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151 बच्चों वाले राजकीय प्राथमिक स्कूल की छत गिरी, बड़ा हादसा टला

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Published : Sep 18, 2019, 8:53 PM IST

हरिद्वार के ज्वालापुर मंडी इलाके में रात हुई बारिश के कारण राजकीय प्राथमिक स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिर गई. गनीमत रही कि यह हादसा रात में हुआ.

राजकीय प्राथमिक स्कूल की छत गिरी.

हरिद्वार: ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के मंडी का कुआं स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 5 की छत रात हुई बारिश में गिर गई. गनीमत यह रही कि हादसा रात के वक्त हुआ. वहीं, हादसे को लेकर विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम का कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग काफी समय से जर्जर स्थिति में थी. जिसकी सूचना शासन-प्रशासन को देने के बावजूद इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

राजकीय प्राथमिक स्कूल की छत गिरी.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम ने कहा कि स्कूल में 151 बच्चे पढ़ते हैं. जर्जर भवन होने के चलते इन बच्चों को खुले मैदान में पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि हादसे में विद्यालय का काफी सामान दब गया है. विद्यालय की जर्जर हालत की वजह से बच्चों सहित सभी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान दे, जिससे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो.

पढ़ें: प्रेमिका की हत्या के बाद प्रेमी ने लगाया मौत को गले, पुलिस पर खड़े हो रहे कई सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग आजादी से पहले की बनी हुई है. यह हरिद्वार का सबसे पुराना प्राथमिक विद्यालय है. इस विद्यालय में काफी बच्चे पढ़ाई करते हैं. यह विद्यालय काफी जर्जर हालत में है और इस प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए कोई सुविधा नहीं है. साथ ही कहा कि स्कूल की स्थिति के बारे में शिक्षा विभाग से कई बार शिकायत की गई है. लेकिन शिक्षा विभाग ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. जिस कारण बच्चे विद्यालय के बाहर ही बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

वहीं, इस विद्यालय के भूमि स्वामी इरफान अंसारी का कहना है कि शिक्षा विभाग को कई बार इस विद्यालय की जर्जर हालत के बारे में बताया गया है. लेकिन आज तक विद्यालय में कोई भी कार्य नहीं कराया गया. कई सालों से शिक्षा विभाग द्वारा इसका किराया भी नहीं दिया गया है.

हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मुख्य बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहमपाल सैनी ने कहा कि विद्यालय के कमरे पहले ही गिर गए थे. जो यह इमारत गिरी है वह स्टोर रूम के रूप में यूज की जाती थी. इसपर जब उनसे पूछा गया कि शिक्षा विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती तो उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इसमें कुछ नहीं कर सकता. क्योंकि यह विद्यालय किराए की बिल्डिंग में चल रही है और जिनकी बिल्डिंग है उनको भी एतराज रहता है. जिस कारण मरम्मत का कार्य करना काफी मुश्किल हो जाता है.

हरिद्वार: ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के मंडी का कुआं स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 5 की छत रात हुई बारिश में गिर गई. गनीमत यह रही कि हादसा रात के वक्त हुआ. वहीं, हादसे को लेकर विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम का कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग काफी समय से जर्जर स्थिति में थी. जिसकी सूचना शासन-प्रशासन को देने के बावजूद इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

राजकीय प्राथमिक स्कूल की छत गिरी.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम ने कहा कि स्कूल में 151 बच्चे पढ़ते हैं. जर्जर भवन होने के चलते इन बच्चों को खुले मैदान में पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि हादसे में विद्यालय का काफी सामान दब गया है. विद्यालय की जर्जर हालत की वजह से बच्चों सहित सभी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान दे, जिससे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो.

