हरिद्वार: अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले में लगभग 10 महीने का समय शेष है, लेकिन मेला प्रशासन की तैयारियां अभी तक नाकाफी नजर आ रही हैं. सरकारी स्तर पर कुंभ मेले की तैयारियों से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के संत ही नहीं बल्कि दूसरी संस्थाओं से जुड़े साधु संत भी नाखुश हैं. साधु-संतों में कुंभ मेले के बजट को लेकर भी नाराजगी जताई है.
संतों का कहना है कि अर्धकुंभ होने के बावजूद प्रयागराज कुंभ मेले को लेकर योगी सरकार ने इसे महाकुंभ का नाम देकर बहुत ही दिव्य और भव्य बना दिया था. लेकिन महाकुंभ होने के बावजूद हरिद्वार कुंभ 2020 को लेकर राज्य सरकार उतनी सतर्क नहीं दिखती. इसके पीछे का कारण 400 करोड़ रुपये का बजट पेश करना दर्शाता है.
पढ़ें- देहरादून: विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, आरोपी को भेजा गया जेल
वहीं, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी का कहना है कि अगर कुंभ मेले का बजट कम रहेगा तो मेला भव्य नहीं हो पाएगा. प्रयागराज में हुए अर्ध कुंभ मेले को भी पूर्ण कुंभ की तरह बड़ा बजट खर्च करके भव्य और दिव्य कराया गया था, तो फिर हरिद्वार कुंभ मेले के लिए सरकार इतने व्यापक प्रबंध क्यों नहीं कर रही है? केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को मिलकर मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए.
वहीं, प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक चिन्मयानंद बापू ने भी मेले की तैयारियों को नाकाफी बताया.