रुड़कीः रुड़की विधानसभा के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर मृत व्यक्ति का उपचार दिखाकर बिल बनाने और उक्त व्यक्ति को दो बार मृत दर्शाने का आरोप लगा है. मृतक के परिजनों ने रुड़की पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, अस्पताल के डॉक्टर भी अपनी लापरवाही मान रहे हैं. अस्पताल की तरफ से परिजनों से लिखित में माफी भी मांगी गई है.
जानकारी के मुताबिक मामला बीते 24 जून 2021 का है. लक्सर क्षेत्र के रहने वाले सतीश को निमोनिया की शिकायत पर रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल में सुबह करीब 3 बजे भर्ती कराया गया था. इस दौरान मरीज के परिजनों ने इमरजेंसी फीस के तौर पर 1200 रुपये भी जमा किए. इसके बाद डॉक्टरों द्वारा 6 घंटे तक मरीज का इलाज किया गया. लेकिन रात करीब 9 बजकर 32 मिनट पर मरीज को मृतक बताकर डिस्चार्ज कर दिया गया.
इस दौरान मरीज के परिजनों से 24 हजार रुपये की रकम भी वसूली गई. लेकिन मरीज के परिजनों के होश उस उस वक्त उड़ गए जब उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज मृत्यु का समय सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर देखा. परिजनों का कहना है कि इस दौरान जो इलाज या खून की जांच कराई गई, क्या वो फर्जी थे.
परिजनों ने कहा कि इस दौरान मरीज के कमरे में किसी को जाने नहीं दिया गया था. वहीं इस मामले पर जब परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन से सवाल किया गया तो प्रबंधन ने कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया. इसके बाद अब 17 जुलाई को परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गंगनहर कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है.
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वहीं परिजनों द्वारा अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देने के बाद 24 जुलाई को अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से लिखित रूप में माफी मांगी है. हालांकि अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि व्यक्ति की मौत रात 9 बजकर 32 मिनट पर ही हुई थी. स्टाफ की गलती के कारण गलतफहमी पैदा हुई.
वहीं इस मामले पर एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोभाल का कहना है कि पुलिस तहरीर के आधार पर जांच कर रही है. जल्द कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि यह वही अस्पताल है जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण 5 मरीजों की मौत हुई थी. इसकी पुष्टि खुद अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने बयान में की थी.