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देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री का संत समाज ने किया विरोध, दी आंदोलन की चेतावनी - हिलटॉप

देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री को लेकर संत समाज ने एक स्वर में सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है. संतों का कहना है कि सरकार का यह फैसला निंदनीय है.

शराब फैक्ट्री
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Published : Jul 12, 2019, 11:38 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 3:35 PM IST

हरिद्वारः उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां कण-कण में भगवान वास करते हैं मगर अब उत्तराखंड सरकार भागीरथी और अलकनंदा के संगम स्थल पर ऐसा काम करने जा रही है जो संगम के अमृत जल को विषैला कर देगा.

शराब फैक्ट्री का संत समाज ने किया विरोध

उत्तराखंड सरकार ने देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री बनाने की इजाजत दे दी है. दूसरी ओर संत समाज ने चेतावनी दे कि अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है तो संत समाज आंदोलन की राह पर होगा और सरकार को अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर देगा.

जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी ने सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार ने शराब फैक्ट्री लगाने का जो फैसला किया है वो बहुत ही गलत है. उत्तराखंड देवभूमि है और यहां पर शराब की फैक्ट्री लगाना निंदनीय है.

इस पर मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए क्योंकि बीजेपी भगवाधारी और सनातन धर्म पहरी है. उत्तराखंड में वैसे भी बदनाम कहावत है कि सूर्य अस्त पहाड़ी मस्त इस फैसले के बाद सरकार इस कहावत पर आग में घी डालने का काम कर रही है.

सरकार के इस फैसले पर अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि सरकार अगर इस तरह का कोई फैसला कर रही है तो उसको इस फैसले को बदलना चाहिए क्योंकि जिस क्षेत्र में शराब की फैक्ट्री लगाई जा रही है वह धार्मिक क्षेत्र है गंगा और चार धाम का एक पावन मार्ग है.

यह भी पढ़ेंः सियासतः हरदा बोले- दी थी पानी और फ्रूटी प्लांट की अनुमति, त्रिवेंद्र का तंज- तो आबकारी का क्या था काम?

परमार्थ निकेतन के परमा अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने तो पूरे हिमालय क्षेत्र में ही शराब के सेवन को बंद करने की बात कही है. उनका कहना है कि इस विषय पर सरकार से बात करूंगा, अगर ऐसा कर रहे हो तो क्यों कर रहे हैं इससे अलग भी कई और उपाय हो सकते हैं. मैं तो मानता हूं कि पूरे हिमालय में शराब का सेवन नहीं होना चाहिए अगर मस्ती ही करनी है तो शराब से नहीं मस्ती लेनी है तो ध्यान लगाओ संस्कृतन करो और गंगा आरती देखो. उत्तराखंड देव भूमि है हमको कोशिश करनी है यहां पर हमें अपनी मस्ती को जिंदा रखना है.

हरिद्वारः उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां कण-कण में भगवान वास करते हैं मगर अब उत्तराखंड सरकार भागीरथी और अलकनंदा के संगम स्थल पर ऐसा काम करने जा रही है जो संगम के अमृत जल को विषैला कर देगा.

शराब फैक्ट्री का संत समाज ने किया विरोध

उत्तराखंड सरकार ने देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री बनाने की इजाजत दे दी है. दूसरी ओर संत समाज ने चेतावनी दे कि अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है तो संत समाज आंदोलन की राह पर होगा और सरकार को अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर देगा.

जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी ने सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार ने शराब फैक्ट्री लगाने का जो फैसला किया है वो बहुत ही गलत है. उत्तराखंड देवभूमि है और यहां पर शराब की फैक्ट्री लगाना निंदनीय है.

इस पर मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए क्योंकि बीजेपी भगवाधारी और सनातन धर्म पहरी है. उत्तराखंड में वैसे भी बदनाम कहावत है कि सूर्य अस्त पहाड़ी मस्त इस फैसले के बाद सरकार इस कहावत पर आग में घी डालने का काम कर रही है.

सरकार के इस फैसले पर अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि सरकार अगर इस तरह का कोई फैसला कर रही है तो उसको इस फैसले को बदलना चाहिए क्योंकि जिस क्षेत्र में शराब की फैक्ट्री लगाई जा रही है वह धार्मिक क्षेत्र है गंगा और चार धाम का एक पावन मार्ग है.

यह भी पढ़ेंः सियासतः हरदा बोले- दी थी पानी और फ्रूटी प्लांट की अनुमति, त्रिवेंद्र का तंज- तो आबकारी का क्या था काम?

परमार्थ निकेतन के परमा अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने तो पूरे हिमालय क्षेत्र में ही शराब के सेवन को बंद करने की बात कही है. उनका कहना है कि इस विषय पर सरकार से बात करूंगा, अगर ऐसा कर रहे हो तो क्यों कर रहे हैं इससे अलग भी कई और उपाय हो सकते हैं. मैं तो मानता हूं कि पूरे हिमालय में शराब का सेवन नहीं होना चाहिए अगर मस्ती ही करनी है तो शराब से नहीं मस्ती लेनी है तो ध्यान लगाओ संस्कृतन करो और गंगा आरती देखो. उत्तराखंड देव भूमि है हमको कोशिश करनी है यहां पर हमें अपनी मस्ती को जिंदा रखना है.

