हरिद्वारः उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां कण-कण में भगवान वास करते हैं मगर अब उत्तराखंड सरकार भागीरथी और अलकनंदा के संगम स्थल पर ऐसा काम करने जा रही है जो संगम के अमृत जल को विषैला कर देगा.
उत्तराखंड सरकार ने देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री बनाने की इजाजत दे दी है. दूसरी ओर संत समाज ने चेतावनी दे कि अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है तो संत समाज आंदोलन की राह पर होगा और सरकार को अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर देगा.
जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी ने सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार ने शराब फैक्ट्री लगाने का जो फैसला किया है वो बहुत ही गलत है. उत्तराखंड देवभूमि है और यहां पर शराब की फैक्ट्री लगाना निंदनीय है.
इस पर मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए क्योंकि बीजेपी भगवाधारी और सनातन धर्म पहरी है. उत्तराखंड में वैसे भी बदनाम कहावत है कि सूर्य अस्त पहाड़ी मस्त इस फैसले के बाद सरकार इस कहावत पर आग में घी डालने का काम कर रही है.
सरकार के इस फैसले पर अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि सरकार अगर इस तरह का कोई फैसला कर रही है तो उसको इस फैसले को बदलना चाहिए क्योंकि जिस क्षेत्र में शराब की फैक्ट्री लगाई जा रही है वह धार्मिक क्षेत्र है गंगा और चार धाम का एक पावन मार्ग है.
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परमार्थ निकेतन के परमा अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने तो पूरे हिमालय क्षेत्र में ही शराब के सेवन को बंद करने की बात कही है. उनका कहना है कि इस विषय पर सरकार से बात करूंगा, अगर ऐसा कर रहे हो तो क्यों कर रहे हैं इससे अलग भी कई और उपाय हो सकते हैं. मैं तो मानता हूं कि पूरे हिमालय में शराब का सेवन नहीं होना चाहिए अगर मस्ती ही करनी है तो शराब से नहीं मस्ती लेनी है तो ध्यान लगाओ संस्कृतन करो और गंगा आरती देखो. उत्तराखंड देव भूमि है हमको कोशिश करनी है यहां पर हमें अपनी मस्ती को जिंदा रखना है.