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सोमवती अमावस्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गंगाजी में लगा रहे पवित्र डुबकी

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Published : Apr 12, 2021, 7:38 AM IST

Updated : Apr 12, 2021, 9:59 AM IST

आज सोमवती अमावस्या पर कुंभ का दूसरा शाही स्नान है. श्रद्धालु सुबह से गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं.

Saints and devotees
शाही स्नान

हरिद्वारः आज महाकुंभ 2021 का दूसरा शाही स्नान है. सोमवार को अमावस्या पड़ने से यह योग कुंभ पर्व के साथ-साथ सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व भी है. वैसे तो सभी अमावस्या के महत्व हैं, लेकिन सोमवती अमावस्या को काफी पुण्यदायी और जीवनदायी माना जाता है. इस पर्व पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है. श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. महाकुंभ के अवसर पर कोरोना की गाइडलाइन के बीच गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आए हुए हैं.

सोमवती अमावस्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या यानि गंगा स्नान कर पुण्य कमाने का मौका है. कुंभ पर्व के मौके पर गंगा तटों पर भारी भीड़ लगी हुई है. हरिद्वार के विभिन्न घाटों में आज तड़के से ही गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा है.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ का पहला शाही स्नान आज, ये है स्नान का शुभ मुहूर्त

भीष्म पितामह ने की थी सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा

पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती या भोमयुता या फिर भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते है कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में खुद भीष्म पितामह ने अपनी शर शैय्या पर पड़े रहे. उस समय कई सालों के बाद सोमवती अमावस्या पड़ी थी.

ये उपाय करने से मनोकामनाएं होंगी पूरी

सोमयुता अर्थात अछून्नं कर देने वाली अमावस्या आज के दिन है. मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्व मेघ यज्ञ के समान फल दे देता है और आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर लें तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो वह सुधर जाता है. व्यक्ति की इच्छित मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

ये भी पढ़ेंः सोमवती अमावस्या पर महाकुंभ का पहला आधिकारिक शाही स्नान आज, इस क्रम में स्नान करेंगे अखाड़े

गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में हरिद्वार समेत अन्य तीर्थों में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है. आज ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर स्नान करके व्यक्ति अपने जीवन को कल्पकल्पांतर तक के पाप नष्ट करके व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है. आज जो दान और पुण्य करेंगे, वो अक्षय हैं. सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी और जीवनदायी होती है.

वैसे तो हर पर्व पर हमेशा ही लोगों की भीड़ हरिद्वार गंगा स्नान के लिए पहुंचती हैं, लेकिन आज सोमवती अमावस्या पर कुंभ का दूसरा शाही स्नान होने के कारण गंगा स्नान करने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है. हरकी पैड़ी पर भीड़ का आलम यह है कि पैर रखने की भी जगह नहीं है. हरकी पैड़ी पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख समृद्धि तो आती है, सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है

हरिद्वारः आज महाकुंभ 2021 का दूसरा शाही स्नान है. सोमवार को अमावस्या पड़ने से यह योग कुंभ पर्व के साथ-साथ सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व भी है. वैसे तो सभी अमावस्या के महत्व हैं, लेकिन सोमवती अमावस्या को काफी पुण्यदायी और जीवनदायी माना जाता है. इस पर्व पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है. श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. महाकुंभ के अवसर पर कोरोना की गाइडलाइन के बीच गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आए हुए हैं.

सोमवती अमावस्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या यानि गंगा स्नान कर पुण्य कमाने का मौका है. कुंभ पर्व के मौके पर गंगा तटों पर भारी भीड़ लगी हुई है. हरिद्वार के विभिन्न घाटों में आज तड़के से ही गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा है.

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भीष्म पितामह ने की थी सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा

पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती या भोमयुता या फिर भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते है कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में खुद भीष्म पितामह ने अपनी शर शैय्या पर पड़े रहे. उस समय कई सालों के बाद सोमवती अमावस्या पड़ी थी.

ये उपाय करने से मनोकामनाएं होंगी पूरी

सोमयुता अर्थात अछून्नं कर देने वाली अमावस्या आज के दिन है. मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्व मेघ यज्ञ के समान फल दे देता है और आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर लें तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो वह सुधर जाता है. व्यक्ति की इच्छित मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

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गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में हरिद्वार समेत अन्य तीर्थों में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है. आज ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर स्नान करके व्यक्ति अपने जीवन को कल्पकल्पांतर तक के पाप नष्ट करके व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है. आज जो दान और पुण्य करेंगे, वो अक्षय हैं. सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी और जीवनदायी होती है.

वैसे तो हर पर्व पर हमेशा ही लोगों की भीड़ हरिद्वार गंगा स्नान के लिए पहुंचती हैं, लेकिन आज सोमवती अमावस्या पर कुंभ का दूसरा शाही स्नान होने के कारण गंगा स्नान करने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है. हरकी पैड़ी पर भीड़ का आलम यह है कि पैर रखने की भी जगह नहीं है. हरकी पैड़ी पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख समृद्धि तो आती है, सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है

Last Updated : Apr 12, 2021, 9:59 AM IST
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