफ आकर्षित हो रही है.

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