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वैज्ञानिकों का दावा- बढ़ती गर्मी के लिए खुद लोग हैं जिम्मेदार, जानिए क्या है वजह

रुड़की में तापमान बढ़ने के कारण लोग काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. वहीं, मौसम वैज्ञानिक ने आबादी और पेड़ों के कटान को गर्मी का प्रमुख कारण बताया. साथ ही कृषि क्षेत्र में आबादी बढ़ने से भी तापमान में वृद्धि की बात कहीं है.

बढ़ती गर्मी के लिए खुद लोग हैं जिम्मेदार.
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Published : May 29, 2019, 11:23 PM IST

रुड़की: आने वाले दिनों में अभी लोगों को गर्मी से राहत मिलती नहीं दिख रही है. मौसम विभाग के अनुसार जून में गर्मी और सताएगी. राष्ट्रीय जल संस्थान रुड़की के वैज्ञानिक प्रो. एल एन ठकराल ने बढ़ती आबादी और पेड़ों के कटान को गर्मी बढ़ने का प्रमुख कारण बताया है. साथ ही कृषि क्षेत्रों में आबादी बढ़ने से तापमान में वृद्धि की बात कही है.

बढ़ती गर्मी के लिए खुद लोग हैं जिम्मेदार.

उत्तराखंड को उत्तरी-पश्चिमी इलाकों की अपेक्षा काफी ठंडा माना जाता है, लेकिन गर्मी का प्रकोप अब देवभूमि में भी दिखने लगा है. रुड़की में बुधवार को तापमान 45 डिग्री के आसपास रहा, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. साथ ही लोग गर्मी से बचाव के लिए तमाम उपाय करते नजर आए.

ये भी पढ़ें: रेस्क्यू के बाद बाघिन की मौत से खड़े हुए कई सवाल, कॉर्बेट प्रशासन दे रहा गोलमोल जवाब

राष्ट्रीय जल संस्थान के मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहले के मुकाबले उत्तराखंड में गर्मी में बढ़ोत्तरी हुई है. इसकी मुख्य वजह प्रदेश में भारी मात्रा में हो रहे जंगलों का कटान और आबादी का बढ़ना है. वहीं, पहाड़ों और मैदानी इलाकों में पहले सड़कें भी कच्ची हुआ करती थी, जिससे क्षेत्र में नमी बनी रहती थी. वहीं, आज पक्की सड़कों, पक्के मकानों और आबादी के कारण इलाके में दिनों-दिन तापमान में वृद्धि होती जा रही है.

रुड़की: आने वाले दिनों में अभी लोगों को गर्मी से राहत मिलती नहीं दिख रही है. मौसम विभाग के अनुसार जून में गर्मी और सताएगी. राष्ट्रीय जल संस्थान रुड़की के वैज्ञानिक प्रो. एल एन ठकराल ने बढ़ती आबादी और पेड़ों के कटान को गर्मी बढ़ने का प्रमुख कारण बताया है. साथ ही कृषि क्षेत्रों में आबादी बढ़ने से तापमान में वृद्धि की बात कही है.

बढ़ती गर्मी के लिए खुद लोग हैं जिम्मेदार.

उत्तराखंड को उत्तरी-पश्चिमी इलाकों की अपेक्षा काफी ठंडा माना जाता है, लेकिन गर्मी का प्रकोप अब देवभूमि में भी दिखने लगा है. रुड़की में बुधवार को तापमान 45 डिग्री के आसपास रहा, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. साथ ही लोग गर्मी से बचाव के लिए तमाम उपाय करते नजर आए.

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राष्ट्रीय जल संस्थान के मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहले के मुकाबले उत्तराखंड में गर्मी में बढ़ोत्तरी हुई है. इसकी मुख्य वजह प्रदेश में भारी मात्रा में हो रहे जंगलों का कटान और आबादी का बढ़ना है. वहीं, पहाड़ों और मैदानी इलाकों में पहले सड़कें भी कच्ची हुआ करती थी, जिससे क्षेत्र में नमी बनी रहती थी. वहीं, आज पक्की सड़कों, पक्के मकानों और आबादी के कारण इलाके में दिनों-दिन तापमान में वृद्धि होती जा रही है.

Intro:रुड़की


नोट- बाइट और स्क्रिप्ट मोजो से भेज रहा हु बाकी के विसुअल मेल से भेज रहा हु बाइट के बाद मोजो में कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण विसुअल कैमरे से करने पड़े थे


स्लग- बढ़ते हुए तापमान से जीना हुआ दूभर


एंकर- मई के महीना खत्म होने वाला है और जून की गर्मी अभी भी झेलनी बाकी है मई में गर्मी से लोगो का बुरा हाल है तो जून की आने वाली भयंकर गर्मी के बारे में सोचकर ही लोगो को डर लगता है वही राष्ट्रीय जल संस्थान रुड़की के वैज्ञानिकों का इस बढ़ती हुई गर्मी के बारे में अपनी अलग ही राय बताते है


Body:वीओ- जैसे जैसे रोजाना सूर्य देवता प्रकट होते है वैसे वैसे ही दिन की शुरुआत के बाद तापमान में बढ़ोतरी के साथ साथ गर्मी भी बढ़ जाती है जिसके कारण लोगो का घर से निकलना भी दूभर हो जाता है और अधिकतर लोगों अपने घरों में ही कैद होने को मजबूर हो जाते है दिल्ली और अन्य बड़े महानगरों में ही पहले ज्यादा गर्मी पड़ा करती थी उत्तराखंड राज्य को थोड़ा ठंडा क्षेत्र माना जाता था मगर अब बढ़ती आबादी और बड़ी बड़ी बिल्डिंगों के बनने के कारण उत्तराखंड में भी पारा चढ़ा रहता है वही आज की अगर हम बात करे तो रुड़की में भी गर्मी से लोगो का बुरा हाल है आज रुड़की में गर्मी का पारा 45 डिग्री के आसपास रहा जिसके कारण लोगो Kओ गर्मी की मार झेलनी पड़ी वही अगर हम बात करे तो रास्ट्रीय जल संस्थान के मौसम विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि पहले के मुकाबले उत्तराखंड में गर्मी के तापमान में बढ़ोतरी हुई है उनका कहना है की इसकी मुख्य वजह उत्तराखंड क्षेत्र में भारी मात्रा में हो रहे जंगलो का कटान और साथ ही साथ कंस्ट्रक्शन होने और आबादी बढ़ना भी मुख्य वजह रही है अब के मुकाबले पहले कॉन्क्रीट का इस्तेमाल कम होता था कच्ची सड़के होती है जमीन में नमी होती थी जिस्ले कारण गर्मियों के तापमान कम रहता था आज के समय मे पक्के मकानों ने कई कई मंजिलो के भवनों के रूप ले लिए है क्षेत्र की आबादी पहले के मुकाबले बढ़ गयी है जिसके कारण गर्मियों में तापमान में बढ़ोतरी हुई है

बाइट- प्रो- एल एन ठकराल- एन एच रुड़की-वैज्ञानिक


Conclusion:1
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