पढ़ें: प्रेमिका की हत्या के बाद प्रेमी ने लगाया मौत को गले, पुलिस पर खड़े हो रहे कई सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग आजादी से पहले की बनी हुई है. यह हरिद्वार का सबसे पुराना प्राथमिक विद्यालय है. इस विद्यालय में काफी बच्चे पढ़ाई करते हैं. यह विद्यालय काफी जर्जर हालत में है और इस प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए कोई सुविधा नहीं है. साथ ही कहा कि स्कूल की स्थिति के बारे में शिक्षा विभाग से कई बार शिकायत की गई है. लेकिन शिक्षा विभाग ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. जिस कारण बच्चे विद्यालय के बाहर ही बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

वहीं, इस विद्यालय के भूमि स्वामी इरफान अंसारी का कहना है कि शिक्षा विभाग को कई बार इस विद्यालय की जर्जर हालत के बारे में बताया गया है. लेकिन आज तक विद्यालय में कोई भी कार्य नहीं कराया गया. कई सालों से शिक्षा विभाग द्वारा इसका किराया भी नहीं दिया गया है.

हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मुख्य बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहमपाल सैनी ने कहा कि विद्यालय के कमरे पहले ही गिर गए थे. जो यह इमारत गिरी है वह स्टोर रूम के रूप में यूज की जाती थी. इसपर जब उनसे पूछा गया कि शिक्षा विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती तो उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इसमें कुछ नहीं कर सकता. क्योंकि यह विद्यालय किराए की बिल्डिंग में चल रही है और जिनकी बिल्डिंग है उनको भी एतराज रहता है. जिस कारण मरम्मत का कार्य करना काफी मुश्किल हो जाता है.

Intro:हरिद्वार में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया हरीद्वार में रात के समय हुई मूसलाधार बारिश से एक प्राथमिक विद्यालय की छत गिर गयी गनीमत ये रही कि यह हादसा रात के वक्त हुआ कही यह हादसा दिन के वक्त हुआ होता तो कई जाने भी जा सकती थी यह प्राथमिक विद्यालय काफी समय से जर्जर अवस्था में था इसको लेकर कई बार प्रशासन को इसकी शिकायत भी की गई थी मगर शिकायत के बावजूद इसके सम्बंधित विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और आज यह हादसा हो गया अब इस स्कूल में खुले में पढ़ने को मजबूर इन बच्चो का कितना भविष्य सवरेगा ये यहाँ के हालात देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं वही इस हादसे के बाद स्थानीय लोगो ने जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की और निरक्षण पर आये मुख्य बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नज़र आए Body:हरिद्वार ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में मंडी का कुआं स्थित प्राथमिक विद्यालय नंबर 5 की छत रात हुई बारिश में अचानक से भर भराकर गिर गयी इस स्कूल की जर्जर हालत को लेकर कई बार प्रशासन को इस से अवगत कराया गया मगर आज तक प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया प्राथमिक विद्यालय की प्रिंसिपल दिलशाद बेगम का कहना है कि विद्यालय की बिल्डिंग काफी समय से जर्जर हालत में थी हमारे द्वारा कई बार इसकी सूचना प्रशासन को दी गई मगर प्रशासन की तरफ से आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई इस स्कूल में 151 बच्चे पढ़ते हैं अगर यह हादसा तो कई बच्चे घायल हो जाते विद्यालय का काफी सामान इसमें दब गया है विद्यालय की जर्जर हालत की वजह से बच्चों सहित सभी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है हम चाहते हैं प्रशासन इस तरफ ध्यान दें जिससे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना हो

बाइट--दिलशाद बेगम----प्रिंसिपल----प्राथमिक विद्यालय

हरिद्वार में तमाम ऐसे प्राथमिक विद्यालय है जिनकी हालत जर्जर अवस्था में है मगर शासन और प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता है कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग आजादी से पहले की बनी हुई है और यह हरिद्वार का सबसे पुराना प्राथमिक विद्यालय है इस विद्यालय में क्षेत्र के काफी लोग पढ़ा करते थे अब भी इस विद्यालय में काफी बच्चे पढ़ाई करते हैं यह विद्यालय काफी जर्जर अवस्था में है और इस प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को कई बार की गई है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया बच्चे विद्यालय के बाहर ही बैठकर पढ़ने को मजबूर है चाहे धूप हो या बरसात हो आज जिस तरह से विद्यालय में भवन की छत गिरी है गनीमत रही है कि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ हम चाहते इस तरफ शिक्षा विभाग ध्यान दें

