हरिद्वारः धर्मनगरी के साधु-संतों ने अखाड़ा परिषद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इससे पहले बाबा हठयोगी ने अखाड़ा परिषद पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. अब भूमा पीठाधीश्वर अच्युतानंद तीर्थ ने अखाड़ा परिषद पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी अखाड़ों की सीबीआई जांच होनी चाहिए. साथ ही अच्युतानंद तीर्थ का कहना है कि अखाड़ा परिषद अब एक तरह से कमर्शियल एक्टिविटीज करने की संस्था रह गई है और इस समय अखाड़ा परिषद का कोई भी सदस्य उस स्तर का नहीं है जिस स्तर का अखाड़ा परिषद का व्यक्तित्व हुआ करता था.
अखाड़ा परिषद केवल जोर से बोलकर और दिखावा कर सरकार और सरकारी अधिकारियों को प्रभाव में लेने का कार्य करती है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि कुंभ मेले के दौरान अखाड़ा परिषद पूरे समाज का नेतृत्व नहीं करता बल्कि कुछ गिने-चुने कुछ लोगों का ही नेतृत्व करता है और जो जमीनें अखाड़ा परिषद सरकार से छावनी बनाने के लिए लेता है उस पर वह बोली लगाकर अपने ही महात्माओं को धन लेकर देता है. इसीलिए अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को अखाड़ा परिषद की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए.
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भूमानंद पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ के अनुसार सभी अखाड़ों की सीबीआई जांच होनी चाहिए अखाड़ों के पास पैसा कहां से आता है और वह कहां खर्च करते हैं इसकी जांच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीबीआई द्वारा करानी चाहिए.
सीबीआई जांच की रिपोर्ट 3 महीने के अंदर आ जानी चाहिए जिससे कुंभ से पहले आम नागरिकों तक इनका असली चेहरा सामने आए साथ ही सभी अखाड़ों की गतिविधियां पर नजर रखनी चाहिए.