हरिद्वारः ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर के बयान पर संत समाज के लोग बिफर गए हैं. संतों की मांग है कि अब विधायक रवि बहादुर अपने बयान पर हिंदू समाज से माफी मांगें. मामला हरिद्वार में अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई से जुड़ा है. जिसे लेकर राजनीति भी हो रही है. जिसके तहत ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने धार्मिक स्थलों को समाधि बताकर हटाए जाने का विरोध किया था, जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया.
दरअसल, ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर एक दिन पहले चार अन्य कांग्रेसी विधायकों के साथ हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने धार्मिक स्थलों को हटाए जाने का विरोध किया था. आरोप है कि उन्होंने मजार को समाधि कहकर बचाव किया था. जिस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी और महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने ज्वालापुर कांग्रेस विधायक रवि बहादुर से अपने बयान पर माफी मांगने को कहा है.
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महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि विधायक रवि बहादुर नाम के बहादुर हैं, उन्हें मजार और समाधि में अंतर नहीं मालूम है. मीडिया को दिए बयान में रवि बहादुर मजार को समाधि बता रहे हैं. ऐसे बयान देने से पहले उन्हें मजार और समाधि में अंतर समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में जब कोई संत ब्रह्मलीन हो जाता है तो उसे समाधि दी जाती है और मुस्लिम धर्म में किसी के मरने के बाद मजार बनाई जाती है. विधायक रवि बहादुर अपनी भाषा को ठीक करें. उन्होंने रवि बहादुर 24 घंटे के भीतर माफी मांगने को कहा है.
वहीं, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने भी कहा कि विधायक रवि बहादुर को मजार और समाधि में अंतर समझना होगा. समाधि हिंदुओं की होती है. जबकि, मजारें गैर हिंदुओं की. उन्होंने कहा कि जब कोई हिंदू संत ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि बनाई जाती है. जबकि, जो भी मजारें तोड़ी गई है, उनमें किसी प्रकार का कोई मानव अवशेष नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि विधायक के खिलाफ जन भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.