बाइट--तनवीर अहमद----स्थानीय निवासी
बाइट--जावेद----स्थानीय निवासी

शिक्षा विभाग हमेशा ही रोना रोता है कि हरिद्वार में तमाम प्राथमिक विद्यालय किराए की बिल्डिंग पर चल रहे हैं बिल्डिंग स्वामी जर्जर अवस्था में विद्यालयों की मरम्मत कराने नहीं देते मगर इससे उलट बिल्डिंग स्वामियों शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं इस विद्यालय के भूमि स्वामी इरफान अंसारी का कहना है कि हमारे द्वारा शिक्षा विभाग को कई बार इस विद्यालय की जर्जर अवस्था के बारे में बोला गया है मगर आज तक इनके द्वारा विद्यालय में कोई भी कार्य नहीं कराया गया है इस विद्यालय में क्षेत्र के गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते हैं हमारे दादा जी ने इस विद्यालय को किराए पर दिया था और इस विद्यालय का किराया 28 रुपए 80 पैसे मिलते हैं मगर कई सालों से शिक्षा विभाग द्वारा इसका किराया भी नहीं दिया गया है हमारे द्वारा कई बार विभाग को बोला गया है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए यहां पर कमरे बनाए जाए और जितनी जमीन उन्हें चाहिए हम देने के लिए तैयार है इसमें शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने नजर आ रही है हमारे द्वारा नगर निगम को भी अवगत करा दिया गया है कि यह बिल्डिंग जर्जर हालत में है और बच्चे बाहर पढ़ने को मजबूर है हम चाहते हैं यहां पर शिक्षा विभाग बढ़िया तरीके से विद्यालय का निर्माण कराएं

बाइट--इरफान अंसारी--भूमि स्वामी----प्राथमिक विद्यालय नंबर 5

बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए शासन-प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है मगर धरातल पर शासन प्रशासन के सभी दावे धरे रह जाते हैं प्राथमिक विद्यालय में हुए इस हादसे ने भी शासन और प्रशासन की करनी कथनी में अंतर ला दिया है हादसे के बाद मौके पर पहुंचे बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहमपाल सिंह से मीडिया ने इस बारे में पूछा तो वह बगले झांकने नजर आए इनका कहना है कि इस विद्यालय के कमरे पहले ही गिर गए थे और जो यह इमारत गिरी है वह स्टोर रूम के रूप में यूज की जाती थी मगर जब उनसे पूछा गया कि शिक्षा विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती तो उनका कहना है कि शिक्षा विभाग इसमें कुछ नहीं कर सकता क्योंकि यह विद्यालय किराए की बिल्डिंग पर चल रहे हैं और जिनकी बिल्डिंग है उनका भी एतराज रहता है इसलिए मरम्मत का कार्य करना काफी मुश्किल हो जाता है जब उनसे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधा सीधा बोल दिया कि विद्यालय के बाहर ही बच्चे बैठकर पढ़ते हैं इसमें उनको कोई भी जान माल का नुकसान नहीं होगा मगर अधिकारी साहब यह भूल गए कि इन बच्चों की सुरक्षा और अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी उन्हीं की है जरा आप भी सुनिए बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से कैसे भाग रहे है

बाइट--ब्रहमपाल सैनी----मुख्य बेसिक शिक्षा अधिकारी
Conclusion:बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रहमपाल सैनी को भला कौन समझाए की हादसे की चपेट में बच्चे नहीं आए मगर तो हादसा होता हैं भले ही उसमे मिडडे मिल के तहत बनने वाले भोजन का सामान ही रखा हो लेकिन अक्सर स्कूल के समय मे कमरो में बच्चो ओर भोजन माताओ की आवाजाही रहती हैं ऐसे में भर-भराकर गिरी इस बिल्डिंग के बाद विभाग क्या कुछ इंतजाम करता है देखना दिलचस्प होगा क्योंकि बच्चों के बेहतर भविष्य की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधों पर है मगर यह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं
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