Intro:इस खबर में कुछ शॉट मेल और ftp से भेजे गए हैं

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उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और यहां कण-कण में भगवान वास करते हैं मगर अब उत्तराखंड सरकार भागीरथी और अलकनंदा के संगम स्थल पर ऐसा काम करने जा रही है जो संगम के अमृत जल को विषैला कर देगा उत्तराखंड सरकार ने देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री बनाने की इजाजत दे दी है इस फैसले का संत समाज खुलकर विरोध कर रहा है मगर इस फैसले को सभी 13 अखाड़े के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी सही बता रहे हैं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि पूरा उत्तराखंड ही शराब पी रहा है अगर सरकार फैक्ट्री लगा रही है तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए मगर अखाड़ा परिषद के इस बयान के विपरीत संत समाज ने चेतावनी दे डाली है कि अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है तो संत समाज आंदोलन की राह पर होगा और सरकार को अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर देगा


Body:देवप्रयाग में पूर्व हरीश रावत सरकार ने भी शराब फैक्ट्री लगाने की कोशिश की थी मगर उस वक्त शराब की फैक्ट्री लगाने की अनुमति नही हो सकी थी मगर बीजेपी सरकार ने इसको अनुमति दे दी है सरकार द्वारा इसको मंजूर किए जाने के बाद संत समाज आक्रोशित नजर आ रहा है जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी ने सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है उनका कहना है कि सरकार ने शराब फैक्ट्री लगाने का जो फैसला किया है वो बहुत ही गलत है उत्तराखंड देव भूमि है और यहां पर शराब की फैक्ट्री लगाना निंदनीय है इस पर मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए क्योंकि बीजेपी भगवाधारी और सनातन धर्म पहरी है उत्तराखंड में वैसे भी बदनाम कहावत है कि सूर्य अस्त पहाड़ी मस्त इस फैसले के बाद सरकार इस कहावत पर आग में घी डालने का काम कर रही है यह बहुत ही गलत बात है पूरा साधु समाज इसकी निंदा करता है अगर सरकार इस फैसले को नहीं बदलती है तो पूरा संत समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो जाएगा जिससे उद्धव भी हो सकता है इसलिए सरकार को इस फैसले को बदल देना चाहिए

बाइट--अर्जुन पुरी--वरिष्ठ महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा

सरकार के इस फैसले पर अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि सरकार अगर इस तरह का कोई फैसला कर रही है तो उसको इस फैसले को बदलना चाहिए क्योंकि जिस क्षेत्र में शराब की फैक्ट्री लगाई जा रही है वह धार्मिक क्षेत्र है गंगा और चार धाम का एक पावन मार्ग है अगर सरकार ऐसी जगह पर शराब की फैक्ट्री खोलने की बात कर रही है तो उनको नहीं खोलनी चाहिए यह फैसला उत्तराखंड के लिए धार्मिक क्षेत्रों के लिए और उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए बहुत अच्छा संदेश नहीं होगा इस विषय पर हम सरकार से बात करेंगे

बाइट--कैलाशानंद ब्रह्मचारी--महामंडलेश्वर अग्नि अखाड़ा

परमार्थ निकेतन के परमा अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने तो पूरे हिमालय क्षेत्र में ही शराब के सेवन को बंद करने की बात कही है उनका कहना है कि इस विषय पर सरकार से बात करूंगा अगर ऐसा कर रहे हो तो क्यों कर रहे हैं इससे अलग भी कई और उपाय हो सकते हैं मैं तो मानता हूं कि पूरे हिमालय में शराब का सेवन नहीं होना चाहिए अगर मस्ती ही करनी है तो शराब से नहीं मस्ती लेनी है तो ध्यान लगाओ संस्कृतन करो और गंगा आरती देखो उत्तराखंड देव भूमि है हमको कोशिश करनी है यहां पर हमें अपनी मस्ती को जिंदा रखना है मगर मस्ती को हस्ती मिटा कर नहीं

बाइट--स्वामी चिदानंद मुनि--परमा अध्यक्ष परमार्थ निकेतन

सरकार द्वारा देवप्रयाग में शराब की फैक्ट्री लगाने का जहां सभी संत समाज विरोध कर रहा है तो वही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी खुलकर सरकार के पक्ष में खड़े हो गए हैं नरेंद्र गिरी का कहना है कि पूरा उत्तराखंड ही शराब पी रहा है अगर सरकार फैक्ट्री लगा रही है तो इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए फैक्ट्री लगने से उत्तराखंड में रोजगार बढ़ेगा शराब से ही रोजगार चलता है तो किसी को क्या दिक्कत है मैं तो इस बात का खुलकर समर्थन करता हूं कि शराब खूब पियो क्यों क्योंकि पहाड़ का मौसम ऐसा होता है वहां पर शराब पिए बिना कोई रह नहीं सकता इसलिए पहाड़ पर सभी शराब का सेवन करते हैं अगर सरकार वहां शराब की व्यवस्था कर रही है तो बहुत ही ठीक कर रही है

बाइट- नरेंद्र गिरी--अखाड़ा परिषद अध्यक्ष


Conclusion:देवप्रयाग में शराब की फैक्ट्री लगने का जहां पूरा संत समाज विरोध कर रहा है तो वही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने सरकार का कुल का समर्थन करने के साथ ही देवभूमि की मर्यादा को भी खंडित कर दिया है क्योंकि उन्होंने देव भूमि को शराब पीने वाली भूमि बता दिया है और लोगों से अपील भी कर डाली की शराब का सेवन खुलकर करो मगर वे यह भूल गए कि वह एक है संत है और संत हमेशा लोगों को सच्चे मार्ग पर ही चलना सिखाता है ना कि शराब पीने का सेवन करना अब देखना होगा नरेंद्र गिरी के इस बयान के बाद उनका कितना विरोध होता है
Last Updated : Jul 12, 2019, 3:35 PM IST
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