हरिद्वार: धर्मनगरी में 17 से 19 दिसंबर को हुई धर्म संसद में हेट स्पीच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इसके साथ ही बरेली में हुई मुस्लिम धर्म संसद में मौलाना तौकिर रजा द्वारा दिए गए बयानों से भी संत नाराज हैं. जिसके बाद धर्म संसद के आयोजकों ने हरिद्वार में प्रतीकात्मक सभा करने का मन बनाया है, जो 16 जनवरी को बैरागी कैंप में की जाएगी. इस बैठक के लिए आज भूमि चयनित की गई.
इस दौरान धर्म संसद के संयोजक आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि, संत मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, वो केवल इस्लामिक जिहाद के खिलाफ हैं. उन्होंने धर्म संसद में किसी भी तरह की हेट स्पीच देने की बात से इनकार किया. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पर हमला बोलते हुए आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि, कपिल सिब्बल का प्रेम दूसरे पक्ष की ओर है. इसलिए वो उन्हीं का साथ देंगे, लेकिन हम भी कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे.
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दरअसल, हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीट (Dharma Sansad Hate Speech) के मामले को कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. सिब्बल ने कोर्ट में कहा था कि ये मुद्दा काफी खतरनाक है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि, इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. सिब्बल के तर्कों को सुनने के बाद सीजेआई एनवी रमना ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई जारी रखने की बात कही है.
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इसी बात से नाराज आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि, ये जो कुछ भी हो रहा है संतों के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है. कपिल सिब्बल को चेतावनी देते हुए आनंद स्वरूप ने कहा कि, ये सब देश बर्दाश्त करने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि, हमने कभी नहीं कहा प्रधानमंत्री धर्म के नाम पर बनेगा, कभी नरसंहार की बात नहीं की. इससे पहले कपिल सिब्बल ने राम सेतु मंदिर में अड़ंगा लगाने का काम किया और फिर राम मंदिर बनने में अड़ंगा लगाया, ऐसी हरकतों से उनका असली चेहरा उजागर हो गया है.