हरिद्वार: ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के मंडी का कुआं स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 5 की छत रात हुई बारिश में गिर गई. गनीमत यह रही कि हादसा रात के वक्त हुआ. वहीं, हादसे को लेकर विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम का कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग काफी समय से जर्जर स्थिति में थी. जिसकी सूचना शासन-प्रशासन को देने के बावजूद इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
राजकीय प्राथमिक विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम ने कहा कि स्कूल में 151 बच्चे पढ़ते हैं. जर्जर भवन होने के चलते इन बच्चों को खुले मैदान में पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि हादसे में विद्यालय का काफी सामान दब गया है. विद्यालय की जर्जर हालत की वजह से बच्चों सहित सभी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान दे, जिससे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग आजादी से पहले की बनी हुई है. यह हरिद्वार का सबसे पुराना प्राथमिक विद्यालय है. इस विद्यालय में काफी बच्चे पढ़ाई करते हैं. यह विद्यालय काफी जर्जर हालत में है और इस प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए कोई सुविधा नहीं है. साथ ही कहा कि स्कूल की स्थिति के बारे में शिक्षा विभाग से कई बार शिकायत की गई है. लेकिन शिक्षा विभाग ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. जिस कारण बच्चे विद्यालय के बाहर ही बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.
वहीं, इस विद्यालय के भूमि स्वामी इरफान अंसारी का कहना है कि शिक्षा विभाग को कई बार इस विद्यालय की जर्जर हालत के बारे में बताया गया है. लेकिन आज तक विद्यालय में कोई भी कार्य नहीं कराया गया. कई सालों से शिक्षा विभाग द्वारा इसका किराया भी नहीं दिया गया है.
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मुख्य बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहमपाल सैनी ने कहा कि विद्यालय के कमरे पहले ही गिर गए थे. जो यह इमारत गिरी है वह स्टोर रूम के रूप में यूज की जाती थी. इसपर जब उनसे पूछा गया कि शिक्षा विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती तो उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इसमें कुछ नहीं कर सकता. क्योंकि यह विद्यालय किराए की बिल्डिंग में चल रही है और जिनकी बिल्डिंग है उनको भी एतराज रहता है. जिस कारण मरम्मत का कार्य करना काफी मुश्किल हो जाता है.